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बिहार में रसोई गैस की कीमत 900 के पार, गैस पर सब्सिडी लगभग खत्म - People are adopting alternative methods

रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है. बिहार जैसे गरीब राज्य में बढ़ती कीमतों से गरीब कराह रहे हैं. रसोई गैस की कीमत 900 के पार पहुंच चुकी है. अब लोग गैस के बजाय दूसरे विकल्पों का सहारा ले रहे हैं. मामला बिहार विधानसभा में भी गूंजा और सदस्यों ने सरकार से सवाल पूछे.

पटना
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Published : Mar 8, 2021, 6:12 PM IST

Updated : Mar 8, 2021, 10:13 PM IST

पटना: पूरा देश महिला दिवस मना रहा है. महिलाओं की बेहतरी के लिए केंद्र की सरकार ने उज्ज्वला योजना शुरू की थी. हर किचन तक सिलेंडर पहुंचाने की कवायद की गई. लेकिन, गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों ने योजना की हवा निकाल कर रख दी है. राजधानी पटना में रसोई गैस सिलेंडर आम लोगों को 917.25 रुपए में मिल रहे हैं और सब्सिडी लगभग खत्म हो चुकी है.

ये भी पढ़ें- बजट सत्र: माले के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ की नारेबाजी, कहा- गरीबों को नहीं मिल रहा न्याय

सिलेंडर के बढ़ते दाम से बढ़ी परेशानी
कोरोना संक्रमण में लोगों की रोजी-रोटी और रोजगार छिन गए हैं. किसी तरह लोग 2 जून की रोटी का इंतजाम कर रहे हैं. एक और महंगाई बढ़ रही है, तो दूसरी तरफ रसोई गैस की कीमतों ने तमाम रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं. बिहार में महीने में प्रति व्यक्ति औसत आय लगभग 4200 रुपए है और अगर इसमें से 900 रुपए का सिलेंडर खरीद लिया जाता है, तो कुल मिलाकर 3300 रुपए में बिहार वासियों के समक्ष परिवार चलाने की चुनौती होगी.

देखिए रिपोर्ट

लोग अपना रहे वैकल्पिक तरीके
उज्जवला योजना की भी हालत खस्ताहाल है. पहले लोग 10 सिलेंडर सालभर में उपयोग में लाते थे. वहीं, अब उसकी संख्या घटकर 3 से 4 हो गई है. बढ़ती कीमतों के चलते अब लोग फिर से वैकल्पिक तरीकों को अपना रहे हैं.

आलोक मेहता, राजद के राष्ट्रीय महासचिव
आलोक मेहता, राजद के राष्ट्रीय महासचिव

''आज महिला दिवस है और महिला दिवस के मौके पर ही सरकार को ऐसे दिन देखने पड़ रहे हैं कि अब उन्हें 900 रुपए में सिलेंडर खरीदना पड़ रहा है. केंद्र सरकार सिलेंडर की कीमतों पर काबू पाने के लिए शीघ्र पहल करें, नहीं तो गरीब को भूखे मरना होगा''- आलोक मेहता, राजद के राष्ट्रीय महासचिव

समीर सिंह,  विधान पार्षद, कांग्रेस
समीर सिंह, विधान पार्षद, कांग्रेस

''केंद्र की सरकार ने उज्जवला योजना शुरू की थी. लेकिन जिस तरीके से गैस सिलेंडर की कीमतें बढ़ रही है, ऐसे में योजना का कोई मतलब नहीं रह गया है''- समीर सिंह, विधान पार्षद, कांग्रेस

ये भी पढ़ें- पटना: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सफाई कर्मियों ने की आर्थिक सम्मान देने की मांग

''बढ़ती गैस की कीमतों ने गरीबों को आत्महत्या के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है. एक और महंगाई बढ़ रही है, तो दूसरी तरफ गैस सिलेंडर महंगी हो गई है. सवाल यह उठ रहा है कि गरीब का पेट कैसे भरेगा''- मनोज मंजिल, भाकपा माले विधायक

शालिनी मिश्रा, जदयू की महिला विधायक
शालिनी मिश्रा, जदयू की महिला विधायक

''जिस रफ्तार से गैस की कीमत बढ़ी हैं वो वाकई चिंताजनक है. केंद्र की सरकार को इस पर पहल करना चाहिए. महिलाएं खास तौर पर बढ़ती कीमतों से परेशान हैं''- शालिनी मिश्रा, जदयू की महिला विधायक

जीवेश मिश्रा, मंत्री, बिहार सरकार
जीवेश मिश्रा, मंत्री, बिहार सरकार

''गैस सिलेंडर महंगा हुआ है, लेकिन गैस सिलेंडर की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से तय होती हैं. सरकार बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाने की कोशिश करेगी''- जीवेश मिश्रा, मंत्री, बिहार सरकार

पटना: पूरा देश महिला दिवस मना रहा है. महिलाओं की बेहतरी के लिए केंद्र की सरकार ने उज्ज्वला योजना शुरू की थी. हर किचन तक सिलेंडर पहुंचाने की कवायद की गई. लेकिन, गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों ने योजना की हवा निकाल कर रख दी है. राजधानी पटना में रसोई गैस सिलेंडर आम लोगों को 917.25 रुपए में मिल रहे हैं और सब्सिडी लगभग खत्म हो चुकी है.

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सिलेंडर के बढ़ते दाम से बढ़ी परेशानी
कोरोना संक्रमण में लोगों की रोजी-रोटी और रोजगार छिन गए हैं. किसी तरह लोग 2 जून की रोटी का इंतजाम कर रहे हैं. एक और महंगाई बढ़ रही है, तो दूसरी तरफ रसोई गैस की कीमतों ने तमाम रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं. बिहार में महीने में प्रति व्यक्ति औसत आय लगभग 4200 रुपए है और अगर इसमें से 900 रुपए का सिलेंडर खरीद लिया जाता है, तो कुल मिलाकर 3300 रुपए में बिहार वासियों के समक्ष परिवार चलाने की चुनौती होगी.

देखिए रिपोर्ट

लोग अपना रहे वैकल्पिक तरीके
उज्जवला योजना की भी हालत खस्ताहाल है. पहले लोग 10 सिलेंडर सालभर में उपयोग में लाते थे. वहीं, अब उसकी संख्या घटकर 3 से 4 हो गई है. बढ़ती कीमतों के चलते अब लोग फिर से वैकल्पिक तरीकों को अपना रहे हैं.

आलोक मेहता, राजद के राष्ट्रीय महासचिव
आलोक मेहता, राजद के राष्ट्रीय महासचिव

''आज महिला दिवस है और महिला दिवस के मौके पर ही सरकार को ऐसे दिन देखने पड़ रहे हैं कि अब उन्हें 900 रुपए में सिलेंडर खरीदना पड़ रहा है. केंद्र सरकार सिलेंडर की कीमतों पर काबू पाने के लिए शीघ्र पहल करें, नहीं तो गरीब को भूखे मरना होगा''- आलोक मेहता, राजद के राष्ट्रीय महासचिव

समीर सिंह,  विधान पार्षद, कांग्रेस
समीर सिंह, विधान पार्षद, कांग्रेस

''केंद्र की सरकार ने उज्जवला योजना शुरू की थी. लेकिन जिस तरीके से गैस सिलेंडर की कीमतें बढ़ रही है, ऐसे में योजना का कोई मतलब नहीं रह गया है''- समीर सिंह, विधान पार्षद, कांग्रेस

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''बढ़ती गैस की कीमतों ने गरीबों को आत्महत्या के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है. एक और महंगाई बढ़ रही है, तो दूसरी तरफ गैस सिलेंडर महंगी हो गई है. सवाल यह उठ रहा है कि गरीब का पेट कैसे भरेगा''- मनोज मंजिल, भाकपा माले विधायक

शालिनी मिश्रा, जदयू की महिला विधायक
शालिनी मिश्रा, जदयू की महिला विधायक

''जिस रफ्तार से गैस की कीमत बढ़ी हैं वो वाकई चिंताजनक है. केंद्र की सरकार को इस पर पहल करना चाहिए. महिलाएं खास तौर पर बढ़ती कीमतों से परेशान हैं''- शालिनी मिश्रा, जदयू की महिला विधायक

जीवेश मिश्रा, मंत्री, बिहार सरकार
जीवेश मिश्रा, मंत्री, बिहार सरकार

''गैस सिलेंडर महंगा हुआ है, लेकिन गैस सिलेंडर की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से तय होती हैं. सरकार बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाने की कोशिश करेगी''- जीवेश मिश्रा, मंत्री, बिहार सरकार

Last Updated : Mar 8, 2021, 10:13 PM IST
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