पटना: वित्तीय वर्ष 2019-20 में केंद्र की ओर से सांसदों को क्षेत्र के विकास के लिए निधि आवंटित किए थे. निधि में सात, पांच और ढाई करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे. सांसद निधि (Sansad Nidhi) को खर्च करने में ज्यादातर सांसद उदासीन रहे. खास तौर पर उत्तरी बिहार के सांसद फिसड्डी साबित हुए हैं. मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद (Muzaffarpur MP Ajay Nishad) ने शत-प्रतिशत सांसद निधि का खर्च किया. उनके पास बहुत कम राशि बची रह गई है. वहीं, वैशाली सांसद वीणा देवी के पास दो करोड़ 60 लाख बचे हैं. जबकि शिवहर सांसद रमा देवी के पास 5 करोड़ में से एक करोड़ 85 लाख की राशि बची है.
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केंद्रीय मंत्री भी सांसद निधि को खर्च करने में पीछे हैं. 40 सांसदों में से कई सांसद केंद्र में मंत्री हैं. मंत्री सांसद निधि को खर्च करने में तत्पर नहीं दि. बक्सर से सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री अश्विनी चौबे ने अपने सांसद निधि से अपने क्षेत्र में सिर्फ एक करोड़ 75 लाख ही खर्च किया. उनके पास तीन करोड़ 25 लाख की राशि बची है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब सांसद रविशंकर प्रसाद ने तो मिली राशि का इस्तेमाल ही नहीं किया है. आवंटित राशि बची हुई है.
इसके अलावा केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी निधि से खर्च करने में उदासीनता दिखाई है. ये आवंटित पांच करोड़ में से सिर्फ 2.36 करोड़ राशि ही खर्च कर सके हैं. इसके अलावा मंत्री गिरिराज सिंह के पास 3.28 करोड़ रुपये शेष बचे हुए हैं.
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