पटना : बिहार की राजधानी पटना स्थित आरजेडी कार्यालय में जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान मंगलवार को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने भूमि विवादों के निपटारे को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि आज भूमि से संबंधित परेशानी जितनी है, उससे दोगुनी सालभर पहले रही होगी. धीरे-धीरे इसमें हमलोगों ने सुधार किया है. इस वजह से जमीन विवाद संबंधियों परेशानियों में कमी आई है. उन्होंने कहा कि मूल परेशानी दाखिल खारिज की होती है.
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'दाखिल खारिज को लेकर हो रहा काम ': आलोक मेहता ने कहा कि जमीन संबंधी मामलों को लेकर काफी काम किये गए हैं. यही कारण है कि आज जितने भी मामले आए हुए हैं, सभी मामूली किस्म के हैं. दाखिल खारिज को लेकर किये गए काम के कारण इससे संबंधित मामलों में कमी आई है. उन्होंने कहा कि दाखिल खारिज को लेकर हम लोगों से यह कहना चाहेंगे कि कहीं से कोई पैरवी की जरूरत नहीं है, क्योंकि दाखिल खारिज अब पहले आओ पहले पाओ की तरह शुरू हो गया है, जो लोग जिस तरह से आवेदन करेंगे उसी सीरियल नंबर से दाखिल खारिज होगा.
"भूमि सबके पास होता है और कहीं ना कहीं यही कारण है कि भूमि विवाद की संख्या बढ़ रही है. सरकार इसका समाधान करने में लगी हुई है. सबसे पहले दाखिल खारिज सरल हो इसको लेकर विभाग ने कई कदम उठाए हैं. अब दाखिल खारिज संबंधित कोई ज्यादा मामला नहीं है. दाखिल खारिज के मामले स्मूथ हो गए हैं ".- आलोक मेहता, मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार
'दाखिल खारिज के लिए अब पैरवी की जरूरत नहीं' : मंत्री ने कहा कि कोई पैरवी करने की जरूरत नहीं है, विभाग लगातार दाखिल खारिज का काम कर रहा है और जो भी अधिकारी हैं मुस्तैदी से वह दाखिल खारिज अपने-अपने क्षेत्रों में कर रहे हैं. हम समझते हैं कि दाखिल खारिज का काम जितना तेजी से होगा, उतना ही भूमि विवाद घटेगा. इसको लेकर विभाग ने जो नया नियम बनाया है उसके अनुसार काम बिहार में हो रहा है.
अतिक्रमित जमीन को लेकर सरकार सख्त : मंत्री आलोक मेहता ने विभाग सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने को लेकर लगातार काम कर रही है. साथ ही अधिकारियों को यह पावर दे दिया गया है कि ज्यादा से ज्यादा सख्ती कर सरकारी जमीन पर जो अतिक्रमण है, उसको हटाया जाए. आरजेडी के जनसुनवाई कार्यक्रम में आलोक मेहता के अलावा कला संस्कृति विभाग के मंत्री जितेंद्र राय भी मौजूद थे. मंत्रियों ने अधिकारियों से बातचीत कर भूमि विवाद के मामलों को सुलझाने का निर्देश दिया.