पटना: बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के इस्तीफा (Speaker Vijay Kumar Sinha resigns) देने के बाद विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने कार्यकारी विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी आज संभाल ली है. महेश्वर हजारी को संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार सहित महागठबंधन दल के नेताओं ने कुर्सी पर बैठाया. उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Congratulates Maheshwar Hazari) और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ( Deputy CM Tejashwi Yadav) ने उन्हें बधाई दी.
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कार्यकारी स्पीकर के तौर पर महेश्वर हजारी ने संभाला पदभार: सदन का विशेष सत्र अब तीन दिनों तक चलेगा. पहले सत्र को दो दिनों के लिए बुलाया गया था. वहीं 25 अगस्त ( गुरुवार) को विधानसभा अध्यक्ष के लिए नॉमिनेशन भी किया जाना है. पदभार ग्रहण करने के बाद कार्यकारी स्पीकर महेश्वर हजारी ने कहा कि 2:00 बजे तक विधानसभा की कार्यवाही स्थगित रहेगी और 2:00 बजे के बाद जो कार्य सूची है उस पर सदन की कार्यवाही आगे चलेगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि निवर्तमान अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया है. दो बजे सदन की कार्यवाही को कार्य सूची के अनुसार आगे बढ़ाया जाएगा.
'दलित.. पासवान हूं इसलिए अपमानित किया': विजय सिन्हा के सदन संचालन की जिम्मेवारी नरेंद्र यादव को सौंपने के ऐलान पर महेश्वर हजारी ने कहा कि सदन नियम से चलता है. अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद उपाध्यक्ष सारा काम देखते हैं. उसके बावजूद भी विजय सिन्हा ने जिस तरीके से सदन में घोषणा करने का काम किया यह मुझे सामंतवादी विचारधारा की तरह लगा. यह संविधान का घोर उल्लंघन है. नैतिकता की बातें करते थे लेकिन जब अपने पालन करने की बारी आई तो सब भूल गए. मैं दलित समाज से आता हूं इसलिए विजय सिन्हा ने सामंतवादी विचारधारा का परिचय दिया. कल विधानसभा अध्यक्ष के लिए नॉमिनेशन किया जाएगा.
"नरेंद्र नारायण यादव भी जीत कर ही विधानसभा में आए थे. संविधान में जो नियम कानून है उसे कोई भी बदल नहीं सकता है. संविधान कहता है कि अगर अध्यक्ष अनुपस्थित होते हैं तो उपाध्यक्ष सदन का संचालन करते हैं. विजय सिन्हा ने इस्तीफा दे दिया है तो मैं उस कुर्सी पर आसीन होकर संचालन को आगे बढ़ाऊंगा. जिस दिन नई सरकार बनी उसी दिन विजय सिन्हा इस्तीफा दे देते तो उनका सम्मान और बढ़ जाता. लेकिन जैसे वो कुर्सी से चिपके रहे इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है. "- महेश्वर हजारी, कार्यकारी अध्यक्ष, बिहार विधानसभा
विजय सिन्हा ने दिया इस्तीफा: स्पीकर विजय कुमार सिन्हा (Speaker Vijay Kumar Sinha resigns) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बहुमत का महत्व है. आपलोगों ने मुझे इस आसन पर बैठाया है. मैं सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का इसके लिए आभार जताता हूं. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुझे मौका नहीं मिला, नहीं तो मैं पहले ही इस्तीफा दे देता. जितने लोगों ने अविश्वास प्रस्ताव दिया था, उसमें सिर्फ ललित यादव का प्रस्ताव सही है. उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण के बाद अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. उन्होंने दो घंटे तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की घोषणा भी की. साथ ही सदन संचालन की जिम्मेवारी नरेंद्र यादव को सौंप दी. हालांकि संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने उपाध्यक्ष की जगह नरेंद्र नारायण यादव को सदन संचालन के लिए बोलने पर आपत्ति जताई है. इसके साथ ही बिहार विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही (special session of Vidhan Sabha in Bihar) 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई.
पहले किया था इस्तीफा से इंकार: इससे पहले विजय कुमार सिन्हा ने साफ कहा था कि लोकतंत्र की गरिमा को सुरक्षित रखना मेरे लिए व्यक्तिगत सम्मान से ऊपर है. यह विधानसभा का अध्यक्ष होने के नाते मेरा कर्तव्य भी है. हालांकि आंकड़ों के मुताबिक उनके समर्थन में भाजपा के 76 सदस्य हैं, जबकि सत्ता पक्ष के 164 विधायक उनके खिलाफ एकजुट हैं. नियम तो यही है कि जिसके विरूद्ध में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है वह आसन पर नहीं बैठ सकता. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष दायित्व और संसदीय नियमों संरक्षण की बात करके पद पर बने हुए हैं.
महागठबंधन सरकार को 164 विधायकों का समर्थनः डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी ने भी बयान दिया था कि विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नियमानुकूल लाया गया है. सत्र शुरू होने से 14 दिन पहले दिया गया है और जब विधानसभा अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो वो सदन की कार्यवाही संचालित नहीं कर सकते हैं. डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी जदयू खेमे से हैं और महागठबंधन सरकार बनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष का पद आरजेडी खेमे को जाना है. बहुमत महागठबंधन के पास है. 7 दलों के 164 विधायकों का समर्थन महागठबंधन सरकार के साथ है. ऐसे में बहुमत जब 121 विधायकों की चाहिए तो उससे यह संख्या काफी अधिक है. 243 सदस्य वाले बिहार विधानसभा में महा गठबंधन सरकार में शामिल दल आरजेडी- 79 , जदयू- 45, कांग्रेस-19, हम-4 और निर्दलीय 1 है. इसके अलावा माले 12, सीपीआई दो, सीपीएम दो ने बाहर से समर्थन किया है. इस तरह कुल 164 विधायक महागठबंधन सरकार के साथ हैं.
विपक्ष में बीजेपी 76 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टीः वहीं, विपक्ष में बीजेपी 76 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. एआईएमआईएम के एक विधायक भी विपक्ष में हैं. फिलहाल विधानसभा में दो स्थान रिक्त है अभी हाल ही में बीजेपी के पूर्व मंत्री सुभाष सिंह के निधन के कारण एक सीट खाली हुई है. वहीं आरजेडी के विधायक अनंत सिंह को कोर्ट की ओर से सजा दिए जाने के कारण उनका स्थान स्थान रिक्त हुआ है. आरजेडी की ओर से बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अवध बिहारी चौधरी का नाम तय माना जा रहा है. बिहार विधान परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं BJP नेता अवधेश नारायण सिंह को भी बदला जा सकता है. ऐसी चर्चा है कि जदयू इस पद के लिये देवेश चंद्र ठाकुर नाम पर विचार कर रहा है. जहां तक नेता प्रतिपक्ष की बात है तो बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष के पद पर फैसला नहीं हुआ है और ऐसा माना जा रहा है कि विजय सिन्हा को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है.