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मदन मोहन झा का आरोप- अधिकारियों से घिरे रहते हैं CM, जनप्रतिनिधियों से नहीं करते हैं बात - सोनिया गांधी

बिहार में प्रवासी मजदूर और बाहर फंसे छात्रों को लेकर राजनीतिक गरमा गई है. इन मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा से खास बातचीत की.

मदन मोहन झा
मदन मोहन झा
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Published : May 6, 2020, 2:25 PM IST

Updated : May 6, 2020, 5:54 PM IST

पटना: प्रवासी मजदूर और छात्रों को उनको वापस घर लाने के मामले में केंद्र और राज्य सरकार दोनों की काफी फजीहत हुई है. रेलवे किराया को लेकर विपक्ष सरकार को घेर रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने घोषणा किया कि कांग्रेस तमाम प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने का खर्च उठाएगी. इसके चंद घंटे बाद ही सीएम नीतीश कुमार ने सारा खर्च राज्य सरकार की तरफ से वहन करने की घोषणा कर दी. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने बिहार के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर कई मांग की है.


ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर मैंने एक पत्र बिहार के मुख्य सचिव को भेजा है. पत्र में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि जो भी मजदूर और छात्र दूसरे राज्यों से आ रहे हैं, बिहार से दूसरे राज्य में जाना चाह रहे हैं. उनकी सूची उपलब्ध कराई जाए. कांग्रेस पार्टी उनका पूरा खर्चा वहन करने के लिए तैयार है. हालांकि इस संबंध में अब तक सरकार की तरफ से कोई भी जवाब कांग्रेस पार्टी को नहीं मिला है.

मदन मोहन झा से कास बातचीत.

'कांग्रेस हर गरीब और असहाय व्यक्ति के साथ खड़ी है'
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से सवाल किया गया कि आखिर नीतीश कुमार ने घोषणा कर ही दी है, तो कांग्रेस क्यों खर्च उठाना चाहती है ? इस सवाल पर मदन मोहन झा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस संकट की घड़ी में देश के हर गरीब और असहाय व्यक्ति के साथ खड़ी है. पत्र लिखने का आशय ये है कि जब भी राज्य सरकार को जरूरत महसूस हो, तो वह हमसे सहायता ले सकती है.

'सीएम को जनप्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कई राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. इस बैठक के बारे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री को जनप्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करना चाहिए. वे सिर्फ अपने अधिकारियों से घिरे रहते हैं. कोई अधिकारी अपनी बड़ाई के अलावा कुछ भी नहीं करता है. मुख्यमंत्री को वास्तविक स्थिति का जानकारी लेनी हो, तो उन्हें बाहर निकलकर निरीक्षण करना चाहिए. हालांकि लॉकडाउन के दौरान ज्यादा संवाद स्थापित करना मुश्किल जरूर है, लेकिन जनप्रतिनिधियों से भी बात कर इस समस्या से निपटारा किया जा सकता है.

पटना: प्रवासी मजदूर और छात्रों को उनको वापस घर लाने के मामले में केंद्र और राज्य सरकार दोनों की काफी फजीहत हुई है. रेलवे किराया को लेकर विपक्ष सरकार को घेर रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने घोषणा किया कि कांग्रेस तमाम प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने का खर्च उठाएगी. इसके चंद घंटे बाद ही सीएम नीतीश कुमार ने सारा खर्च राज्य सरकार की तरफ से वहन करने की घोषणा कर दी. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने बिहार के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर कई मांग की है.


ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर मैंने एक पत्र बिहार के मुख्य सचिव को भेजा है. पत्र में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि जो भी मजदूर और छात्र दूसरे राज्यों से आ रहे हैं, बिहार से दूसरे राज्य में जाना चाह रहे हैं. उनकी सूची उपलब्ध कराई जाए. कांग्रेस पार्टी उनका पूरा खर्चा वहन करने के लिए तैयार है. हालांकि इस संबंध में अब तक सरकार की तरफ से कोई भी जवाब कांग्रेस पार्टी को नहीं मिला है.

मदन मोहन झा से कास बातचीत.

'कांग्रेस हर गरीब और असहाय व्यक्ति के साथ खड़ी है'
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से सवाल किया गया कि आखिर नीतीश कुमार ने घोषणा कर ही दी है, तो कांग्रेस क्यों खर्च उठाना चाहती है ? इस सवाल पर मदन मोहन झा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस संकट की घड़ी में देश के हर गरीब और असहाय व्यक्ति के साथ खड़ी है. पत्र लिखने का आशय ये है कि जब भी राज्य सरकार को जरूरत महसूस हो, तो वह हमसे सहायता ले सकती है.

'सीएम को जनप्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कई राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. इस बैठक के बारे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री को जनप्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करना चाहिए. वे सिर्फ अपने अधिकारियों से घिरे रहते हैं. कोई अधिकारी अपनी बड़ाई के अलावा कुछ भी नहीं करता है. मुख्यमंत्री को वास्तविक स्थिति का जानकारी लेनी हो, तो उन्हें बाहर निकलकर निरीक्षण करना चाहिए. हालांकि लॉकडाउन के दौरान ज्यादा संवाद स्थापित करना मुश्किल जरूर है, लेकिन जनप्रतिनिधियों से भी बात कर इस समस्या से निपटारा किया जा सकता है.

Last Updated : May 6, 2020, 5:54 PM IST
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