पटना: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का खास महत्व होता है. चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन धर्म और ज्योतिष में इसे शुभ नहीं माना जाता है. इस साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण आज है. ग्रहण शरद पूर्णिमा की रात को लग रहा है.आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है.
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साल का आखिरी चंद्र ग्रहण: हर माह में पूर्णिमा तिथि पर व्रत रखने से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं. इस साल 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है. इस दिन देवी लक्ष्मी के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा की जाती है.
चंद्र ग्रहण का समय: उन्होंने बताया कि पंचांग के अनुसार यह चंद्र ग्रहण भारत में 28 अक्टूबर को रात्रि 01:05 मिनट से लेकर 29 अक्टूबर 02:39 बजे तक रहेगा. चंद्र ग्रहण का असर भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, दक्षिणी, अमेरिका सहित कई देशों में देखा जा सकेगा.
कब से शुरू है सूतक काल?: आचार्य ने बताया कि इस चंद्र ग्रहण का असर पूरे भारतवर्ष में रहेगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल आज दोपहर 3:15 मिनट से है. इस चंद्र ग्रहण में लोगों को सूतक लगने से पहले सभी काम कर लेना चाहिए. चंद्र ग्रहण के शुरू होने के साथ मोक्ष काल तक को सूतक काल कहा जाता है. इसलिए शुभ काम मनाही है. जो लोग शरद पूर्णिमा पर पूजा पाठ करते हैं, उनको 9 घंटा पहले पूजा पाठ कर लेना चाहिए.
ग्रहण के दौरान खाना खाना वर्जित: शाम तक घर में पूजा पाठ कर सकते है. मंदिर में 9 घंटा पहले ही सूतक लग जाता है इसलिए 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के दिन देश के तमाम छोटे बड़े मंदिर 4:00 बजे बंद हो जाएंगे. सूतक लगने के बाद खाना खाना वर्जित , यात्रा , बाथरूम जाना इन तमाम चीजों को वर्जित माना गया है. बच्चे बूढ़े बुजुर्ग लोगों के लिए यह मान्य नहीं है.
गर्भवती महिलाएं रखें खास ख्याल: चंद्र ग्रहण के दौरान सभी लोगों को घर के अंदर ही रहना चाहिए. घर के बाहर निकालने पर अगर चंद्र ग्रहण का साया भी अगर पड़ता है तो वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण दोनों में बहुत विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. खास करके गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
ग्रहण का असर कम करने के उपाय: चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं अपने शरीर को धागे से नाप कर घर में सुरक्षित रख दें. चंद्र ग्रहण के दौरान जो दूध दही खाना बचा हो, उसमें तुलसी पत्र डालकर उसको शुद्ध करें. उन्होंने कहा कि चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद सभी लोग घर को अच्छे तरीके से धो लें. उसके बाद स्नान करके पूजा पाठ करना चाहिए.
लक्ष्मी के आह्वान के लिए करें ये काम: महिलाएं स्नान करने के बाद ही खाना बनाएं. मंदिर को भी अच्छे तरीके से धोकर पट खोला जाता है. आचार्य मनोज मिश्रा ने यह भी बताया कि ग्रहण के दौरान जो लोग भी पूजा पाठ करते हैं तो सिद्ध की प्राप्ति होती है.मान्यता है कि जो लोग भी मंत्र जाप करें भगवान की आराधना करें भजन कीर्तन करें इससे घर में सुख शांति बनी रहती है सौभाग्य की प्राप्ति होती है और लक्ष्मी का आगमन होता है.