पटना: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द होने के बाद बिहार विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. महागठबंधन के नेताओं ने बिहार विधानसभा में प्रदर्शन किया और मार्च निकाला. महागठबंधन के सभी सदस्यों ने इस दौरान सभी सदस्यों ने बांह में काली पट्टी बांध रखी थी. बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन के घटक दलों के सभी विधायक और विधान पार्षद हाथों पर काली पट्टी बांधकर विधानसभा के गेट पर पहुंचे और फिर सदन तक पैदल मार्च किया. इस दौरान वे केंद्र सरकार के विरोध में नारे भी लगाए.
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राहुल गांधी पर हुई कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को की सदस्यता समाप्त किए जाने के विरोध में महागठबंधन में शामिल नेताओं ने विधानसभा मार्च निकाला. विरोध मार्च में जेडीयू नेता भी शामिल हुए. विधानसभा के मुख्य गेट स्थित शहीद स्थल पर नमन करने के बाद मार्च निकाला गया. जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि महागठबंधन के माध्यम से एकजुटता का संदेश हमलोगों ने दिया है. उन्होंने कहा कि अडानी के खिलाफ बोलने पर सदस्यता चली जाएगी तो संदेश तो देना ही पड़ेगा.
''राहुल गांधी के साथ का जिस तरह सदस्यता छीनी गई, उसे कहीं से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा कि 2024 और 2025 में इसका बदला लेने के लिए जनता तैयार है.'' - नीरज कुमार, जेडीयू एमएलसी
'मोदी सरकार संविधान को कुचल रही है'- जेडीयू : वहीं जेडीयू के एमएलसी संजय सिंह ने कहा कि महागठबंधन के सभी दल आज के दिन को काला दिवस के रूप में मना रहे हैं. जिस तरह राहुल गांधी की सदस्यता 24 घंटे में चली गई यह भाजपा की घबराहट, बेचैनी को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि बिहार में जब से महागठबंधन बना है तब से भाजपा में बेचैनी है, जिसकी दवा हमलोग के पास नहीं है. उन्होंने कहा भाजपा का विवेक मर गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार संविधान को कुचल रही है.
मार्च से फायदा नहीं- बीजेपी : वहीं, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी नेता तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि, इस तरह का मार्च करने का कोई औचित्य नहीं है. कोर्ट के आदेश के कारण ऐसी कोई संवैधानिक परिस्थिति नहीं बनी है कि महागठबंधन की ओर से मार्च किया जाय. राहुल गांधी को डिसक्वालीफिकेशन के विरुद्ध अपील करना चाहिए.
''जिस तरह लोकसभा के मंदिर में दुर्भावना के मकसद से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी गई. इसके विरोध में आज हम लोग सड़क पर उतरे है.'' - प्रतिमा कुमारी, विधायक, कांग्रेस
''केन्द्र सरकार लोकतंत्र पर हमला कर रही हैं. राहुल गांधी ने देश के महत्वपूर्ण बिंदु को उठाने की कोशिश की. उसको बचाने के लिए उनको (राहुल गांधी) 15 दिनों के अंदर सजा सुनाया जाना, और 24 घंटे के अंदर सदस्यता समाप्त किया जाना, ये दुर्भाग्यपूर्ण है.'' - अख्तरुल इमान शाहीन, विधायक आरजेडी
''स्वाभाविक है कि जब सरकार की ओर से अच्छा काम किया जाएगा तो मोदी हिटलर, लोकतंत्र का हत्यारा ऐसे शब्द सुनने को मिलेंगे. कांग्रेस और दूसरे दलों को फिलहाल दिल्ली बहूत दूर दिख रही है. राहुल डरो नहीं, इन नारों के अलाना इनके पास कुछ भी बचा नहीं है. पहले संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठा रहे थे और अब न्यायपालिका पर सवाल खड़े कर रहे हैं.'' - तारकिशोर प्रसाद, बीजेपी नेता