पटनाः बिहार विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही जारी है. इससे पहले माले ने विधानसभा के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान कानून व्यवस्था से लेकर सीमांचल के विकास और आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने की मांग की गई.
"गृह विभाग सबसे महत्वपूर्ण विभाग है. इसिलिए हमलोग चाहते हैं कि पूरे बिहार के विकास पर बात होनी चाहिए. सरकार पूरे सीमांचल जोन पर ध्यान नहीं दे रही है. हमलोग चाहते हैं कि इसके लिए स्पेशल राशि आवंटित की जाए. डेमोक्रेसी पर हमला हो रहा है. साथ ही आशा कर्मियों को मानदेय नहीं दिया जा रहा है. हमलोग इन्हीं मुद्दों पर मांग कर रहे हैं." -अजित कुशवाहा, विधायक, माले
'आशा कार्यकर्ताओं से मुफ्त में करवाया जा रहा काम'
माले विधायक अजित कुशवाहा ने कहा कि लोगों के संवैधानिक हक छीन लिए गए हैं. आज धरना और विरोध प्रदर्शन पर रोक लगी है. उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं से मुफ्त में काम करवाया जा रहा है. हमलोग आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाकर 21,000 करने की मांग कर रहे हैं.
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'आरोपी को संरक्षण दे रही सरकार'
अजित कुशवाहा ने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था लचर है. यहां लूट चोरी और अन्य अपराध जमकर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों के साथ नाइंसाफी कर रही है. बिहार में खुलेआम शराब बिक्री हो रही है. मंत्री रामसूरत राय के प्रकरण में भी सरकार आरोपी को संरक्षण दे रही है.