ETV Bharat / state

जन्मदिन विशेष: बचपन में इस शरारत ने कर दिया था लालू को मां से दूर

लालू यादव फिलहाल चारा घोटाले में जेल की सजा काट रहे हैं और चुनावी राजनीति से बाहर हैं. लालू प्रसाद यादव को उनकी वाकपटुता और गवई अंदाज के लिए जाना जाता है. आज हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कई कहानियों के बारे में बताएंगे.

लालू यादव
लालू यादव
author img

By

Published : Jun 11, 2020, 10:11 AM IST

पटना: बिहार की राजनीति की बात की जाए और लालू यादव का नाम ना आए, ऐसा संभव नहीं. लालू प्रसाद यादव का आज 73वां जन्मदिन है. लालू की जिंदगी से कई किस्से जुड़े हुए हैं. ऐसे ही कुछ किस्से आज हम आपसे साझा कर रहे हैं.

सालों पहले एक कार्यक्रम में लालू ने खुद बताया था कि, बचपन में वे बहुत गोरे और गोल मटोल थे. परिवार में भाइयों में सबसे छोटे थे. इसलिए, लालू यादव के पिता कुंदन राय ने उनका नाम लालू रख दिया.

डॉक्टर बनने का भी देखा था सपना
अपनी बायोग्राफी गोपालगंज टू रायसीना में लालू यादव लिखते हैं, 'स्कूल में दाखिला लेने के बाद मैंने बड़ा होकर डॉक्टर बनने का सपना देखा था. उसी समय मेरे दोस्त बसंत ने मुझे बताया कि डॉक्टर बनने के लिए मुझे बायोलॉजी विषय की पढ़ाई करनी होगी. इसकी परीक्षा पास करने के बाद मुझे मालूम हुआ कि प्रैक्टिस टेस्ट के दौरान मुझे मेढ़क का ऑपरेशन करना होगा. मुझे मेढ़क से नफरत थी और इसी समय मैंने डॉक्टर बनने का सपना त्याग दिया.

'मेरी शरारत के कारण मां ने मुझे दूर भेज दिया'
उन्होंने आगे लिखा- 'वे बचपन में कपड़ों की कमी के कारण रोजाना नहाते नहीं थे. जाड़े के दिनों में वे खुद को गर्म रखने के लिए सूखे घास पर सोते थे. घर पर खाने की भी कमी थी. एक बार उनके गांव में एक फेरीवाला आया. मजाक में उन्होंने उसका बैग उठाया और उसे कुएं में डाल दिया. जब उनकी मां को लालू की इस शरारत के बारे में पता चला तो उन्होंने उन्हें उनके भाई के पास पटना भेज दिया.

ये भी पढ़ेंः न कैंडल जलेगी न कटेगा केक, 'गरीब सम्मान दिवस' के रूप में मनेगा लालू का बर्थ डे

'मां की जिद...और पटना आ गए'
लालू के भाई पटना में एक चौकीदार के क्वार्टर में रहते थे. लालू गांव छोड़ना नहीं चाहते थे लेकिन मां की जिद के कारण गांव छोड़ पटना आ गए.'

'जब मैंने पहली बार जूता पहना था'
शेखपुरा में उच्च विद्यालय में दाखिला मिलते ही एनसीसी में शामिल हुए जहां उन्हें पहली बार जूते मिले और उन्होंने पहली बार जूता पहना. स्कूल में अपने भाषणों से और दूसरों की मिमिक्री करके वे काफी फेमस हो गए थे. कॉलेज में लड़कियों के बीच वे लालू महात्मा के नाम से फेमस थे. वे दूसरे छात्रों की काफी मदद किया करते थे.

पटना: बिहार की राजनीति की बात की जाए और लालू यादव का नाम ना आए, ऐसा संभव नहीं. लालू प्रसाद यादव का आज 73वां जन्मदिन है. लालू की जिंदगी से कई किस्से जुड़े हुए हैं. ऐसे ही कुछ किस्से आज हम आपसे साझा कर रहे हैं.

सालों पहले एक कार्यक्रम में लालू ने खुद बताया था कि, बचपन में वे बहुत गोरे और गोल मटोल थे. परिवार में भाइयों में सबसे छोटे थे. इसलिए, लालू यादव के पिता कुंदन राय ने उनका नाम लालू रख दिया.

डॉक्टर बनने का भी देखा था सपना
अपनी बायोग्राफी गोपालगंज टू रायसीना में लालू यादव लिखते हैं, 'स्कूल में दाखिला लेने के बाद मैंने बड़ा होकर डॉक्टर बनने का सपना देखा था. उसी समय मेरे दोस्त बसंत ने मुझे बताया कि डॉक्टर बनने के लिए मुझे बायोलॉजी विषय की पढ़ाई करनी होगी. इसकी परीक्षा पास करने के बाद मुझे मालूम हुआ कि प्रैक्टिस टेस्ट के दौरान मुझे मेढ़क का ऑपरेशन करना होगा. मुझे मेढ़क से नफरत थी और इसी समय मैंने डॉक्टर बनने का सपना त्याग दिया.

'मेरी शरारत के कारण मां ने मुझे दूर भेज दिया'
उन्होंने आगे लिखा- 'वे बचपन में कपड़ों की कमी के कारण रोजाना नहाते नहीं थे. जाड़े के दिनों में वे खुद को गर्म रखने के लिए सूखे घास पर सोते थे. घर पर खाने की भी कमी थी. एक बार उनके गांव में एक फेरीवाला आया. मजाक में उन्होंने उसका बैग उठाया और उसे कुएं में डाल दिया. जब उनकी मां को लालू की इस शरारत के बारे में पता चला तो उन्होंने उन्हें उनके भाई के पास पटना भेज दिया.

ये भी पढ़ेंः न कैंडल जलेगी न कटेगा केक, 'गरीब सम्मान दिवस' के रूप में मनेगा लालू का बर्थ डे

'मां की जिद...और पटना आ गए'
लालू के भाई पटना में एक चौकीदार के क्वार्टर में रहते थे. लालू गांव छोड़ना नहीं चाहते थे लेकिन मां की जिद के कारण गांव छोड़ पटना आ गए.'

'जब मैंने पहली बार जूता पहना था'
शेखपुरा में उच्च विद्यालय में दाखिला मिलते ही एनसीसी में शामिल हुए जहां उन्हें पहली बार जूते मिले और उन्होंने पहली बार जूता पहना. स्कूल में अपने भाषणों से और दूसरों की मिमिक्री करके वे काफी फेमस हो गए थे. कॉलेज में लड़कियों के बीच वे लालू महात्मा के नाम से फेमस थे. वे दूसरे छात्रों की काफी मदद किया करते थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.