पटना: बिहार के पटना जिले में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीजों के लिए संकट गहरा गया है. पटना के अस्पतालों में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीजों को दिया जाने वाला इंजेक्शन लाइपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी (Liposomal Amphotericin B) का स्टॉक ड्राई हो गया है. ऐसे में अब मरीजों का एंटीफंगल दवा की गोलियों (Antifungal Medicine Pills) से ही इलाज हो रहा है.
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एम्स में 140 मरीज एडमिट
बताते चलें कि पटना एम्स (AIIMS) में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के 140 मरीज एडमिट हैं. जबकि आईजीआईएमएस (IGIMS) में 110 मरीज एडमिट हैं. पटना के एनएमसीएच (NMCH) और पीएमसीएच (PMCH) जैसे संस्थानों में लगभग 50 की संख्या में मरीज एडमिट हैं.
लाइपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी का इंजेक्शन आवश्यक
बता दें कि इन सभी अस्पतालों में जो भी मरीज एडमिट हैं, उनकी स्थिति गंभीर है. इन मरीजों के लिए एंटी फंगल इंजेक्शन (Antifungal Injection) लाइपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी का इंजेक्शन अति आवश्यक है. जिन मरीजों की स्थिति सामान्य है, उनके लिए एंटीफंगल गोलियां (Antifungal Pills) कारगर हैं.
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दो दिनों में खत्म हुआ स्टॉक
पटना में सोमवार को लाइपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी 1,750 वायल उपलब्ध हुआ था. जिसके बाद इंजेक्शन की अधिक डिमांड होने की वजह से यह 2 दिनों ही में स्टॉक खत्म हो गया.
ऐसे में 2 दिनों से इंजेक्शन का स्टॉक ड्राई है. स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो इंजेक्शन उपलब्ध होने में अभी 1 से 2 दिनों का समय लग सकता है. औषधि विभाग ने लगभग 2,100 इंजेक्शन की डिमांड की है.
मरीजों के लिए हो सकता है खतरनाक
बताते चलें कि ब्लैक फंगस के मरीजों को लाइपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन का पांच वायल प्रतिदिन चढ़ाना पड़ता है. ऐसे में ब्लैक फंगस (Black Fungus) का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि अगर इंजेक्शन का डोज ब्रेक होता है, तो यह मरीज के लिए खतरनाक हो सकता है.