पटना: बिहार में जमीन के सर्वे की रफ्तार काफी धीमी (Speed of Land Survey is Very Slow) दिख रही है. राज्यभर में जमीन के मामले में आपराधिक मामले अधिक दर्ज किए जाते हैं. इस तरह के मामले को खत्म करने के लिए बिहार सरकार ने साल 2013 में जमीन सर्वे का काम शुरू किया था, लेकिन दस साल गुजरने के बावजूद भी बिहार में जमीन सर्वे का काम पूरा नहीं हो सका है. बिहार में साल 2013 में शुरू हुई जमीन सर्वे की गति कछुए की चाल से भी धीमी चल रही है. यह अलग बात है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री आलोक मेहता ने तेजी से काम करने की बात कही है.
ये भी पढ़ें- भू सर्वेक्षण सर्वे के लिए किसानों को किया जा रहा जागरूक, जमीन का ब्योरा तैयार करने की अपील
देशभर में पहली बार हो रहा जमीन सर्वे का काम: राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा है कि जमीन सर्वे का काम देश मे पहली बार हो रहा है. जिसमें बिहार पहला राज्य है, जहां स्पेशल सर्वे काफी अपेक्षा के साथ शुरू हुई है. कई लोग जमीन को छिपा कर रखे हैं. कई वखास्त रहित जमीन को छिपाकर रखें हैं. उन सभी जमीनों को भूमिहीन को दी जाएगी. बिहार सरकार के आधारभूत संरचना में खोई जमीन को उपयोग किया जाएगा.
सर्वे में देरी पर मंत्री का जवाब: मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि साल 2013 में इसकी शुरुआत हुई है, आज तक चल रहा है. बिहार सरकार ने स्पेशल सर्वे का कार्य काफी अपेक्षा के साथ शुरू की. उन्होंने कहा कि बीच में दो साल कोरोना के कारण ज्यादा देर हुआ है. इसके अलावे हमारी सरकार दस हजार कर्मियों को बहाल कर रही है. इन बहालियों को स्पेशल सर्वे के लिए लिया गया है. कर्मियों की कमी को दूर किया जा रहा है. जल्द ही यह काम पूरा होगा.
"बिहार सरकार ने स्पेशल सर्वे का कार्य काफी अपेक्षा के साथ शुरू की. उन्होंने कहा कि बीच में दो साल कोरोना के कारण ज्यादा देर हुआ है. इसके अलावे हमारी सरकार दस हजार कर्मियों को बहाल कर रही है".- आलोक मेहता,मंत्री, भूमि एवं राजस्व विभाग
20 जिलों में हो रहा काम: बिहार सरकार फरवरी में ही तीसरे और चौथे चरण के विशेष भूमि संरक्षण काम शुरू कर चुकी है. इस समय 20 जिलों में काम जारी है. इस कार्य में 2729 विशेष सर्वेक्षण अमीन 282 कानूनगो और 164 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त अधिकारियों की नियुक्ति की गई है.
किस जिले में हो रहा काम: मंत्री के मुताबिक जमीन सर्वे का काम अरवल, शिवहर, बांका, नालंदा, सीतामढ़ी, सहरसा, सुपौल, पश्चिम, चंपारण, मधेपुरा, मुंगेर, जमुई, अररिया, पूर्णिया, शेखपुरा, जहानाबाद, लखीसराय, खगड़िया, बेगूसराय, कटिहार, किशनगंज में जमीन सर्वे का काम रफ्तार पकड़ चुकी है.