पटना: लोजपा के संस्थापक सह केंद्रिय मंत्री राम विलास पासवान का रविवार को 75वां जन्मदिन है. इस अवसर पर रामविलास पासवान ने इस बार भारत के तमाम वीर सपूतों की याद में जन्म दिवस नहीं मनाने का आग्रह पार्टी कार्यकर्ताओं से किया था. इसके बाद राजधानी स्थित लोजपा कार्यालय में पार्टी के प्रधान महासचिव डॉ शाहनवाज अहमद कैफी की अध्यक्षता में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दिया गया.
'शहीदों को किया गया नमन'
ईटीवी भारत संवाददतात से बात करते हुए लोजपा प्रधान सचिव शाहनवाज अहमद खान ने कहा कि लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान के जन्म दिवस के अवसर पर पार्टी कार्यालय में उनके निर्देश पर पार्टी ने इस साल उनका जन्मदिन नहीं मनाने का निर्णय लिया है. इस मौके पर भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए देश के 20 जवानों को याद कर उनके तस्वीर पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर उनको नमन किया है.
'हर साल धूमधाम से मनाया जाता था जन्मदिवस'
पार्टी के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक सुनील पांडे ने कहा कि रामविलास पासवान के जन्म दिवस के अवसर में पार्टी कार्यालय में वीरगति प्राप्त शहीदों के तस्वीरों पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया है. भारत-चीन सीमा पर वीरगति प्राप्त करने वाले शहीदों की याद में रामविलास पासवान ने खुद जन्म दिवस नहीं मानाने का आग्रह किया था.
ऐसा पहली बार हुआ है कि जब पार्टी ने रामविलास पासवान का जन्मदिन नहीं मनाया हो. हर साल पार्टी संस्थापक रामविलास पासवान का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाता था. इस मौके पर पार्टी कार्यालय में लोजपा के सभी वरीय नेता मौजूद रहे.
'राजनीति में लगभग 51 साल बीता चुका हैं रामविलास'
गौरतलब है कि रामविलास पासवान का नाम देश और बिहार के सबसे कद्दावर नेताओं में शुमार है. वे राजनीति में करीब 51 साल बिता चुके हैं. रामविलास पासवान देश में मौसम विज्ञानी नेता के नाम से जाने जाते हैं. राजद सुप्रीमों लालू यादव ने पहली बार उनको यह नाम दिया था. इसकी वजह यह है कि रामविलास पासवान चुनाव से पूर्व यह भांपने में माहिर हैं कि किसकी सरकार बनने वाली है. इसी के अनुसार वे अपना राजनीतिक कदम भी उठाते हैं.
![शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए लोजपा नेता](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-02-ramvilash-paswan-birthday-7209154_05072020142931_0507f_01172_354.jpg)
मोदी सरकार में ली थी मंत्री पद की शपथ
राम विलास पासवान बिहार की राजनीति के सबसे प्रमुख दलित चेहरे हैं. साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बार का चुनाव लोजपा के लिए काफी खास है. वजह यह है कि लंबे अंतराल के बाद रामविलास विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के साथ खड़े हैं. लोजपा एनडीए तीन घटक दलों में शामिल हैं. राम विलास पासवान पिछले 32 वर्षों में 11 चुनाव लड़ चुके हैं. इस दौरान उन्होंने नौ बार जीत भी दर्ज किया है. हालांकि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा और संसद में पहुंचने के लिए रामविलास ने राज्यसभा का रास्ता चुना था.