पटनाः बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) के बावजूद 6 सालों में बेतहाशा शराब का कोरोबार होता रहा और शराब पी गई. समय-समय पर इसकी पुष्टी भी होती रही. कभी विधानसभा परिसर से शराब की बोलतें मिलती हैं, तो कभी अस्पताल से, कभी थाना परिसर से तो कभी नेताओं की गाड़ियों से. एक बार फिर शराबबंदी वाले स्टेट की राजधानी पटना में मेन होल की सफाई के दौरान नाले से दारू की सैकड़ों बोतलें (Liquor Bottles Taken Out From Drain In Patna) निकाली गईं, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया.
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चल रहा था नाला उड़ाही का कामः दरअसल, गुरुवार की सुबह पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र में नाला उड़ाही का काम चल रहा था. जहां शालीमार स्वीट्स के पास नगर निगम के कर्मी जब नाले की सफाई करने लगे तो मेन होल का ढक्कन खुलते ही उससे सैकड़ों शराब की खाली बोतलें और टेट्रा पैक के खाली पैकेट निकलने शुरू हो गए. सफाईकर्मी बाल्टी भर-भरके शराब की बोतलें निकालने लगे. जो कहीं ना कहीं बिहार में जारी शराबबंदी कानून को आईना दिखाती नजर आई.
लोगों की लग गई भीड़ः इस दौरान आसपास के लोग भी इलाके के मेन होल की चल रही सफाई के दौरान मिली शराब की बोतलों को देखने के लिए जुट गए. सड़क से गुजरने वाले लोगों ने कहा कि जब बिहार और खास करके राजधानी पटना में शराब की खेप आराम से पहुंच रही है, शराब माफिया लोगों को शराब मुहैया करवा रहे हैं, तो लोग आराम से शराब का सेवन कर रहे हैं. उसके बाद शराब की खाली बोतलों को नालों में फेंक देते हैं.
'निकाल ली गईं सभी बोतलें': वहीं, नाले में उतरकर सफाई कर रहे नगर निगम कर्मचारी ने बताया कि जैसे ही वो नाले में उतरा खाली शराब की बोतलें मिलनी शुरू हो गईं. फिलहाल तो उसने इस नाले से शराब की खाली बोतलें निकाल दी हैं. अगर आगे भी मिली तो उसे भी वहां से निकाला जाएगा. यहां पर सभी बोतल निकल गई है और नाला पूरी तरह साफ हो गया है. इन बोतलों से नाला भी जाम हो जाता है.
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बता दें कि बरसात आने से पहले नगर निगम के कर्मचारी राजधानी पटना के तमाम नालों और मेन होल की सफाई करने में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में पटना के कंकड़बाग शालीमार स्वीट्स से कंकड़बाग टेंपो स्टैंड तक जाने वाली वाली सड़क पर बने मेन होल की सफाई करने जब सुबह नगर निगम के कर्मचारी पहुंचे और नाले के ढक्कन को खोला गया तो उसमें से खाली शराब की बोतलें मिलनी शुरू हो गईं. जिसे कर्मियों ने एक लाइन से सड़क पर ही रख दिया. शराब की इतनी सारी बोतलों को देखकर आने-जाने वाले लोग वहां रूकर ये नजारा देखने लगे.
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2016 से बिहार में है शराबबंदी: आपको बता दें कि बिहार में 2016 से ही शराबबंदी कानून लागू है. लेकिन राज्य में शराब कभी बंद नहीं हुई. जहरीली शराब से मौत के मामले भी बढ़ने लगे. इसकी सफलता को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे. विपक्ष से लेकर सत्ता पार्टी के लोग और सुप्रीम कोर्ट तक ने इस कानून में कई कमियां निकालीं. जिसे बाद चौतरफा विरोध को देखते हुए बीते बुधवार को ही बिहार विधानसभा में संशोधन विधेयक 2022 के तहत शराबबंदी कानून में कुछ संशोधन किए गए.
शराबबंदी कानून में संशोधनः इस संशोधन के तहत अब पहली बार शराब पीने वाले को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने का प्रावधान है. अगर अपराधी जुर्माना जमा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. नए नियम के तहत एक प्रावधान ये भी है कि जब किसी अपराधी को पुलिस की ओर से प्रतिबंध के उल्लंघन के लिए पकड़ा जाता है, तो आरोपी को उस व्यक्ति का नाम बताना होगा जहां से शराब प्राप्त की गई थी. इस संशोधन से चोरी छिपे शराब पीने वालों को जेल जाने का खतरा थोड़ा कम हो सकता है, लेकिन बिहार में शराब पीना बंद हो जाएगी, ये कहना ना मुमकिन है.
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