पटना: एलजेपी (LJP) ने बिहार सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता जनक राम (BJP Leader Janak Ram) के जाति की राजनीति (caste politics) वाले बयान पर पलटवार किया है. प्रवक्ता चंदन सिंह (LJP Leader Chandan Singh) ने कहा कि उन्हें अगर जातीय जनगणना (Caste Census) पर इतनी ही आपत्ति है तो वे खुद प्रधानमंत्री से मिलने क्यों गए?
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एलजेपी नेता चंदन सिंह ने कहा कि एक तरफ तो मंत्री जनक राम जातीय जनगणना को लेकर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narednra Modi) से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे, वहीं दूसरी तरफ वे कहते हैं कि जाति की गणना वे लोग ही कराना चाहते हैं, जो जाति की राजनीति करते हैं.
चंदन सिंह ने कहा कि जनक राम को जरूर इस बात का जवाब देना चाहिए कि आखिर वे उस शिष्टमंडल का हिस्सा क्यों थे? जब वे जातीय जनगणना के पक्षधर ही नहीं हैं, तो कौन सी ऐसी मजबूरी थी कि वे पीएम से मिलने गए थे.
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एलजेपी नेता ने कहा कि जनक राम के बयान से ये साफ हो जाता है कि जातीय जनगणना पर बीजेपी की राय जेडीयू से अलग है. अन्य मुद्दों की तरह ही इस मुद्दे पर भी दोनों दलों में मतभेद है.
चंदन सिंह ने कहा कि एलजेपी यह मानती है कि बिहार में बहुत सारी ऐसी जातियां हैं, जिनका समुचित विकास नहीं हो पाया है. अगर जातीय जनगणना होती है तो इससे उनकी राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थितियों के बारे में सही-सही जानकारियां मिल पाएंगी. इससे राज्य और केंद्र सरकार मिलकर उनका विकास कर पाएंगी. उन्होंने कहा कि हमारे संस्थापक रामविलास पासवान कहा करते थे कि मैं उस घर में दीया जलाने चला हूं, जहां सदियों से अंधेरा है.