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आंदोलन के नाम पर दंगा कर रहे किसानों पर केंद्र सरकार करे कठोर कार्रवाई- LJP

किसानों ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के लाल किले में शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया था. लेकिन इस दौरान आईटीओ, लाल किला समेत कई इलाकों में हिंसात्मक घटनाएं देखने को मिली.

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Published : Jan 27, 2021, 3:51 PM IST

पटनाः दिल्ली में 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा का कई राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में लोजपा यूथ विंग ने पटना के साहित्य सम्मेलन कदम कुआं ग्राउंड में मुंह पर पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान लोजपा के बिहार प्रदेश के मीडिया प्रभारी कृष्णा सिंह कल्लू ने गृह मंत्रालय से इन देश द्रोहियों पर राष्ट्र सुरक्षा कानून लगा कर दंडित करने की मांग की.

"गणतंत्र दिवस का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान. खूनी ट्रैक्टर से फर्जी किसानों ने जो खेल खेला उसे पूरा देश माफ नहीं कर सकता. इनलोगों के खिलाफ केंद्र सरकार को शूट एट शाइट का ऑर्डर पास करे. साथ ही लाल किले के साथ जो खिलवाड़ किया गया वह बेहद निंदनीय है."- कृष्णा सिंह कल्लू, बिहार प्रदेश मीडिया प्रभारी, लोजपा

लोजपा यूथ विंग का विरोध प्रदर्शन

संप्रभुता और सुरक्षा पर सवाल
लोजपा के मीडिया प्रभारी कृष्णा सिंह कल्लू ने कहा कि ट्रैक्टर से फर्जी किसानों ने जो खेल खेला उस मामले की केंद्र सरकार सीबीआई और आईबी से जांच करवाए. उन्होंने कहा कि शाहिद भगत सिंह जैसे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने जिस लाल किले पर तिरंगा फहराने के लिए अपने जान गवां दिए. उस लाल किले पर से तिरंगे को हटा कर अपने संगठन का झंडा लगाना कहीं न कहीं देश की संप्रभुता और सुरक्षा पर सवाल उठता है.

ये भी पढ़ेः पटना एयरपोर्ट पर कोहरे के कारण कई विमान रद्द, दर्जनों विमानों का देर से हो रहा परिचालन

किसानों ने मचाया उत्पात
कृष्णा सिंह कल्लू ने कहा कि देश का हर एक नागरिक ऐसे उपद्रवियों की घोर निन्दा करता है. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इनके ऊपर देश द्रोह और तिरंगे के अपमान का केस दर्ज कर इन पर सख्त कार्रवाई करे. लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी कल ट्वीट करके लाल किले पर किसानों द्वारा उत्पात मचाने का विरोध किया था.

ट्रैक्टर मार्च के दौरान हिंसा
बता दें कि पिछले 2 महीने से कृषि कानून में बदलाव को लेकर किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए थे. किसानों ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के लाल किले में शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया था. लेकिन इस दौरान आईटीओ, लाल किला समेत कई इलाकों में हिंसात्मक घटनाएं देखने को मिली. किसानों के जरिए निकाली गई परेड में पुलिस और आंदोलनकारी किसानों के बीच झड़प, पत्थरबाजी, लाठीचार्ज देखने को मिला.

पटनाः दिल्ली में 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा का कई राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में लोजपा यूथ विंग ने पटना के साहित्य सम्मेलन कदम कुआं ग्राउंड में मुंह पर पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान लोजपा के बिहार प्रदेश के मीडिया प्रभारी कृष्णा सिंह कल्लू ने गृह मंत्रालय से इन देश द्रोहियों पर राष्ट्र सुरक्षा कानून लगा कर दंडित करने की मांग की.

"गणतंत्र दिवस का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान. खूनी ट्रैक्टर से फर्जी किसानों ने जो खेल खेला उसे पूरा देश माफ नहीं कर सकता. इनलोगों के खिलाफ केंद्र सरकार को शूट एट शाइट का ऑर्डर पास करे. साथ ही लाल किले के साथ जो खिलवाड़ किया गया वह बेहद निंदनीय है."- कृष्णा सिंह कल्लू, बिहार प्रदेश मीडिया प्रभारी, लोजपा

लोजपा यूथ विंग का विरोध प्रदर्शन

संप्रभुता और सुरक्षा पर सवाल
लोजपा के मीडिया प्रभारी कृष्णा सिंह कल्लू ने कहा कि ट्रैक्टर से फर्जी किसानों ने जो खेल खेला उस मामले की केंद्र सरकार सीबीआई और आईबी से जांच करवाए. उन्होंने कहा कि शाहिद भगत सिंह जैसे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने जिस लाल किले पर तिरंगा फहराने के लिए अपने जान गवां दिए. उस लाल किले पर से तिरंगे को हटा कर अपने संगठन का झंडा लगाना कहीं न कहीं देश की संप्रभुता और सुरक्षा पर सवाल उठता है.

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किसानों ने मचाया उत्पात
कृष्णा सिंह कल्लू ने कहा कि देश का हर एक नागरिक ऐसे उपद्रवियों की घोर निन्दा करता है. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इनके ऊपर देश द्रोह और तिरंगे के अपमान का केस दर्ज कर इन पर सख्त कार्रवाई करे. लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी कल ट्वीट करके लाल किले पर किसानों द्वारा उत्पात मचाने का विरोध किया था.

ट्रैक्टर मार्च के दौरान हिंसा
बता दें कि पिछले 2 महीने से कृषि कानून में बदलाव को लेकर किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए थे. किसानों ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के लाल किले में शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया था. लेकिन इस दौरान आईटीओ, लाल किला समेत कई इलाकों में हिंसात्मक घटनाएं देखने को मिली. किसानों के जरिए निकाली गई परेड में पुलिस और आंदोलनकारी किसानों के बीच झड़प, पत्थरबाजी, लाठीचार्ज देखने को मिला.

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