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जातीय जनगणना पर आगे क्या? राबड़ी आवास में महागठबंधन की बैठक जारी - caste census Politics in Bihar

10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर महागठबंधन की बैठक होने वाली है. इस बैठक में जातीय जनगणना (Cast Census) को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

Mahagathbandhan
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Published : Sep 24, 2021, 4:32 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 5:33 PM IST

पटना: राजधानी पटना से इस वक्त एक बड़ी खबर आ रही है. मिल रही जानकारी के अनुसार, आज 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी ( Rabri Devi ) के सरकारी आवास पर महागठबंधन ( Mahagathbandhan ) की बैठक हो रही है. बताया जाता है कि इस बैठक में जातीय जनगणना (Cast Census) को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की जा रही है. इसके अलावे 27 तारीख के किसान आंदोलन में महागठबंधन की भूमिका पर भी चर्चा होने की संभावना है.

ये भी पढ़ें- जातीय जनगणना को केंद्र ने नकारा तो बोले लालू यादव- 'पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों, धिक्कार है'

इससे पहले प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि जातीय जनगणना पर महागठबंधन की रणनीति क्या होगी, इस पर महागठबंधन की बैठक में हमलोग चर्चा कर फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार की 12 करोड़ जनता का केन्द्र की मोदी सरकार ने अपमान किया है. बिहार विधानमंडल से दो-दो बार प्रस्ताव पास कराया गया, इसके बावजूद केन्द्र ने जातीय जनगणना कराने से मना कर दिया.

देखें वीडियो

बता दें कि जिस जातीय जनगणना को लेकर पटना से लेकर दिल्ली तक राजनाति गरमायी हुई है, उसको लेकर केंद्र सरकार का फैसला आ गया है. नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने से साफ इनकार कर दिया है. इसको लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दायर किया है.

ये भी पढ़ें: जातीय जनगणना का लालू ने किया समर्थन, कहा- नीतियां और बजट बनाने में मिलेगी मदद

केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि वह 2021 की जनगणना में जाति के आधार पर जनगणना का निर्देश नहीं दे. इधर, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने भी केंद्र सरकार को कहा है कि पिछड़े वर्गों की गणना प्रशासनिक पर मुश्किल है. इससे जनगणना की पूर्णता और सटीकता दोनों को नुकसान होगा.

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना ‘प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर' है और जनगणना के दायरे से इस तरह की सूचना को अलग करना सतर्क नीति निर्णय है.'

ये भी पढ़ें: जातीय जनगणना पर PM की ओर से जवाब आया? CM नीतीश ने बताया

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव की तरफ से दायर हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र ने पिछले वर्ष जनवरी में एक अधिसूचना जारी कर जनगणना 2021 के लिए जुटाई जाने वाली सूचनाओं का ब्यौरा तय किया था और इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से जुड़े सूचनाओं सहित कई क्षेत्रों को शामिल किया गया लेकिन इसमें जाति के किसी अन्य श्रेणी का जिक्र नहीं किया गया है.

आपको याद दिलाएं कि 23 अगस्त को जातीय जनगणना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar), नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) समेत कुल 11 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी.

पटना: राजधानी पटना से इस वक्त एक बड़ी खबर आ रही है. मिल रही जानकारी के अनुसार, आज 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी ( Rabri Devi ) के सरकारी आवास पर महागठबंधन ( Mahagathbandhan ) की बैठक हो रही है. बताया जाता है कि इस बैठक में जातीय जनगणना (Cast Census) को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की जा रही है. इसके अलावे 27 तारीख के किसान आंदोलन में महागठबंधन की भूमिका पर भी चर्चा होने की संभावना है.

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इससे पहले प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि जातीय जनगणना पर महागठबंधन की रणनीति क्या होगी, इस पर महागठबंधन की बैठक में हमलोग चर्चा कर फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार की 12 करोड़ जनता का केन्द्र की मोदी सरकार ने अपमान किया है. बिहार विधानमंडल से दो-दो बार प्रस्ताव पास कराया गया, इसके बावजूद केन्द्र ने जातीय जनगणना कराने से मना कर दिया.

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बता दें कि जिस जातीय जनगणना को लेकर पटना से लेकर दिल्ली तक राजनाति गरमायी हुई है, उसको लेकर केंद्र सरकार का फैसला आ गया है. नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने से साफ इनकार कर दिया है. इसको लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दायर किया है.

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केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि वह 2021 की जनगणना में जाति के आधार पर जनगणना का निर्देश नहीं दे. इधर, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने भी केंद्र सरकार को कहा है कि पिछड़े वर्गों की गणना प्रशासनिक पर मुश्किल है. इससे जनगणना की पूर्णता और सटीकता दोनों को नुकसान होगा.

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना ‘प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर' है और जनगणना के दायरे से इस तरह की सूचना को अलग करना सतर्क नीति निर्णय है.'

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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव की तरफ से दायर हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र ने पिछले वर्ष जनवरी में एक अधिसूचना जारी कर जनगणना 2021 के लिए जुटाई जाने वाली सूचनाओं का ब्यौरा तय किया था और इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से जुड़े सूचनाओं सहित कई क्षेत्रों को शामिल किया गया लेकिन इसमें जाति के किसी अन्य श्रेणी का जिक्र नहीं किया गया है.

आपको याद दिलाएं कि 23 अगस्त को जातीय जनगणना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar), नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) समेत कुल 11 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी.

Last Updated : Sep 24, 2021, 5:33 PM IST
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