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Manish Kashyap Case: न्यायिक हिरासत में भेजा गया मनीष कश्यप, पूछताछ में किये कई खुलासे - यूट्यूबर मनीष कश्यप

तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों के साथ मारपीट की घटना को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के आरोप में यूट्यूबर मनीष कश्यप को जूडिशियल कस्टडी पर रखा गया है. मनीष कश्यप पर आरोप है कि उन्होंने तमिलनाडु में मजदूरों की हत्या की झूठी खबर फैलाई थी.

Manish Kashyap Case
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Published : Mar 20, 2023, 8:21 AM IST

Updated : Mar 20, 2023, 9:49 AM IST

पटना : सोशल मीडिया के जरिए तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ तथाकथित तौर पर मारपीट की घटना को प्रचारित और प्रसारित करने के आरोप में मनीष कश्यप को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. मनीष कश्यप को फिलहाल बेऊर जेल में रखा गया है. तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ तथाकथित तौर पर दुर्व्यवहार और मारपीट की घटना को सोशल मीडिया में बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया. सोशल मीडिया पर मजदूरों के हत्या की भी झूठी खबर चलाई गई. खबर चलने के बाद दोनों राज्यों में हालात बिगड़ने लगे और कानूनी कार्यवाही शुरू हुई. तमिलनाडु पुलिस ने भी प्राथमिकी दर्ज कराया और बिहार में भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई.

ये भी पढ़ें- Tamil Nadu Fake Video: बढ़ सकती है मनीष कश्यप की मुश्किलें..EoU के साथ तामिलनाडु पुलिस भी कर रही पूछताछ


जगदीशपुर ओपी में किया था मनीष ने सरेंडर: बिहार में 4 आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. अमन और राकेश तिवारी पहले ही गिरफ्तार कर लिए गए थे, लेकिन मनीष कश्यप लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था. दोनों राज्यों के पुलिस कई राज्यों में मनीष कश्यप को तलाश रही थी. आखिरकार आर्थिक अपराध इकाई की दबिश के बाद मनीष कश्यप ने बेतिया के जगदीशपुर थाने में गिरफ्तारी दी. उसके बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम मनीष कश्यप को साथ लेकर पटना आ गए और मनीष कश्यप से पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान मनीष कश्यप ने कई खुलासे किए हैं.


जेडीयू और बीजेपी नेताओं के संपर्क में था मनीष: मनीष कश्यप के कई राजनेताओं से संबंध थे. मनीष कश्यप ने जांच एजेंसियों को बताया कि राजनीतिक दलों के नेताओं से उनके अच्छे संबंध हैं. भाजपा के एक बड़े नेता से मनीष कश्यप संपर्क में था. इसके अलावा जदयू के नेताओं के संपर्क में भी मनीष कश्यप था. पिछले डेढ़ साल के दौरान यूट्यूब और फेसबुक के जरिए मनीष कश्यप ने मोटी कमाई की थी. लगभग एक करोड़ रुपए मनीष कश्यप सोशल मीडिया के जरिए कमाई करने में कामयाब हुआ था. मनीष कश्यप ने 68 लाख रुपए वेतन मद में खर्च दिखाया था.


वित्तीय अनियमितता की भी सामने आ रही बात: इसके अलावा मनीष एक इंटरव्यू या प्रमोशन का ₹50000 लेता था. सच तक के दफ्तर में जो रेड हुई उससे कई कागजात बरामद हुए. दफ्तर के कर्मियों से पूछताछ की जा रही है. आर्थिक अपराध इकाई सोमवार यानी आज मनीष कश्यप को रिमांड पर लेने की तैयारी में है. मनीष कश्यप के रिमांड के लिए पूर्व में आवेदन दिया जाएगा. 7 दिनों के रिमांड का अनुरोध जांच एजेंसी कोर्ट से करेगी और उसके बाद विस्तार से मनीष कश्यप से पूछताछ होगी.


तमिलनाडु पुलिस भी लेगी ट्रांजिट रिमांड: इधर तमिलनाडु पुलिस भी पटना में कैंप कर रही है. कल अधिकारियों की टीम भी पहुंचने वाली है. तमिलनाडु पुलिस भी ट्रांसिट रिमांड लेने की तैयारी में है. तमिलनाडु पुलिस ने भी कई अखबार और डिजिटल मीडिया से जुड़े दफ्तर में जाकर पूछताछ की है.

पटना : सोशल मीडिया के जरिए तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ तथाकथित तौर पर मारपीट की घटना को प्रचारित और प्रसारित करने के आरोप में मनीष कश्यप को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. मनीष कश्यप को फिलहाल बेऊर जेल में रखा गया है. तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ तथाकथित तौर पर दुर्व्यवहार और मारपीट की घटना को सोशल मीडिया में बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया. सोशल मीडिया पर मजदूरों के हत्या की भी झूठी खबर चलाई गई. खबर चलने के बाद दोनों राज्यों में हालात बिगड़ने लगे और कानूनी कार्यवाही शुरू हुई. तमिलनाडु पुलिस ने भी प्राथमिकी दर्ज कराया और बिहार में भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई.

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जगदीशपुर ओपी में किया था मनीष ने सरेंडर: बिहार में 4 आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. अमन और राकेश तिवारी पहले ही गिरफ्तार कर लिए गए थे, लेकिन मनीष कश्यप लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था. दोनों राज्यों के पुलिस कई राज्यों में मनीष कश्यप को तलाश रही थी. आखिरकार आर्थिक अपराध इकाई की दबिश के बाद मनीष कश्यप ने बेतिया के जगदीशपुर थाने में गिरफ्तारी दी. उसके बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम मनीष कश्यप को साथ लेकर पटना आ गए और मनीष कश्यप से पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान मनीष कश्यप ने कई खुलासे किए हैं.


जेडीयू और बीजेपी नेताओं के संपर्क में था मनीष: मनीष कश्यप के कई राजनेताओं से संबंध थे. मनीष कश्यप ने जांच एजेंसियों को बताया कि राजनीतिक दलों के नेताओं से उनके अच्छे संबंध हैं. भाजपा के एक बड़े नेता से मनीष कश्यप संपर्क में था. इसके अलावा जदयू के नेताओं के संपर्क में भी मनीष कश्यप था. पिछले डेढ़ साल के दौरान यूट्यूब और फेसबुक के जरिए मनीष कश्यप ने मोटी कमाई की थी. लगभग एक करोड़ रुपए मनीष कश्यप सोशल मीडिया के जरिए कमाई करने में कामयाब हुआ था. मनीष कश्यप ने 68 लाख रुपए वेतन मद में खर्च दिखाया था.


वित्तीय अनियमितता की भी सामने आ रही बात: इसके अलावा मनीष एक इंटरव्यू या प्रमोशन का ₹50000 लेता था. सच तक के दफ्तर में जो रेड हुई उससे कई कागजात बरामद हुए. दफ्तर के कर्मियों से पूछताछ की जा रही है. आर्थिक अपराध इकाई सोमवार यानी आज मनीष कश्यप को रिमांड पर लेने की तैयारी में है. मनीष कश्यप के रिमांड के लिए पूर्व में आवेदन दिया जाएगा. 7 दिनों के रिमांड का अनुरोध जांच एजेंसी कोर्ट से करेगी और उसके बाद विस्तार से मनीष कश्यप से पूछताछ होगी.


तमिलनाडु पुलिस भी लेगी ट्रांजिट रिमांड: इधर तमिलनाडु पुलिस भी पटना में कैंप कर रही है. कल अधिकारियों की टीम भी पहुंचने वाली है. तमिलनाडु पुलिस भी ट्रांसिट रिमांड लेने की तैयारी में है. तमिलनाडु पुलिस ने भी कई अखबार और डिजिटल मीडिया से जुड़े दफ्तर में जाकर पूछताछ की है.

Last Updated : Mar 20, 2023, 9:49 AM IST
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