गया: बिहार के गया जिले में स्थित ब्रह्मवन एक ऐसा स्थान है, जहां सभी नक्षत्र राशियों से जुड़े दुर्लभ पेड़ और उनके संबंधित देवताओं की जानकारी प्राप्त होती है. यह स्थान विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी उल्टी चल रही दशा को सुधारने के उपायों की तलाश में होते हैं. यहां सभी नक्षत्रों और राशियों के दुर्लभ पेड़ लगाए गए हैं, और उनके बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की जाती है, जो सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है.
ब्रह्मयोनी पहाड़ की तलहटी में ब्रह्मवन की स्थापना: गया के ब्रह्मयोनी पहाड़ की तलहटी में ब्रह्मवन का निर्माण किया गया है, जो केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त योजना के तहत हाल के वर्षों में तैयार हुआ है. इस वन में न केवल दुर्लभ पक्षी और तितलियों का प्रजनन होता है, बल्कि यह पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र भी बन गया है. ब्रह्मवन पूरी तरह से जंगल के ढांचे में तैयार किया गया है, जहां सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए सभी 27 नक्षत्रों और 12 राशियों से संबंधित पेड़ लगाए गए हैं.
उल्टी दशा और ग्रह दोष से निजात के उपाय: सनातन धर्म के अनुसार, नक्षत्र और ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव होता है. अगर किसी व्यक्ति की उल्टी दशा चल रही हो, तो यह नक्षत्र दोष के कारण हो सकता है. ब्रह्मवन में नक्षत्रों से जुड़े पेड़ों को देखकर लोग संबंधित ग्रह दोष को दूर करने के उपाय जान सकते हैं. इस वन में एक बोर्ड पर सभी नक्षत्रों और उनके संबंधित देवताओं, तत्वों और वृक्षों के बारे में जानकारी दी गई है, जिससे लोग इन वृक्षों को घर में लगाकर पूजा कर सकते हैं और ग्रह दोष से मुक्ति पा सकते हैं.
नक्षत्र वृक्षों की विस्तृत जानकारी: यहां हर नक्षत्र के वृक्ष के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है, जैसे कि नक्षत्र का देवता, तत्व, नक्षत्र स्वामी, और उससे संबंधित वृक्ष का नाम. उदाहरण के तौर पर, अश्विनी नक्षत्र के देवता कुमार हैं, तत्व वायु है, और इसका वृक्ष कोचिला है. इसी प्रकार अन्य नक्षत्रों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है. इस प्रकार के उपायों से व्यक्ति अपने जीवन के समस्याओं से निपटने के लिए सही मार्गदर्शन पा सकता है.
नक्षत्र वृक्षों और देवताओं का संबंध: हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, मनुष्य के जन्म के साथ ही नक्षत्र, वृक्ष और देवता का संबंध स्थापित होता है. यदि किसी व्यक्ति के जीवन में समस्याएं आ रही हैं, तो वह अपनी जन्म कुंडली के आधार पर पुरोहित से समाधान प्राप्त कर सकता है. ब्रह्मवन में इन नक्षत्र वृक्षों को संरक्षित करके इस प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे लोग सही जानकारी प्राप्त कर सकें और अपनी उल्टी दशा से मुक्ति पा सकें.
ब्रह्मवन का आकर्षण: ब्रह्मवन न केवल नक्षत्रों से जुड़े दुर्लभ वृक्षों को संरक्षित करने का कार्य कर रहा है, बल्कि यह एक आकर्षण का केंद्र भी बन चुका है. ब्रह्मवन में आने वाले पर्यटक यहां के वृक्षों और उनके देवताओं के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं. इस प्रकार, ब्रह्मवन ने न केवल सनातन धर्म की मान्यताओं को संरक्षण दिया है, बल्कि दुर्लभ पेड़ों और झाड़ियों के संरक्षण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
ब्रह्मवन में नक्षत्रों के पेड़ों को देखकर चौंक गए लोग: ब्रह्मवन में आए एक पर्यटक बबलू कुमार ने बताया कि यहां नक्षत्रों के पेड़ और संबंधित देवताओं की जानकारी देखकर वह बहुत प्रभावित हुए. उन्होंने कहा, "यह एक बहुत अच्छी पहल है, जो लोगों को नक्षत्रों और ग्रहों से संबंधित जानकारी प्रदान करती है. इससे निश्चित रूप से बुरे ग्रह दोष से मुक्ति पाने में मदद मिल सकती है."
"यहां नक्षत्रों के पेड़ लगे हैं. संबंधित देवताओं की जानकारी भी दी गई है. यह सब देखकर हम चौंक गए. यह एक अच्छी पहल है. यहां जो भी लोग ब्रह्मवन को देखने आ रहे हैं, वह इसे जरूर देख रहे हैं."-बबलू कुमार, भ्रमण में आए युवक
नक्षत्र वृक्षों से जुड़ी जानकारी एक पहल: पंडित नारायण शास्त्री ने बताया कि ब्रह्मवन में नक्षत्रों से जुड़े वृक्षों और देवताओं के बारे में जानकारी देने की यह पहल एक महत्वपूर्ण कदम है. जो लोगों को न केवल सनातन धर्म से जुड़ी जानकारी प्रदान करती है, बल्कि दुर्लभ वृक्षों के संरक्षण में भी मदद करती है. यह वन अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है, जहां लोग नक्षत्रों और ग्रहों से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन की उल्टी दशा को सुधारने के उपायों को समझ सकते हैं.
"ग्रहों से संबंधित पेड़ पौधे देवता होते हैं, जिनके हवन पूजा से संबंधित व्यक्ति को बुरे ग्रह, किसी प्रकार के दोष में शांति मिलती है. इसके काफी प्रभाव है. ऐसे में नक्षत्रों से जुड़े पेड़ों देवताओं के बारे में ब्रह्मवन में जानकारी दी जा रही है, तो यह एक बहुत अच्छी बात है. लोग इसके संबंध में सार्वजनिक तौर पर भी देख रहे हैं और इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. निश्चित तौर पर ब्रह्मावन में एक बड़ा आकर्षण का केंद्र है."-पंडित नारायण शास्त्री, पुजारी
पढ़ें-दिल्ली तक हिट है कुशा घास से बना 'उद्यम झोपड़ा' मॉडल, लघु उद्यमियों के लिए वरदान - SUCCESS STORY