पटना: बिहार की राजधानी पटना में महागठबंधन ने संपूर्ण क्रांति दिवस को ऐतिहासिक सम्मेलन का आयोजन किया. इस दौरान आरजेडी समेत लेफ्ट पार्टियों ने हिस्सा लिया. लेफ्ट नेता दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. सबसे बड़ी बात उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत अध्यक्षता कर रहे तेजस्वी यादव के साथ की. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज कुछ बातें इतिहास की भी होंगी. 1967 की बात का जिक्र करते हुए दीपांकर ने कहा कि उन दिनों कांग्रेस की सरकार करीब करीब पूरे देश में सत्ता थी. 1967 में पहली बार बदलाव हुआ और कई राज्यों में गैर कांग्रेसी संस्कार सरकार बनी.
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'देश में अघोषित आपातकाल': 1974 छात्र नौजवानों का दौर था. आज 48 साल बाद हम लोग एक जगह पर आज एकत्र हुए हैं. दीपंकर ने कहा कि आज घोषित आपातकाल नहीं है, बल्कि अघोषित आपातकाल है. आज हम सब साथ हैं तो यह वक्त की जरूरत है. अभी हम चार पार्टियां हैं. दीपंकर ने कहा कि बाबरी मस्जिद से शुरू हुई बात आज के दौर में ताज महल और कुतुब मीनार तक पहुंच गई है. आजादी के अमृत महोत्सव के नाम पर देश के लोगों में बड़ा जहर घोला जा रहा है. इतनी बड़ी चुनौती देश के सामने कभी नहीं आई थी. अगर देश हिंदू राष्ट्र बना तो बहुत बड़ी विपत्ति आ जाएगी.
लेफ्ट चाहता है दिल्ली वाली लड़ाई लड़ना: लेफ्ट ने कहा कि इन खतरे से निपटने के लिए बड़ी लड़ाई लड़नी है. हमें दिल्ली वाली लड़ाई लड़नी है. दीपांकर ने कहा कि आज रोजगार अभी सबसे अहम मांग है. महागठबंधन की बात पर दीपांकर का कहना था कि अभी हम जिस तरीके से चल रहे हैं वह ठीक नहीं है. हमें और तेज चलना होगा. जहां हमारी सीटें घटी वहां मेहनत करनी होगी. उत्तर प्रदेश में सरकार का जिक्र करते हुए दीपंकर ने कहा कि यूपी में बुलडोजर राज के बाद अब बिहार में भी उसकी तैयारी चल रही है. देश में अगर कोई किसी घटना का विरोध कर रहा है तो अर्बन नक्सली कहा जा रहा है. जबकि हमारे पास भगत सिंह, अंबेडकर और नक्सलबाड़ी की विरासत है. महागठबंधन महा मकसद के लिए बना हुआ है. आज सुपर आपातकाल है और बिहार फिर रास्ता दिखाएगा.
क्या देश में अच्छे दिन आए: महासम्मेलन को संबोधित करते हुए सीपीएम महासचिव डी राजा ने कहा कि आज क्रांति नहीं, जनता को अधिकार चाहिए. हम लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि देश के सामने कई सवाल हैं. नई राजनीति अर्थनीति है. हमें नई राजनीति और अर्थनीति से लड़ना होगा. उसके बारे में सोचना होगा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी 8 साल से प्रधानमंत्री हैं. 8 साल से बीजेपी की सरकार है, सब अच्छा जा रहा है. लेकिन, मैं यह पूछना चाहता हूं क्या आप के अच्छे दिन आए? क्योंकि अच्छा दिन आने को कहा गया था.
'कहां है सबका साथ': सबका साथ सबका विकास की बात कही गई थी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूंजीवाद के साथ है. मोदी सरकार अंबानी-अडानी के साथ है. गरीबों के साथ नहीं है. आज लोग ब्रेड-बटर के लिए लड़ रहे हैं. बीजेपी और आरएसएस देश विभाजन के लिए काम कर रहे हैं. जबकि देश सबका है. हमारा संविधान हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई की बात करता है. जबकि आरएसएस कहता है कि हिंदू राज आना चाहिए. डी. राजा ने यह भी कहा कि नीतीश सरकार बीजेपी के दबाव में हैं. यह सरकार हटनी चाहिए.
लेफ्ट और RJD के रिश्तों पर डी राजा: लेफ्ट व राजद के साथ रिश्तों पर डी राजा ने कहा कि यह खुशी की बात है कि सामाजिक न्याय के लिए साथ में है. अन्य सभी सेकुलर दल भी बीजेपी को हटाने के लिए आगे आएं. हमेशा साथ में लड़ने की जरूरत है. लड़ने के लिए जीना है. जीने के लिए लड़ें और लड़ते-लड़ते आगे बढ़ो. देश की चुनौतियों को, समस्याओं को लड़कर खत्म किया जाएगा. सबको मिलकर दिल्ली वाली लड़ाई लड़नी होगी.
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