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Caste Census in Bihar: मसौढ़ी में लोहार समाज ने किया जातीय जनगणना का विरोध, स्वतंत्र कोड की मांग

लोहार समाज ने मसौढ़ी में बिहार में चल रही जातीय जनगणना का विरोध किया (Lohar community opposed caste census in masaurhi) है. लोहार को कमार उपजाति में जोड़ने को लेकर जाति गणना का लोहार समाज ने विरोध किया और लोहार जाति को स्वतंत्र कोड देने की मांग की. इस मामले को लेकर अनुमंडल कार्यालय में ज्ञापन भी दिया गया. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Apr 25, 2023, 4:04 PM IST

पटना: बिहार में चल रहे जातीय जनगणना का इन दिनों लोहार समाज ने विरोध (protest against caste census in masaurhi ) कर रही है. दरअसल लोहार जाति को कमार उपजाति में जोड़ देने का लोग विरोध जता रहे हैं. इस जाति जनगणना का बहिष्कार करते हुए सरकार से लोहार जाति को मूल रूप से स्वतंत्र कोड देने की मांग की है. मसौढ़ी में इन दिनों लोहार समाज के लोग सरकार के जाति जनगणना के खिलाफ सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः 'जातीय जनगणना से समाज में शुरू हो जाएगा विवाद, विपक्ष बताए इसके फायदे'

लोहार को कमार की उपजाति का मिला है दर्जाः लोहार समाज जाति जनगणना का बहिष्कार कर रहे हैं. दरअसल, लोहार समुदाय की सरोज भारती का कहना है कि बिहार में लोहार समाज के लोगों के खतियान में जाति का नाम लोहार दर्ज है. इसका सत्यापन भूमि दस्तावेज खतियान के द्वारा किया जा चुका है. वहीं अनुग्रह नारायण शोध संस्थान के रिपोर्ट में भी लोहार जाति को दर्शाया गया है, लेकिन जाति आधारित गणना में लोहार जाति के लिए कोड का आवंटन नहीं किया गया है. इसे कमार उपजाति के साथ जोड़ दिया गया है.

पश्चिम बंगाल की मुख्य जाति है कमारः बताया जाता है कि कमार पश्चिम बंगाल की जाति है और यह बिहार में अल्पसंख्यक है. ऐसे में बिहार के सभी 38 जिलों में लोहार जाति बहुसंख्यक के रूप में हैं. इसको लेकर हम सभी जाति जनगणना का बहिष्कार करते हैं और सरकार से मांग करते हैं लोहार जाति का एक स्वतंत्र कोड दिया जाए. बिहार राज्य लोहार समिति की ओर से लगातार इन दिनों विरोध प्रदर्शन हो रहा है. लोहार समाज के अध्यक्ष और वार्ड पार्षद सरोज भारती के नेतृत्व में मसौढ़ी में विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है. वहीं अनुमंडल प्रशासन को ज्ञापन देकर मांग कर रहे हैं कि लोहार जाति को लिए एक अलग स्वतंत्र कोड दिया जाए, नहीं तो उसको पूरे बिहार में पुरजोर तरीके से आंदोलन होगा.

"बिहार में लोहार समाज के लोगों के खतियान में जाति का नाम लोहार दर्ज है. इसका सत्यापन भूमि दस्तावेज खतियान के द्वारा किया जा चुका है. इसे कमार उपजाति के साथ जोड़ दिया गया है. लोहार जाति को लिए एक अलग स्वतंत्र कोड दिया जाए, नहीं तो उसको पूरे बिहार में पुरजोर तरीके से आंदोलन होगा" - सरोज भारती, पूर्व वार्ड पार्षद

पटना: बिहार में चल रहे जातीय जनगणना का इन दिनों लोहार समाज ने विरोध (protest against caste census in masaurhi ) कर रही है. दरअसल लोहार जाति को कमार उपजाति में जोड़ देने का लोग विरोध जता रहे हैं. इस जाति जनगणना का बहिष्कार करते हुए सरकार से लोहार जाति को मूल रूप से स्वतंत्र कोड देने की मांग की है. मसौढ़ी में इन दिनों लोहार समाज के लोग सरकार के जाति जनगणना के खिलाफ सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं.

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लोहार को कमार की उपजाति का मिला है दर्जाः लोहार समाज जाति जनगणना का बहिष्कार कर रहे हैं. दरअसल, लोहार समुदाय की सरोज भारती का कहना है कि बिहार में लोहार समाज के लोगों के खतियान में जाति का नाम लोहार दर्ज है. इसका सत्यापन भूमि दस्तावेज खतियान के द्वारा किया जा चुका है. वहीं अनुग्रह नारायण शोध संस्थान के रिपोर्ट में भी लोहार जाति को दर्शाया गया है, लेकिन जाति आधारित गणना में लोहार जाति के लिए कोड का आवंटन नहीं किया गया है. इसे कमार उपजाति के साथ जोड़ दिया गया है.

पश्चिम बंगाल की मुख्य जाति है कमारः बताया जाता है कि कमार पश्चिम बंगाल की जाति है और यह बिहार में अल्पसंख्यक है. ऐसे में बिहार के सभी 38 जिलों में लोहार जाति बहुसंख्यक के रूप में हैं. इसको लेकर हम सभी जाति जनगणना का बहिष्कार करते हैं और सरकार से मांग करते हैं लोहार जाति का एक स्वतंत्र कोड दिया जाए. बिहार राज्य लोहार समिति की ओर से लगातार इन दिनों विरोध प्रदर्शन हो रहा है. लोहार समाज के अध्यक्ष और वार्ड पार्षद सरोज भारती के नेतृत्व में मसौढ़ी में विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है. वहीं अनुमंडल प्रशासन को ज्ञापन देकर मांग कर रहे हैं कि लोहार जाति को लिए एक अलग स्वतंत्र कोड दिया जाए, नहीं तो उसको पूरे बिहार में पुरजोर तरीके से आंदोलन होगा.

"बिहार में लोहार समाज के लोगों के खतियान में जाति का नाम लोहार दर्ज है. इसका सत्यापन भूमि दस्तावेज खतियान के द्वारा किया जा चुका है. इसे कमार उपजाति के साथ जोड़ दिया गया है. लोहार जाति को लिए एक अलग स्वतंत्र कोड दिया जाए, नहीं तो उसको पूरे बिहार में पुरजोर तरीके से आंदोलन होगा" - सरोज भारती, पूर्व वार्ड पार्षद

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