ETV Bharat / state

सुशांत केस में क्या कहते हैं विशेषज्ञ, एक क्लिक में पढ़ें पूरी खबर

सुशांत सुसाइड केस का मामला अब अब धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है. इस केस में आए-दिन नई कहानियां भी सामने आ रही है. बिहार और मुंबई पुलिस के बीच तनातानी की खबरें भी सामने आई. इन सब के बीच कानून के जानकार और केस अनुसंधान विशेषज्ञ इस मामले में क्या कहते हैं. जानने के लिए पढ़ें यह पूरी खबर.

सुशांत केस
सुशांत केस
author img

By

Published : Aug 2, 2020, 8:13 PM IST

Updated : Aug 2, 2020, 11:03 PM IST

पटना: दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह का मामला अब सुसाइड केस से इतर मिस्ट्री लव, लिव-इन रिलेशनशिप और धोखे के बीच उलझती जा रही है. इस केस को लेकर मुंबई पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल उठ रहे हैं. इन सब के बीच सुशांत के पिता केके सिंह के ने बीते दिनों पटना के राजीब नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाया था. जिसके बाद मुंबई में बिहार पुलिस की इंट्री हुई. मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार पुलिस की जांच टीम को अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के खिलाफ कई अहम सुराग मिले हैं.

'मुंबई पुलिस ने किया धारा 174 का उल्लंघन'
सुशांत केस के बारे में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने केस अनुसंधान विशेषज्ञ अवकाश प्राप्त डीएसपी केडी सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि सीआरपीसी की धारा 174 के मुताबिक अगर किसी की मौत संदिग्ध स्थिति में होती है और यूडी केस दर्ज किया जाता है, तो वैसी स्थिति में केस का अनुसंधान किया जाएगा. इसके अलावे अगर अनुसंधान में 24 घंटे से अधिक का समय लग रहा हो तो, प्रतिदिन केस का सीडी लिख उसकी कॉपी वरीय अधिकारियों को देने का नियम है. लेकिन मुंबई पुलिस केस को जांच करने के बजाय इंक्वायरी कर रही है. मुंबई पुलिस को यह बताना चाहिए कि सीआरपीसी के किस धारा के तहत इतने लंबे समय तक इंक्वायरी की जा रही है.

केडी सिंह, अवकाश प्राप्त डीएसपी
केडी सिंह, अवकाश प्राप्त डीएसपी

'जीरो एफआईआर किया जाना चाहिए था दर्ज'
वहीं, इस पूरे प्रकरण को कानून के जानकार अधिवक्ता सत्यव्रत वर्मा अलग नजरिए से दखते है. इस मामले पर उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस और मुंबई पुलिस आमने-सामने है. उन्होंने कहा कि बिहार के पुलिस को जीरो एफआईआर दर्ज करना चाहिए था और उसे संबंधित राज्य और थाने को भेज देना चाहिए था. ऐसा करने पर मुंबई पुलिस को हर हाल में जीरो एफआईआर के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करना होता और उस पर जांच शुरू हो जाती. लेकिन अब तक सिर्फ केवल इंक्वायरी चल रही है. जहां तक सवाल सीबीआई जांच का है तो यह राज्य सरकार के दायरे में है. वह चाहे तो इस मामले में केंद्र से अनुरोध कर सकती है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'बिहार सरकार केंद्र सरकार से कर सकती है अनुरोध'
पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास का मानना है कि मुंबई पुलिस की तरफ से थोड़ी लापरवाही हुई है. इंक्वायरी में ज्यादा समय लेना संदेह उत्पन्न करता है. उन्होंने बिहार पुलिस के कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किये. उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस की जांच टीम मुंबई में अंकिता लोखंडे की कार का इस्तेमाल कर रही थी. पुलिस को ऐसा करने से बचना चाहिए था. वहीं, सीबीआई जांच के बारे में उन्होंने कहा कि बिहार सरकार जब चाहे मामले को सीबीआई जांच के लिए सीबीआई से अनुरोध कर सकती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि सीबीआई बिहार सरकार के अनुरोध को मान ले.

अमिताभ कुमार दास, पूर्व आईपीएस
अमिताभ कुमार दास, पूर्व आईपीएस

सुशांत के पिता ने पटना में दर्ज कराई थी एफआईआर
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस रवैये को देखते हुए सुशांत के परिजनों ने राजधानी पटना के राजीव नगर थाने में अभिनेत्री रिया और उनके परिजनों के खिलाफ 241/20 के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया था. बिहार पुलिस ने रिया के अलावे अन्य 6 लोगों के ऊपर आईपीसी की धारा 341,342,306,380,406,420,506 , 120 बी के तहत मामला दर्ज किया था. बता दें कि मामला दर्ज करते ही बिहार पुलिस की जांच टीम मुंबई पहुंची. जहां पुलिस ने केस से जुड़े कई लोगों से पूछताछ भी की थी.

सत्यव्रत वर्मा,अधिवक्ता
सत्यव्रत वर्मा,अधिवक्ता

पटना: दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह का मामला अब सुसाइड केस से इतर मिस्ट्री लव, लिव-इन रिलेशनशिप और धोखे के बीच उलझती जा रही है. इस केस को लेकर मुंबई पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल उठ रहे हैं. इन सब के बीच सुशांत के पिता केके सिंह के ने बीते दिनों पटना के राजीब नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाया था. जिसके बाद मुंबई में बिहार पुलिस की इंट्री हुई. मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार पुलिस की जांच टीम को अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के खिलाफ कई अहम सुराग मिले हैं.

'मुंबई पुलिस ने किया धारा 174 का उल्लंघन'
सुशांत केस के बारे में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने केस अनुसंधान विशेषज्ञ अवकाश प्राप्त डीएसपी केडी सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि सीआरपीसी की धारा 174 के मुताबिक अगर किसी की मौत संदिग्ध स्थिति में होती है और यूडी केस दर्ज किया जाता है, तो वैसी स्थिति में केस का अनुसंधान किया जाएगा. इसके अलावे अगर अनुसंधान में 24 घंटे से अधिक का समय लग रहा हो तो, प्रतिदिन केस का सीडी लिख उसकी कॉपी वरीय अधिकारियों को देने का नियम है. लेकिन मुंबई पुलिस केस को जांच करने के बजाय इंक्वायरी कर रही है. मुंबई पुलिस को यह बताना चाहिए कि सीआरपीसी के किस धारा के तहत इतने लंबे समय तक इंक्वायरी की जा रही है.

केडी सिंह, अवकाश प्राप्त डीएसपी
केडी सिंह, अवकाश प्राप्त डीएसपी

'जीरो एफआईआर किया जाना चाहिए था दर्ज'
वहीं, इस पूरे प्रकरण को कानून के जानकार अधिवक्ता सत्यव्रत वर्मा अलग नजरिए से दखते है. इस मामले पर उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस और मुंबई पुलिस आमने-सामने है. उन्होंने कहा कि बिहार के पुलिस को जीरो एफआईआर दर्ज करना चाहिए था और उसे संबंधित राज्य और थाने को भेज देना चाहिए था. ऐसा करने पर मुंबई पुलिस को हर हाल में जीरो एफआईआर के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करना होता और उस पर जांच शुरू हो जाती. लेकिन अब तक सिर्फ केवल इंक्वायरी चल रही है. जहां तक सवाल सीबीआई जांच का है तो यह राज्य सरकार के दायरे में है. वह चाहे तो इस मामले में केंद्र से अनुरोध कर सकती है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'बिहार सरकार केंद्र सरकार से कर सकती है अनुरोध'
पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास का मानना है कि मुंबई पुलिस की तरफ से थोड़ी लापरवाही हुई है. इंक्वायरी में ज्यादा समय लेना संदेह उत्पन्न करता है. उन्होंने बिहार पुलिस के कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किये. उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस की जांच टीम मुंबई में अंकिता लोखंडे की कार का इस्तेमाल कर रही थी. पुलिस को ऐसा करने से बचना चाहिए था. वहीं, सीबीआई जांच के बारे में उन्होंने कहा कि बिहार सरकार जब चाहे मामले को सीबीआई जांच के लिए सीबीआई से अनुरोध कर सकती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि सीबीआई बिहार सरकार के अनुरोध को मान ले.

अमिताभ कुमार दास, पूर्व आईपीएस
अमिताभ कुमार दास, पूर्व आईपीएस

सुशांत के पिता ने पटना में दर्ज कराई थी एफआईआर
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस रवैये को देखते हुए सुशांत के परिजनों ने राजधानी पटना के राजीव नगर थाने में अभिनेत्री रिया और उनके परिजनों के खिलाफ 241/20 के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया था. बिहार पुलिस ने रिया के अलावे अन्य 6 लोगों के ऊपर आईपीसी की धारा 341,342,306,380,406,420,506 , 120 बी के तहत मामला दर्ज किया था. बता दें कि मामला दर्ज करते ही बिहार पुलिस की जांच टीम मुंबई पहुंची. जहां पुलिस ने केस से जुड़े कई लोगों से पूछताछ भी की थी.

सत्यव्रत वर्मा,अधिवक्ता
सत्यव्रत वर्मा,अधिवक्ता
Last Updated : Aug 2, 2020, 11:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.