पटना: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार को बताया कि बताया कि पिछले दो दिनों से ब्लैक फंगस (Black Fungus) की बीमारी में यूज होने वाला इंजेक्शन एंफोटेरिसिन बी ( Liposmal Amphotericin B Injection ) की जरूर कुछ कमी हो गई थी, लेकिन अब 1700 वायल उपलब्ध कराया गया है. अब इसे प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट अस्पतालों को ये दवा आवंटित की जा रही है.
अस्पतालों को उपलब्ध करायी जा रही दवा
मंगल पांडे ने कहा कि इसके साथ ही ब्लैक फंगस के इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम ने पोसाकोनाजोल 100 एमजी और 300 एमजी की टेबलेट को अप्रूवल दे दिया है. ऐसे में चिकित्सकों की सलाह पर अब सरकार की ओर से इसे भी अस्पतालों में उपलब्ध कराया जा रहा है.
'बिहार देश में सबसे पहला राज्य बना है जो 15 मई से ही जब ब्लैक फंगस के मामले आने शुरू हुए इसके इलाज में उपयोग होने वाली दवाइयों को अस्पतालों में सरकार की तरफ से उपलब्ध कराना शुरू कर दिया. अभी के समय में प्रदेश में लगभग 400 की संख्या में ब्लैक फंगस के मरीज हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है.' :- मंगल पांडे, स्वास्थ मंत्री
पीएमसीएच में 28 मरीज भर्ती
वहीं अगर पीएमसीएच की बात करें तो अस्पताल में वर्तमान समय में ब्लैक फंगस के 28 मरीज एडमिट हैं. मंगलवार को 4 नए मरीज एडमिट हुए हैं. जबकि 3 मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर पटना एम्स और आईजीआईएमएस में सर्जरी के लिए रेफर किया गया है. अस्पताल में बीते 24 घंटे में ब्लैक फंगस से एक मरीज की मौत हुई है. 50 वर्षीय मृतक कृष्ण कांत शर्मा वैशाली जिले के राघोपुर क्षेत्र के रहने वाले थे.
PMCH में 6 लोगों की हो चुकी है मौत
इसके साथ ही बता दे पीएमसीएच में जब से ब्लैक फंगस का इलाज शुरू हुआ है. अब तक अस्पताल से 6 मरीज की जान जा चुकी है. दो सप्ताह से अधिक समय हो गए मगर अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों का सर्जरी शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में पटना एम्स पर और आईजीआईएमएस पर ब्लैक फंगस के सर्जरी वाले मरीजों का काफी लोड बढ़ गया है.