ETV Bharat / state

होली में धड़ल्ले से बिकी बिहार में शराब.. 72 घंटे में अब तक 41 लोगों की संदिग्ध मौत - liquor prohibition law in bihar

ड्राई स्टेट बिहार (Dry state Bihar) में जहरीली शराब से 41 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. मरने वालों के परिजनों का कहना है कि शराब पीकर ही ये मौत हुई है. शराबबंदी को लेकर खुद सीएम नीतीश प्रदेश में नजर बनाए हुए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार पुलिस वालों को नसीहत भी दे चुके हैं. लेकिन हर बार पुलिसिया तंत्र पर शराब माफिया हावी होते जा रहे हैं. जितनी भी मौतें हुईं हैं प्रशासन की ओर से अभी तक पुष्टि नहीं की गई है.

72 घंटे में अब तक 41 लोगों की संदिग्ध मौत
बिहार में होली में धड़ल्ले से बिकी शराब
author img

By

Published : Mar 21, 2022, 5:08 PM IST

Updated : Mar 21, 2022, 5:15 PM IST

पटना : बिहार में कथित जहरीली शराब (Bihar hooch tragedy) से मरने वालों की संख्या 41 हो गई है. भागलपुर, बांका, मोतिहारी और सिवान में जहरीली शराब ने तांडव मचाया हुआ है. पुलिस की सख्ती के बावजूद शराबबंदी वाले बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है. ना तो जमीन पर पुलिस कुछ असर है और ना ही आसमान से हेलिकॉप्टर या ड्रोन नजर रख पा रहा है. होली में नशेड़ियों को जो कुछ मिला वो गटक लिया. नतीजा ये हुआ कि अब तक कई लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है. प्रशासन इस मामले में पुष्टि करने से बचता दिख रहा है. बिहार में अभी भी 24 से ज्यादा लोगों का इलाज चल रहा है. इनमें से कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है.

ये भी पढ़ें- कानून का 'डर'! सुनिए इस महिला का दर्द, बोतल दिखा.. बता रही है कि कैसे हुई पति की मौत?

भागलपुर में 22 लोगों की संदिग्ध मौत : अकेले भागलपुर जिले में 22 लोगों की संदिग्ध मौत (Death by alcohol in Bihar) हुई है. जिले में विश्विद्यालय थाना क्षेत्र और नवगछिया के भवानीपुर ओपी थाना क्षेत्र में शराब से ज्यादातर मौतें हुईं हैं. दर्जनभर से ज्यादा लोग यहां बीमार हैं. जहरीली शराब से मौत और दर्जनों लोग के बीमार होने की सूचना से पूरे इलाके में अभी भी खलबली मची हुई है. प्रशासन ये जानने में जुटा है कि इतनी संख्या में हुई मौत की असल वजह जहरीली शराब है या कुछ और?

बांका में 13 लोगों की संदिग्ध मौत : बांका में भी 13 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. मृतकों के परिजनों की मानें तो जहरीली शराब पीने से मौत हुई है. वहीं पुलिस और प्रशासन की टीम ने डीएम और एसपी के नेतृत्व में जांच की है. प्रशासन की टीम ने पाया की मौतों की वजह बीमारी है. प्रशासन ने दावा किया है कि ये सभी मौतें बीमारी की वजह से हुईं हैं. खुद प्रशासन की टीम मरने वालों के घर पहुंचकर परिजनों के बयान के आधार पर जानकारी इकट्ठा किया है. सवाल इस बात का है कि यही प्रशासन जब किसी की मौत होती है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार करता है. लेकिन इस मामले में अपनी 'इंटरनल रिपोर्ट' पर भरोसा करके ये कह दिया कि बीमारी की वजह से मौत हुई है. फिर सवाल उठता है कि क्या प्रशासन के जांच का आधार 'पोस्टमार्टम रिपोर्ट' है या 'इंटरनल सर्वे'? क्योंकि प्रशासन द्वारा जारी लेटर में साफ साफ कहा गया है कि परिजनों का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है. बिना पोस्टमार्टम के ही सभी का दाह संस्कार करने दिया गया ?

बांका प्रशासन द्वारा जारी किया गया पत्र
बांका प्रशासन द्वारा जारी किया गया पत्र

मधेपुरा में 3 की मौत : जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र में एक ही गांव के कई लोग बीमार पड़ गए. जिसमें अब तक तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं कई लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे हैं. मौत जहरीली शराब पीने से ही हुई है इसकी पुष्टि प्रशासन ने अभी तक नहीं की है.

सिवान में 3 लोगों की मौत: बात सिवान की करें तो यहां भी तीन लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत बताई जा रही है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सरावे गांव और छोटपुर गांव के ग्रामीणों ने खरीदकर जहरीली शराब का सेवन किया था. परिवार वालों का आरोप है कि इन सभी की मौत की वजह जहरीली शराब ही है. सिवान में एक मृतक की पत्नी सिंगरीया देवी मीडिया को बोतल दिखाकर बता रही है कि मेरे पति की मौत इस बोतल की शराब पीने से हुई है. वृद्ध महिला ने कहा कि उल्टी हुई फिर पेट दर्द हुआ फिर मौत हो गई. पर बार-बार कुरेदने के बाद भी शराब का नाम लेने से डर रही है. इस केस में भी प्रशासन कुछ भी बोलने से बचता दिख रहा है. अभी भी दो लोगों का इलाज जारी है.

बिहार में 2016 से शराबबंदी: गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी.

अब तक करीब तीन लाख से ज्यादा मामले दर्ज: बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor prohibition law in Bihar) लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. बिहार में जारी शराबबंदी को लेकर उत्पाद विभाग और मद्यनिषेध विभाग ने हाल के दिनों में समीक्षा की थी और इसके बाद विभाग ने यह बड़ा फैसला लिया है.

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना : बिहार में कथित जहरीली शराब (Bihar hooch tragedy) से मरने वालों की संख्या 41 हो गई है. भागलपुर, बांका, मोतिहारी और सिवान में जहरीली शराब ने तांडव मचाया हुआ है. पुलिस की सख्ती के बावजूद शराबबंदी वाले बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है. ना तो जमीन पर पुलिस कुछ असर है और ना ही आसमान से हेलिकॉप्टर या ड्रोन नजर रख पा रहा है. होली में नशेड़ियों को जो कुछ मिला वो गटक लिया. नतीजा ये हुआ कि अब तक कई लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है. प्रशासन इस मामले में पुष्टि करने से बचता दिख रहा है. बिहार में अभी भी 24 से ज्यादा लोगों का इलाज चल रहा है. इनमें से कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है.

ये भी पढ़ें- कानून का 'डर'! सुनिए इस महिला का दर्द, बोतल दिखा.. बता रही है कि कैसे हुई पति की मौत?

भागलपुर में 22 लोगों की संदिग्ध मौत : अकेले भागलपुर जिले में 22 लोगों की संदिग्ध मौत (Death by alcohol in Bihar) हुई है. जिले में विश्विद्यालय थाना क्षेत्र और नवगछिया के भवानीपुर ओपी थाना क्षेत्र में शराब से ज्यादातर मौतें हुईं हैं. दर्जनभर से ज्यादा लोग यहां बीमार हैं. जहरीली शराब से मौत और दर्जनों लोग के बीमार होने की सूचना से पूरे इलाके में अभी भी खलबली मची हुई है. प्रशासन ये जानने में जुटा है कि इतनी संख्या में हुई मौत की असल वजह जहरीली शराब है या कुछ और?

बांका में 13 लोगों की संदिग्ध मौत : बांका में भी 13 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. मृतकों के परिजनों की मानें तो जहरीली शराब पीने से मौत हुई है. वहीं पुलिस और प्रशासन की टीम ने डीएम और एसपी के नेतृत्व में जांच की है. प्रशासन की टीम ने पाया की मौतों की वजह बीमारी है. प्रशासन ने दावा किया है कि ये सभी मौतें बीमारी की वजह से हुईं हैं. खुद प्रशासन की टीम मरने वालों के घर पहुंचकर परिजनों के बयान के आधार पर जानकारी इकट्ठा किया है. सवाल इस बात का है कि यही प्रशासन जब किसी की मौत होती है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार करता है. लेकिन इस मामले में अपनी 'इंटरनल रिपोर्ट' पर भरोसा करके ये कह दिया कि बीमारी की वजह से मौत हुई है. फिर सवाल उठता है कि क्या प्रशासन के जांच का आधार 'पोस्टमार्टम रिपोर्ट' है या 'इंटरनल सर्वे'? क्योंकि प्रशासन द्वारा जारी लेटर में साफ साफ कहा गया है कि परिजनों का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है. बिना पोस्टमार्टम के ही सभी का दाह संस्कार करने दिया गया ?

बांका प्रशासन द्वारा जारी किया गया पत्र
बांका प्रशासन द्वारा जारी किया गया पत्र

मधेपुरा में 3 की मौत : जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र में एक ही गांव के कई लोग बीमार पड़ गए. जिसमें अब तक तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं कई लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे हैं. मौत जहरीली शराब पीने से ही हुई है इसकी पुष्टि प्रशासन ने अभी तक नहीं की है.

सिवान में 3 लोगों की मौत: बात सिवान की करें तो यहां भी तीन लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत बताई जा रही है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सरावे गांव और छोटपुर गांव के ग्रामीणों ने खरीदकर जहरीली शराब का सेवन किया था. परिवार वालों का आरोप है कि इन सभी की मौत की वजह जहरीली शराब ही है. सिवान में एक मृतक की पत्नी सिंगरीया देवी मीडिया को बोतल दिखाकर बता रही है कि मेरे पति की मौत इस बोतल की शराब पीने से हुई है. वृद्ध महिला ने कहा कि उल्टी हुई फिर पेट दर्द हुआ फिर मौत हो गई. पर बार-बार कुरेदने के बाद भी शराब का नाम लेने से डर रही है. इस केस में भी प्रशासन कुछ भी बोलने से बचता दिख रहा है. अभी भी दो लोगों का इलाज जारी है.

बिहार में 2016 से शराबबंदी: गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी.

अब तक करीब तीन लाख से ज्यादा मामले दर्ज: बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor prohibition law in Bihar) लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. बिहार में जारी शराबबंदी को लेकर उत्पाद विभाग और मद्यनिषेध विभाग ने हाल के दिनों में समीक्षा की थी और इसके बाद विभाग ने यह बड़ा फैसला लिया है.

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

Last Updated : Mar 21, 2022, 5:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.