ETV Bharat / state

नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा, रातरानी का पुष्प करें अर्पित

नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है. मां कालरात्रि की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.

eventh day of Navratri
eventh day of Navratri
author img

By

Published : Apr 19, 2021, 6:00 AM IST

पटना: नवरात्रि के सातवें स्वरूप के रूप में मां कालरात्रि की विशेष पूजा आराधना की जाती है. गले में नर मुंडो की माला पहनने वाली मां कालरात्रि की पूजा करने से सभी तरह के भय का नाश हो जाता है. नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा रात के 12:00 बजे भी की जाती है.

ये भी पढ़ें: कोरोना का कहर: प्रसिद्ध मंगलागौरी मंदिर में नवरात्रि के समय भी श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक

नौ स्वरूपों में से एक
मां कालरात्रि की पूजा करने के लिए श्वेत या लाल वस्त्र धारण करना चाहिए. मां कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाने के बाद लोग जाप करते हैं. आज के दिन मां कालरात्रि को रातरानी का पुष्प अर्पित करते हैं. वह इससे प्रसन्न होती हैं. इसके साथ ही मां कालरात्रि की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. मां कालरात्रि देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में से एक हैं.

सफेद माला करती हैं धारण
मां कालरात्रि का रंग कृष्ण वर्ण का है. काले रंग के कारण उन्हें कालरात्रि कहा जाता है. गर्दन पर सवार रहने वाली मां कालरात्रि के केस खुले रहते हैं. चार भुजा वाली मां कालरात्रि दोनों बाएं हाथ में कटार लोहे का कांटा धारण करती हैं. गले में एक सफेद माला धारण करती हैं. मां दुर्गा ने असुरों के राजा रक्तबीज का संहार करने के लिए अपने तेज से मां कालरात्रि को उत्पन्न किया था.

ये भी पढ़ें: चैत्र नवरात्र 2021 : नवरात्रि में घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं माता रानी, पूरे नौ दिन रहेंगे नवरात्र

मां कालरात्रि के मंत्रों का करें जाप
माता को अक्षत, फूल, गंध पुष्प और गुड़ का नवेद श्रद्धापूर्वक चढ़ाएं. कालरात्रि का प्रिय फूल रातरानी है. यह फूल उनको जरूर अर्पित करें इसके बाद मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करें और अंत में मां कालरात्रि की आरती करें. ऐसा करने से सभी भक्तों के संकट दूर होते हैं. इसके बाद ही लोग प्रसाद का वितरण करते हैं.

पटना: नवरात्रि के सातवें स्वरूप के रूप में मां कालरात्रि की विशेष पूजा आराधना की जाती है. गले में नर मुंडो की माला पहनने वाली मां कालरात्रि की पूजा करने से सभी तरह के भय का नाश हो जाता है. नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा रात के 12:00 बजे भी की जाती है.

ये भी पढ़ें: कोरोना का कहर: प्रसिद्ध मंगलागौरी मंदिर में नवरात्रि के समय भी श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक

नौ स्वरूपों में से एक
मां कालरात्रि की पूजा करने के लिए श्वेत या लाल वस्त्र धारण करना चाहिए. मां कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाने के बाद लोग जाप करते हैं. आज के दिन मां कालरात्रि को रातरानी का पुष्प अर्पित करते हैं. वह इससे प्रसन्न होती हैं. इसके साथ ही मां कालरात्रि की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. मां कालरात्रि देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में से एक हैं.

सफेद माला करती हैं धारण
मां कालरात्रि का रंग कृष्ण वर्ण का है. काले रंग के कारण उन्हें कालरात्रि कहा जाता है. गर्दन पर सवार रहने वाली मां कालरात्रि के केस खुले रहते हैं. चार भुजा वाली मां कालरात्रि दोनों बाएं हाथ में कटार लोहे का कांटा धारण करती हैं. गले में एक सफेद माला धारण करती हैं. मां दुर्गा ने असुरों के राजा रक्तबीज का संहार करने के लिए अपने तेज से मां कालरात्रि को उत्पन्न किया था.

ये भी पढ़ें: चैत्र नवरात्र 2021 : नवरात्रि में घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं माता रानी, पूरे नौ दिन रहेंगे नवरात्र

मां कालरात्रि के मंत्रों का करें जाप
माता को अक्षत, फूल, गंध पुष्प और गुड़ का नवेद श्रद्धापूर्वक चढ़ाएं. कालरात्रि का प्रिय फूल रातरानी है. यह फूल उनको जरूर अर्पित करें इसके बाद मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करें और अंत में मां कालरात्रि की आरती करें. ऐसा करने से सभी भक्तों के संकट दूर होते हैं. इसके बाद ही लोग प्रसाद का वितरण करते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.