पटनाः बिहार चुनाव से ऐन पहले एनडीए का साथ छोड़ अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लेने वाले एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ने 134 सीटों पर उपने उम्मीदवार उतारे थे. उसमें से महज एक ही प्रत्याशी को जीत मिल सकी. लेकिन उनके प्रत्याशियों ने 54 सीटों पर राजनीतिक दलों का सियासी खेल बिगाड़ दिया है. एलजेपी ने एनडीए को 30 और महागठबंधन को 24 सीटों पर नुकसान पहुंचाया है.
बीजेपी को भी एक सीट पर नुकसान
एलजेपी के ज्यादातर उम्मीदवार जेडीयू के प्रत्याशियों के खिलाफ चुनावी मैदान में थे. गोविदंगज, लालगंज, भागलपुर, राघोपुर, रोसड़ा और नरकटियागंज जैसी सीट पर एलजेपी प्रत्याशी बीजेपी के खिलाफ भी चुनाव लड़ रहे थे. लेकिन एलजेपी को मजह एक सीट पर ही जीत मिली, लेकिन कई सीटों पर दूसरी और तीसरे स्थान पर रही है. चिराग की पार्टी सबसे ज्यादा नुकसान जेडीयू को पहुंचाया है. जबकि बीजेपी को 1 सीट पर नुकसान हुआ है.
एनडीए को 30 सीटों पर नुकसान
एलजेपी ने जेडीयू के खिलाफ बीजेपी के 22 बागी प्रत्याशियों को टिकट दिया था. इनमें से किसी को जीत नहीं मिली, लेकिन जेडीयू के खेल बिगाड़ने में सफल रहे. एलजेपी ने जेडीयू को 25, बीजेपी को एक और वीआईपी को 4 सीटों पर हराया है.
एलजेपी से 30 सीटों पर महागठबंधन को फायदा
वहीं, महागठबंधन खेमे को भी एलजेपी प्रत्याशियों से नुकसान हुआ है. आरजेडी को 12, कांग्रेस को 10 और सीपीआई(एमएल) को 2 सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा है. एलजेपी के मैदान में उतरने से महागठबंधन को सिर्फ नुकसान ही नहीं हुआ है, बल्कि कई सीटों पर उनके लिए जीत भी आसान हुई है. इसमें आरजेडी की 24 और कांग्रेस की 6 सीटें शामिल हैं. इन सीटों पर एलजेपी को मिले वोट एनडीए प्रत्याशी के वोट में जोड़ दें तो वह जीत जाते.