पटना: मगध विश्वविद्यालय कॉपी घोटाला (Magadh University Scam) मामले में स्पेशल विजिलेंस यूनिट के समक्ष आज कुलपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को पेश होना है. निगरानी ने उन्हें अनुसंधान में सहयोग और पूछताछ के लिए पहले ही समन जारी किया हुआ है. दरअसल, कॉपी घोटाले मामले में पूछताछ के लिए स्पेशल विजिलेंस यूनिट (Special Vigilance Unit) ने पहले भी दो बार नोटिस जारी किया था, लेकिन मेडिकल लीव पर होने की वजह से वीसी राजेंद्र प्रसाद प्रस्तुत नहीं हुए.
मगध विश्वविद्यालय कॉपी घोटाला मामले में दो प्रोफेसर और एक कर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है. प्रोफेसर जयनंदन प्रसाद और केंद्रीय पुस्तकालय प्रभारी प्रोफेसर विनोद सिंह के साथ-साथ एक शिक्षकत्तर कर्मचारी सुबोध कुमार को सस्पेंड किया गया है. जिसकी अधिसूचना कुलसचिव डॉक्टर रवि प्रकाश बबलू के द्वारा जारी की गई है. बता दें कि कॉपी घोटाला मामले में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के कई ठिकानों पर विजिलेंस के द्वारा छापेमारी की गई थी, जहां पर अवैध रुपए भी बरामद किए गए थे.
निगरानी कुलपति राजेंद्र प्रसाद का बयान दर्ज करने का इंतजार करेगी. अगर आज भी वो उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त रवैया अपनाया जा सकता है. हालांकि, कॉपी घोटाला मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. इसके बावजूद भी अब तक राज भवन द्वारा कुलपति राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है.
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बता दें कि मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति पर उत्तर पुस्तिका ओएमआर शीट किताबें खरीद कर 30 करोड़ के सार्वजनिक धन के गबन का आरोप है. जिसको लेकर स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने 17 नवंबर को कुलपति राजेंद्र प्रसाद के कार्यालय और गोरखपुर में उनके आवास पर छापा मारा था. वीसी और उनके सहायक सुबोध कुमार, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार जितेंद्र कुमार के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज होने के बाद छापेमारी की गई थी.
मगध विश्वविद्यालय के दागी कुलपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के ठिकानों पर छापेमारी के बाद उन्होंने परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर भुगुनाथ प्रसाद को कई बार फोन कर धमकी भी दी. जिसके बाद परीक्षा नियंत्रक ने स्पेशल विजिलेंस यूनिट को ईमेल के माध्यम से शिकायत की थी. जिस वजह से विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के आरोपी चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, लेकिन इस मामले में वीसी पर कार्रवाई अभी बाकी है और वो बचते आ रहे हैं.
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