पटना: जेपी के सिंद्धांत को जीवन सूत्र बनाकर चलने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह चिर निद्रा के साथ अनंत यात्रा पर चल पड़े. जिस दोस्त के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिए. नियती का खेल देखिए, जीवन के अंतिम समय के कुछ दिन पहले रूठने मनाने का जो खेल चला उसमें दोस्ती का हक ही जीता है. लालू यादव की चिट्ठी में रघुवंश प्रसाद सिंह को उन्होंने कहा था 'आप कहीं नहीं जा रहे हैं, समझ लीजिए' लेकिन रघुवंश बाबू अब जिस यात्रा पर चले गए, उनकी राजनीतिक यात्रा अब लालू यादव को बहुत कुछ समझने के लिए छोड़ गई है.
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प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 13, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है। लेकिन आप इतनी दूर चले गए।
नि:शब्द हूँ। दुःखी हूँ। बहुत याद आएँगे।
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— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 13, 2020
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मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है। लेकिन आप इतनी दूर चले गए।
नि:शब्द हूँ। दुःखी हूँ। बहुत याद आएँगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले रघुवंश के इस्तीफे को आरजेडी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. रघुवंश प्रसाद ने लालू यादव को पत्र लिखकर यह अपना इस्तीफा सौंपा. जिस पर लालू यादव ने भी पत्र लिखकर कहा कि आप कहीं नहीं जा रहे. लालू की दिल की कही बात को रघुवंश प्रसाद सिंह कुछ इस कदर निभाए कि राजनीति में किसी दूसरे के साथ तो नहीं गए, लेकिन लालू को छोड़े तो दुनिया को ही अलविदा कह गए.
लालू यादव की चिट्ठी रघुवंश प्रसाद को
बता दें कि लालू यादव ने जेल से ही एक पत्र जारी किया था जो रघुवंश सिंह के नाम था. लालू यादव ने जेल अधीक्षक होटवार जेल की मुहर के साथ हाथ से लिखा हुआ पत्र जारी किया था. लालू यादव ने पत्र में लिखा, 'प्रिय रघुवंश बाबू, आपके द्वारा कथित तौर पर लिखी एक चिट्ठी मीडिया में चलाई जा रही है. मुझे तो विश्वास ही नहीं होता. अभी मेरे, मेरे परिवार और मेरे साथ मिलकर सिंचित राजद परिवार आपको शीघ्र स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता है. चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक मामलों में मिल बैठकर ही विचार किया है. आप जल्द स्वस्थ हो, फिर बैठकर बात करेंगे. आप कहीं नहीं जा रहे हैं. समझ लीजिए.'
रघुवंश प्रसाद का पत्र
इससे पहले रघुवंश प्रसाद ने पत्र लिखा था, उन्होंने लिखा- 'जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीछे-पीछे खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं. पार्टी नेता कार्यकर्ता और आमजनों ने बड़ा स्नेह दिया. मुझे क्षमा करें.'
रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी से दिया इस्तीफा
बताया जा रहा है कि आरजेडी में रामा सिंह की एंट्री और तेजस्वी यादव के मनमाने रवैये से नाराज चल रहे थे. हालांकि, पार्टी की तरफ से उन्हें मनाने की लगातार कोशिश की गई. आखिरकार उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.