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बिहार के 95 प्रतिशत जीते सांसद हैं करोड़पति, 82 फीसदी पर हैं आपराधिक मामले

बिहार में अमीर सांसदों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यदि हम केवल पिछले लोकसभा चुनाव से तुलना करें तो 2014 में 83 फीसदी सांसद ही करोड़पति थे. लेकिन इस बार 95 फीसदी सांसद करोड़पति हैं.

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Published : May 28, 2019, 9:02 PM IST

पटना: लोकसभा चुनाव में इस बार बिहार में चुने गए हैं 40 सांसदों में से अधिकांश करोड़पति हैं. चुनाव में इस बार 40 में से 39 सांसद एनडीए के चुने गए हैं. वहीं, एक सांसद कांग्रेस पार्टी से हैं. बिहार के चुने गए सांसदों में एडीआर और इलेक्शन वॉच के अनुसार 95 प्रतिशत सांसद करोड़पति हैं. जबकि 32 सांसदों यानी 82 फीसदी सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. 22 सांसदों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें जेडीयू के 8, बीजेपी के 11 और एलजेपी के तीन सांसद शामिल हैं.

पटना से खास रिपोर्ट


इलेक्शन वॉच और एडीआर की रिपोर्ट
बिहार इलेक्शन वॉच और एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार इस बार नवनिर्वाचित सांसदों में से 37 सांसद करोड़पति हैं. एलजेपी के सभी छह सांसद करोड़पति हैं तो वहीं कांग्रेस से चुने गए एक मात्र सांसद भी करोड़पति हैं. जबकि जेडीयू और बीजेपी के 95 फीसदी सांसद करोड़पति हैं.

वीणा देवी के पास है सबसे अधिक संपत्ति
सबसे अधिक संपत्ति एलजेपी के वैशाली से चुनाव जीतने वाली सांसद वीणा देवी के पास है. वीणा देवी की कुल संपत्ति 33 करोड़ 72 लाख रुपए से अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार वीणा देवी के ऊपर 11 करोड़ से अधिक का कर्ज भी है. बीजेपी के शिवहर से फिर चुनाव जीतने वाली रमा देवी के पास भी 32 करोड़ 83 लाख रूपये से अधिक की संपत्ति है. तो वहीं, मुजफ्फरपुर से बीजेपी के सांसद अजय निषाद के पास 29 करोड़ 88 लाख रूपये से अधिक की संपत्ति है.

आर्थिक विशेषज्ञ का क्या है कहना
बिहार के आर्थिक विशेषज्ञ एन के चौधरी का कहना है कि बिहार एक तरफ जहां पिछड़ा है. वहीं, यहां के जनप्रतिनिधि करोड़पति हैं. इससे यह साफ है कि अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ती जा रही है. एन के चौधरी का कहना है कि बिहार ही नहीं पूरे देश में असमानता बढ़ती जा रही है.

पिछड़े राज्य में अधिकांश सांसद करोड़पति
गांधीवादी रजी अहमद कहते हैं कि एक तरफ जहां अमीरों की संख्या बढ़ी है तो दूसरी तरफ गरीबों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. रजी अहमद का यह भी कहना है कि यह बिहार के लिए तो हास्यास्पद ही है कि पिछड़े राज्य में अधिकांश करोड़पति सांसद चुने गए हैं.

पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में बढ़ा है आंकड़ा
बिहार में अमीर सांसदों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यदि हम केवल पिछले लोकसभा चुनाव से तुलना करें तो 2014 में 83 फीसदी सांसद ही करोड़पति थे. लेकिन इस बार 95 फीसदी सांसद करोड़पति हैं. उसी तरह 2014 में गंभीर आपराधिक मामले वाले सांसद 18 थे लेकिन इस बार संख्या बढ़कर 22 हो गई है. एक तरफ बिहार अभी भी पिछड़े राज्यों की श्रेणी में खड़ा है और बड़ी संख्या में गरीब आबादी यहां रह रही है. बिहार के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए लंबे समय से विशेष राज्य के दर्जे की मांग हो रही है. वहीं दूसरी तरफ गरीब राज्य के अधिकांश जनप्रतिनिधि करोड़पति हैं.

पटना: लोकसभा चुनाव में इस बार बिहार में चुने गए हैं 40 सांसदों में से अधिकांश करोड़पति हैं. चुनाव में इस बार 40 में से 39 सांसद एनडीए के चुने गए हैं. वहीं, एक सांसद कांग्रेस पार्टी से हैं. बिहार के चुने गए सांसदों में एडीआर और इलेक्शन वॉच के अनुसार 95 प्रतिशत सांसद करोड़पति हैं. जबकि 32 सांसदों यानी 82 फीसदी सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. 22 सांसदों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें जेडीयू के 8, बीजेपी के 11 और एलजेपी के तीन सांसद शामिल हैं.

पटना से खास रिपोर्ट


इलेक्शन वॉच और एडीआर की रिपोर्ट
बिहार इलेक्शन वॉच और एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार इस बार नवनिर्वाचित सांसदों में से 37 सांसद करोड़पति हैं. एलजेपी के सभी छह सांसद करोड़पति हैं तो वहीं कांग्रेस से चुने गए एक मात्र सांसद भी करोड़पति हैं. जबकि जेडीयू और बीजेपी के 95 फीसदी सांसद करोड़पति हैं.

वीणा देवी के पास है सबसे अधिक संपत्ति
सबसे अधिक संपत्ति एलजेपी के वैशाली से चुनाव जीतने वाली सांसद वीणा देवी के पास है. वीणा देवी की कुल संपत्ति 33 करोड़ 72 लाख रुपए से अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार वीणा देवी के ऊपर 11 करोड़ से अधिक का कर्ज भी है. बीजेपी के शिवहर से फिर चुनाव जीतने वाली रमा देवी के पास भी 32 करोड़ 83 लाख रूपये से अधिक की संपत्ति है. तो वहीं, मुजफ्फरपुर से बीजेपी के सांसद अजय निषाद के पास 29 करोड़ 88 लाख रूपये से अधिक की संपत्ति है.

आर्थिक विशेषज्ञ का क्या है कहना
बिहार के आर्थिक विशेषज्ञ एन के चौधरी का कहना है कि बिहार एक तरफ जहां पिछड़ा है. वहीं, यहां के जनप्रतिनिधि करोड़पति हैं. इससे यह साफ है कि अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ती जा रही है. एन के चौधरी का कहना है कि बिहार ही नहीं पूरे देश में असमानता बढ़ती जा रही है.

पिछड़े राज्य में अधिकांश सांसद करोड़पति
गांधीवादी रजी अहमद कहते हैं कि एक तरफ जहां अमीरों की संख्या बढ़ी है तो दूसरी तरफ गरीबों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. रजी अहमद का यह भी कहना है कि यह बिहार के लिए तो हास्यास्पद ही है कि पिछड़े राज्य में अधिकांश करोड़पति सांसद चुने गए हैं.

पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में बढ़ा है आंकड़ा
बिहार में अमीर सांसदों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यदि हम केवल पिछले लोकसभा चुनाव से तुलना करें तो 2014 में 83 फीसदी सांसद ही करोड़पति थे. लेकिन इस बार 95 फीसदी सांसद करोड़पति हैं. उसी तरह 2014 में गंभीर आपराधिक मामले वाले सांसद 18 थे लेकिन इस बार संख्या बढ़कर 22 हो गई है. एक तरफ बिहार अभी भी पिछड़े राज्यों की श्रेणी में खड़ा है और बड़ी संख्या में गरीब आबादी यहां रह रही है. बिहार के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए लंबे समय से विशेष राज्य के दर्जे की मांग हो रही है. वहीं दूसरी तरफ गरीब राज्य के अधिकांश जनप्रतिनिधि करोड़पति हैं.

Intro:पटना-- पिछड़े बिहार में इस बार चुने गए हैं 40 सांसदों में से अधिकांश करोड़पति हैं ।लोकसभा चुनाव में इस बार 40 में से 39 एन डी ए के सांसद चुने गए हैं और एक महागठबंधन के। बिहार के चुने गए सांसदों में एडीआर और इलेक्शन वॉच के अनुसार 95% सांसद करोड़पति हैं वहीं 32 सांसदों यानी कि 82 फ़ीसदी सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं । 22 सांसदों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं इसमें जदयू के 8 भाजपा के 11 और लोजपा के तीन सांसद शामिल हैं।
पेश है खास रिपोर्ट___


Body:बिहार इलेक्शन वॉच और एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार इस बार नवनिर्वाचित सांसदों में से 37 सांसद करोड़पति हैं लोजपा के सभी छह सांसद करोड़पति हैं तो वहीं कांग्रेस के एक सांसद भी करोड़पति हैं जदयू और भाजपा के 95 फ़ीसदी सांसद करोड़पति हैं।
सबसे अधिक संपत्ति लोजपा के वैशाली से चुनाव जीतने वाली विणा देवी के पास है । विणा देवी की कुल संपत्ति 33 करोड़ 72 लाख रुपए से अधिक की है ।
बीजेपी के शिवहर से फिर चुनाव जीतने वाली रमा देवी के पास भी ₹32 करोड़ 83 लाख से अधिक की संपत्ति है तो वही मुजफ्फरपुर से बीजेपी के सांसद अजय निषाद के पास ₹29 करोड़ 88 लाख से अधिक की संपत्ति है ।
रिपोर्ट के अनुसार विणा देवी के ऊपर 11 करोड़ से अधिक का कर्ज भी है।
बिहार के आर्थिक विशेषज्ञ कहते हैं कि बिहार एक तरफ जहां पिछड़ा है वही यहां के जनप्रतिनिधि करोड़पति है और यह साफ है कि अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ती जा रही है। ऑफिसर इनके चौधरी का कहना है कि बिहार ही नहीं पूरे देश में और समानता बढ़ती जा रही है।
गांधीवादी रजी अहमद भी कहते हैं कि जहां अमीरों की संख्या बढ़ी है तो दूसरी तरफ गरीबों की संख्या भी बढ़ती जा रही है । रजी अहमद का यह भी कहना है कि या बिहार के लिए तो हास्यास्पद ही है कि पिछड़े राज्य में अधिकांश सांसद चुने गए हैं वे करोड़पति हैं।
बाइट्स-- एन के चौधरी आर्थिक विशेषज्ञ
रजी अहमद प्रभारी गांधी संग्रहालय


Conclusion: बिहार में अमीर सांसदों की संख्या लगातार बढ़ रही है यदि हम केवल पिछले लोकसभा चुनाव से तुलना करें तो 2014 में 83 फ़ीसदी सांसद ही करोड़पति थे लेकिन इस बार 95 फ़ीसदी सांसद करोड़पति हैं तो उसी तरह 2014 में गंभीर आपराधिक मामले वाले सांसद 18 थे लेकिब इस बार संख्या बढ़कर 22 हो गई है। एक तरफ बिहार अभी भी पिछड़े राज्यों की श्रेणी में खड़ा है और बड़ी संख्या में गरीब आबादी यहां रह रही है । बिहार के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए लंबे समय से विशेष राज्य के दर्जे की मांग हो रही है वहीं दूसरी तरफ गरीब राज्य के जनप्रतिनिधि अधिकांश करोड़पति हैं।
अविनाश, पटना।
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