पटना : जब से देश में कोरोना वायरस आया है, तभी से इसने कई रूप बदले हैं और लोगों को कई अलग-अलग तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही है. अब कोरोना के कुछ मरीज ऐसे भी देखे गए हैं, जिनमें रिकवर होने के बाद भी लंबे समय तक लक्षण देखे जा रहे हैं. यह लक्षण कुछ हफ्तों तक भी रहे सकते हैं. कुछ मरीजों में इसके लक्षण 6 महीने तक भी देखे जा रहे हैं. डॉक्टरों ने इसे 'लॉन्ग कोविड' का नाम दिया गया है.
क्या कह रहे हैं मेडिकल एक्सपर्ट
पिछले साल से अब तक बीमारी से ठीक हुए लोगों के आंकड़े जुटाए गए तो उनमें 20% से ज्यादा लोग इस बीमारी के लॉन्ग टाइम इफेक्ट से परेशान नजर आए. मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि कोविड से रिकवरी के बाद कई तरह की परेशानियां लोगों में सामने नजर आ रही हैं. इनमें प्रमुख तौर पर कमजोरी, डिप्रेशन, थकान, सांस लेने में परेशानी, सिर दर्द, बेचैनी, मांसपेशियों में दर्द आदि प्रमुख हैं. जो लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती रहे उनके साथ हफनी की शिकायत काफी देखने को मिल रही है. हार्ट डिजीज की समस्याएं भी लोगों को हुई हैं.
'घर में रहते हुए योग और सामान्य एक्सरसाइज करते रहना जरूरी है. उन्होंने कहा कि योग और वाकिंग के जरिए खुद कई बीमारियों पर नियंत्रण किया जा सकता है. कोविड-19 के बाद खासतौर पर सांस से संबंधित एक्सरसाइज, बैलून फुलाना और अन्य डॉक्टर के परामर्श पर किए गए उपाय काफी लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं.' - डॉ. दिवाकर तेजस्वी, मेडिकल एक्सपर्ट
डॉक्टर की सलाह जरुरी
वहीं, आईएमए के उपाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने बताया कि पोस्ट कोविड कॉम्प्लीकेशन बड़ी संख्या में मरीजों में देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोविड निगेटिव होने के 2 महीने बाद भी अगर लोग किसी न किसी परेशानी से जूझ रहे हैं तो इससे लॉन्ग कोविड कहा जा रहा है. लॉन्ग कोविड जानलेवा भले ना हो लेकिन सही मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह पर इनका ट्रीटमेंट जरूरी है.
'खुद को स्वस्थ रखना और सकारात्मक सोच रखना सबसे जरूरी है. सही डॉक्टर से सलाह लेकर पोस्ट कोविड की परेशानियों का इलाज सही तरीके से करने पर हम आगे बेहतर हेल्दी लाइफ जी सकते हैं.' - डॉ. अजय कुमार, उपाध्यक्ष आइएमए बिहार