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जामिया पहुंचे मनोज झा ने CAA के खिलाफ किया प्रोटेस्ट, झारखंड में BJP की हार पर ली चुटकी

आरजेडी नेता ने कहा कि जिस दिन नागरिकता संशोधन बिल पास हो रहा था. उस दिन स्वर्ग में मातम मनाया जा रहा था, जिसमें राष्ट्र को एक करने की सोच रखने वाले गांधी, नेहरू और अंबेडकर जैसे लोग सिर झुकाए बैठे होंगे.

मनोज कुमार झा
मनोज कुमार झा
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Published : Dec 24, 2019, 1:42 AM IST

नई दिल्ली: आरजेडी के राज्यसभा सांसद प्रो. मनोज कुमार झा जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शन में उनका साथ देने के पहुंचे. प्रदर्शन के दौरान उन्होंने बीजेपी को झारखंड में मिली हार पर चुटकी ली और कहा कि यह तो अभी शुरुआत है. अगर सरकार अपना तानाशाही फरमान वापस नहीं लेगी, तो जनता उन्हें उखाड़ फेंकेगी.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए मनोज कुमार झा ने कहा कि सड़क पर कोहराम मचा हुआ है, ऐसे में नागरिकता संशोधन कानून वापस जरूर होगा. चाहे तीन दिन बाद हो या तीन महीने बाद. उन्होंने जामिया के छात्रों के आंदोलन को संविधान की सुरक्षा करने वाला प्रोटेस्ट बताया.

क्या बोले मनोज कुमार झा

झारखंड में मिली हार पर तंज कसा
झारखंड में बीजेपी को मिली हार पर उन्होंने बड़े शायराना अंदाज में तंज कसते हुए कहा कि शोहरत की बुलंदी, तो पल भर का तमाशा है, जिस शाख पर बैठे हो वह शाख टूट सकती है. सांसद झा ने कहा कि झारखंड के लोगों ने दिखा दिया कि जो सरकार उनसे उनकी पहचान छीनेगी और उन्हें धर्म के नाम पर बांटेगी. उसे वो जड़ से उखाड़ फेकेंगे. साथ ही कहा कि यदि इस चुनाव से सीख लेकर अभी भी सरकार अपने कदम पीछे नहीं लेती, तो दिल्ली में भी झारखंड होगा.

छात्रों का किया उत्साहवर्धन
छात्रों का किया समर्थन

नहीं स्वीकार ऐसे फैसले-झा
सांसद झा ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि वह गांधी और नेहरू के आदर्शों पर चलने वाले हैं इसलिए हिंसा नहीं कर रहे हैं. बल्कि गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर अपील करते हैं कि वह अपना यह तानाशाही फरमान वापस ले लें. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी रैली के दौरान लाल किले पर दिए गए भाषण पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि यह जीत की ओर पहला कदम है. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपनी कही हुई बात से मुकर गए और कहा कि मैंने एनआरसी की तो बात ही नहीं की. जबकि संसद में उन्होंने एनआरसी लागू करने की बात सबकी मौजूदगी में ही कही थी. उन्होंने कहा कि अगर झूठ के लिए कोई नोबेल पुरस्कार होता, तो वह प्रधानमंत्री को जरूर दिया जाता.

प्रोटेस्ट के दौरान मनोज कुमार झा
प्रोटेस्ट के दौरान मनोज कुमार झा

दो राष्ट्र की सोच मान्य नहीं- प्रो. झा
आरजेडी नेता ने कहा कि जिस दिन नागरिकता संशोधन बिल पास हो रहा था. उस दिन स्वर्ग में मातम मनाया जा रहा था, जिसमें राष्ट्र को एक करने की सोच रखने वाले गांधी, नेहरू और अंबेडकर जैसे लोग सिर झुकाए बैठे होंगे. वहीं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच को जिन्ना की दो राष्ट्र की सोच वाला बताया और कहा कि जब आजादी के समय जिन्ना उन्हें भारत से अलग करना चाहता था. तब उन्होंने अपने मुल्क में रहने की चाहत के चलते जिन्ना की सोच को ठुकरा दिया और आज प्रधानमंत्री उस जिन्ना की दो राष्ट्र की सोच को जिंदा करना चाहते हैं, तो वह ऐसा होने नहीं देंगे.

'वापस होगा नागरिकता कानून'
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार यह कानून जल्द से जल्द वापस लेगी. फिर चाहे उसमें तीन दिन लगें या तीन महीने. उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े बादशाहों को भी आवाम के विरोध के आगे झुक कर अपना फैसला बदलना पड़ता है. बीजेपी के इस बादशाह को भी अपना फैसला बदलना होगा. साथ ही कहा कि संसद की आवाज दबाकर भले जीत दर्ज कर लें. लेकिन सड़क पर बैठी जनता की आवाज नहीं दबा सकते.

नई दिल्ली: आरजेडी के राज्यसभा सांसद प्रो. मनोज कुमार झा जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शन में उनका साथ देने के पहुंचे. प्रदर्शन के दौरान उन्होंने बीजेपी को झारखंड में मिली हार पर चुटकी ली और कहा कि यह तो अभी शुरुआत है. अगर सरकार अपना तानाशाही फरमान वापस नहीं लेगी, तो जनता उन्हें उखाड़ फेंकेगी.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए मनोज कुमार झा ने कहा कि सड़क पर कोहराम मचा हुआ है, ऐसे में नागरिकता संशोधन कानून वापस जरूर होगा. चाहे तीन दिन बाद हो या तीन महीने बाद. उन्होंने जामिया के छात्रों के आंदोलन को संविधान की सुरक्षा करने वाला प्रोटेस्ट बताया.

क्या बोले मनोज कुमार झा

झारखंड में मिली हार पर तंज कसा
झारखंड में बीजेपी को मिली हार पर उन्होंने बड़े शायराना अंदाज में तंज कसते हुए कहा कि शोहरत की बुलंदी, तो पल भर का तमाशा है, जिस शाख पर बैठे हो वह शाख टूट सकती है. सांसद झा ने कहा कि झारखंड के लोगों ने दिखा दिया कि जो सरकार उनसे उनकी पहचान छीनेगी और उन्हें धर्म के नाम पर बांटेगी. उसे वो जड़ से उखाड़ फेकेंगे. साथ ही कहा कि यदि इस चुनाव से सीख लेकर अभी भी सरकार अपने कदम पीछे नहीं लेती, तो दिल्ली में भी झारखंड होगा.

छात्रों का किया उत्साहवर्धन
छात्रों का किया समर्थन

नहीं स्वीकार ऐसे फैसले-झा
सांसद झा ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि वह गांधी और नेहरू के आदर्शों पर चलने वाले हैं इसलिए हिंसा नहीं कर रहे हैं. बल्कि गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर अपील करते हैं कि वह अपना यह तानाशाही फरमान वापस ले लें. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी रैली के दौरान लाल किले पर दिए गए भाषण पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि यह जीत की ओर पहला कदम है. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपनी कही हुई बात से मुकर गए और कहा कि मैंने एनआरसी की तो बात ही नहीं की. जबकि संसद में उन्होंने एनआरसी लागू करने की बात सबकी मौजूदगी में ही कही थी. उन्होंने कहा कि अगर झूठ के लिए कोई नोबेल पुरस्कार होता, तो वह प्रधानमंत्री को जरूर दिया जाता.

प्रोटेस्ट के दौरान मनोज कुमार झा
प्रोटेस्ट के दौरान मनोज कुमार झा

दो राष्ट्र की सोच मान्य नहीं- प्रो. झा
आरजेडी नेता ने कहा कि जिस दिन नागरिकता संशोधन बिल पास हो रहा था. उस दिन स्वर्ग में मातम मनाया जा रहा था, जिसमें राष्ट्र को एक करने की सोच रखने वाले गांधी, नेहरू और अंबेडकर जैसे लोग सिर झुकाए बैठे होंगे. वहीं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच को जिन्ना की दो राष्ट्र की सोच वाला बताया और कहा कि जब आजादी के समय जिन्ना उन्हें भारत से अलग करना चाहता था. तब उन्होंने अपने मुल्क में रहने की चाहत के चलते जिन्ना की सोच को ठुकरा दिया और आज प्रधानमंत्री उस जिन्ना की दो राष्ट्र की सोच को जिंदा करना चाहते हैं, तो वह ऐसा होने नहीं देंगे.

'वापस होगा नागरिकता कानून'
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार यह कानून जल्द से जल्द वापस लेगी. फिर चाहे उसमें तीन दिन लगें या तीन महीने. उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े बादशाहों को भी आवाम के विरोध के आगे झुक कर अपना फैसला बदलना पड़ता है. बीजेपी के इस बादशाह को भी अपना फैसला बदलना होगा. साथ ही कहा कि संसद की आवाज दबाकर भले जीत दर्ज कर लें. लेकिन सड़क पर बैठी जनता की आवाज नहीं दबा सकते.

Intro:नई दिल्ली ।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शन में उनका साथ देने के लिए पहुंचे राज्यसभा सांसद प्रोफेसर मनोज झा. उन्होंने बीजेपी को झारखंड में मिली हार पर चुटकी ली और कहा कि यह तो अभी शुरुआत है. अगर सरकार अपना तानाशाही फरमान वापस नहीं लेगी तो जनता उन्हें उखाड़ फेंकेगी. वहीं उन्होंने आश्वासन दिलाया है कि नागरिकता संशोधन कानून वापस जरूर होगा चाहे तीन दिन बाद हो या तीन महीने बाद. साथ ही छात्रों के इस आंदोलन को संविधान के पन्ने पर कालिख पुतने से बचाने की लड़ाई कहा.



Body:झारखंड में मिली हार पर तंज कसा

वहीं झारखंड में बीजेपी को मिली हार पर उन्होंने बड़े शायराना अंदाज़ में तंज कसते हुए कहा कि शोहरत की बुलंदी तो पल भर का तमाशा है जिस शाख पर बैठे हो वह शाख टूट सकती है. सांसद झा ने कहा कि झारखंड के लोगों ने दिखा दिया कि जो सरकार उनसे उनकी पहचान छीनेगी और उन्हें धर्म के नाम पर बांटेगी उसे वह जड़ से उखाड़ फेकेंगे. साथ ही कहा कि यदि इस चुनाव से सीख लेकर अभी भी सरकार अपने कदम पीछे नहीं लेती तो दिल्ली में भी झारखंड होगा.

जो फैसला संविधान से फासले में तब्दील हो वह स्वीकार नहीं

वहीं सांसद झा ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि वह गांधी और नेहरू के आदर्शों पर चलने वाले हैं इसलिए हिंसा नहीं कर रहे हैं बल्कि गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर अपील करते हैं कि वह अपना यह तानाशाही फरमान वापस ले लें. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी रैली के दौरान लाल किले पर दिए गए भाषण पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि यह जीत की ओर पहला कदम है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपनी कही भी बात से मुकर गए और कहा कि मैंने एनआरसी की तो बात ही नहीं की जबकि संसद में उन्होंने एनआरसी लागू करने की बात सबकी मौजूदगी में ही कही थी. उन्होंने कहा कि अगर झूठ के लिए कोई नोबेल पुरस्कार होता तो वह प्रधानमंत्री को जरूर दिया जाता.

दो राष्ट्र की सोच मान्य नहीं

इतना ही नहीं झा ने कहा कि जिस दिन नागरिकता संशोधन बिल पास हो रहा था उस दिन स्वर्ग में मातम मनाया जा रहा था जिसमें राष्ट्र को एक करने की सोच रखने वाले गांधी नेहरू अंबेडकर जैसे लोग सर झुकाए बैठे होंगे. वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच को जिन्ना की दो राष्ट्र की सोच वाला बताया और कहा कि जब आजादी के समय जिन्ना उन्हें भारत से अलग करना चाहता था तब उन्होंने अपने मुल्क में रहने की चाहत के चलते जिन्ना की सोच को ठुकरा दिया और आज प्रधानमंत्री उस जिन्ना की दो राष्ट्र की सोच को जिंदा करना चाहते हैं तो वह ऐसा होने नहीं देंगे.

वापस होगा नागरिकता कानून

वहीं नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार यह कानून जल्द से जल्द वापस लेगी फिर चाहे उसमें तीन दिन लगें या तीन महीने. उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े बादशाहों को भी आवाम के विरोध के आगे झुक कर अपना फैसला बदलना पड़ता है और बीजेपी के इस बादशाह को भी अपना फैसला बदलना होगा. साथ ही कहा कि संसद की आवाज़ दबाकर भले जीत दर्ज कर ले लेकिन सड़क पर बैठी जनता की आवाज़ नहीं दबा सकते.


Conclusion:बता दें कि पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

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