पटना: बिहार बोर्ड की कार्यशैली पर यूं ही सवाल नहीं उठता है. पिछले कुछ सालों में बोर्ड ने ऐसे-ऐसे कारनामे किए हैं. जिससे ना सिर्फ पटना हाई कोर्ट में फटकार लगी है. बल्कि, बोर्ड की वजह से सरकार की भी बदनामी भी हुई है. राज्य में इंटर की परीक्षा हो रही है. जाहिर है इस बार भी विभाग के दावे फेल साबित होते दिख रहे हैं.
मसौढ़ी में बने 5 परीक्षा केंद्र, जो सिर्फ महिलाओं के लिए हैं. वहां विभाग की लापरवाही के कारण एक पुरुष परीक्षार्थी परीक्षा दे रहा है. 940 महिला परीक्षार्थियों में एक पुरुष परीक्षार्थी जिसका नाम फिरोज है, जो धनरूआ स्थित भेडगांवा के आरआरपीएस कॉलेज से नामांकित है और यहां मसौढ़ी के गिरिजाकुमार हाई स्कूल में उसका परीक्षा सेंटर है.
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दरअसल, बताया जाता है कि परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान जेंडर में मेल के बजाय फीमेल हो गया था. जिस वजह से लड़कियों के बीच बैठकर उसे परीक्षा देना पड़ रहा है. हालांकि, बिहार बोर्ड की लापरवाही के कारण एडमिट कार्ड बनाने के दौरान एक पुरुष परीक्षार्थी को महिला परीक्षार्थी के सेंटर में भेज दिया गया है. लेकिन फोटो और नाम देखकर भी विभाग के अधिकारी ने एडमिट कार्ड पर जेंडर को ठीक करना सही नहीं समझा.
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मसौढ़ी एसडीम अनिल कुमार सिन्हा ने बताया कि भूलवश परीक्षा फॉर्म में जेंडर बदल जाने से लड़कियों के परीक्षा सेंटर पर एक लड़का एग्जाम दे रहा है. इसके लिए अलग से व्यवस्था की गई है.