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LJP में टूट पर लालू चुप, RJD को मंजूर नहीं तेजस्वी के सामने किसी युवा नेता का उभरना!

लोजपा में टूट और चिराग पासवान को पार्टी में किनारे किये जाने की कोशिश के चलते इन दिनों बिहार की सियासत गर्म है. इस प्रकरण पर राजद प्रमुख लालू यादव और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव चुप हैं. ऐसे में बीजेपी का आरोप है कि राजद को यह मंजूर नहीं है कि तेजस्वी के सामने कोई युवा नेता बिहार में उभरे.

ljp split
लोजपा में टूट
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Published : Jun 18, 2021, 8:28 PM IST

Updated : Jun 19, 2021, 7:52 AM IST

पटना: बंगले (लोजपा का चुनाव चिह्न) में लगी आग की इन दिनों काफी चर्चा है. आग ने बंगले के चिराग को ही जलाने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान बिहार की सियासत के तेजस्वी खामोश रहे. इसके पहले भी चुनिंदा नेताओं के मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने चुप्पी साधने का एक तरह से रिकॉर्ड बना लिया है.

यह भी पढ़ें- LJP Split Case: 'बंगले' का असली हकदार कौन, चिराग या पशुपति पारस? एक्सपर्ट से समझिए विकल्प..

बिहार में पिछले लोकसभा चुनाव और उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अगर किसी एक नेता को प्रमोट किया तो वे थे तेजस्वी यादव. तेजस्वी को राजद भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देखता है. पिछले दो साल में चाहे सीपीआई नेता कन्हैया कुमार हों या जाप नेता पप्पू यादव या लोजपा नेता चिराग पासवान. इन तीनों के मामले में लालू और तेजस्वी बेहद सावधानी बरतते हैं.

देखें रिपोर्ट

राजद नहीं करता दखलअंदाजी
बिहार की सियासत में इन दिनों चिराग पासवान का मामला चर्चा में है. लोजपा में आग लगी है. चिराग पासवान की तरफ सबकी निगाहें हैं, लेकिन बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी के सबसे बड़े नेता लालू यादव और तेजस्वी यादव खामोश हैं. खास तौर पर चिराग पासवान के मामले में दोनों ने पूरी तरह चुप्पी साध रखी है. इस बारे में राजद नेता और पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता कहते हैं कि राजद ने कभी भी दूसरे दल के अंदरूनी मामले में दखलअंदाजी नहीं की है.

"हम उम्मीद करते हैं कि चिराग पासवान और लोजपा का मामला जल्द सुलझ जाएगा. उनके अंदरूनी मामले में राजद का शीर्ष नेतृत्व क्यों कुछ भी बोलेगा?"- आलोक कुमार मेहता, प्रधान महासचिव, राजद

युवा नेता को आगे नहीं बढ़ने देते हैं लालू
"लालू और तेजस्वी ने कभी भी किसी युवा नेता को आगे बढ़ने नहीं दिया. लालू सिर्फ अपने तेज और तेजस्वी के अलावा किसी युवा चेहरे को बिहार में आगे बढ़ते नहीं देख सकते. यही वजह है कि ना सिर्फ महागठबंधन के युवा नेता बल्कि अपनी पार्टी में भी किसी युवा नेता को उन्होंने कभी आगे नहीं बढ़ने दिया. उन्हें इस बात का खतरा है कि भविष्य में वह युवा नेता तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में बाधा बन सकता है."- प्रेम रंजन पटेल, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

लोजपा में चल रही चाचा-भतीजा की जंग
गौरतलब है कि 13 जून को लोजपा दो फाड़ हो गई थी. चिराग को अकेले छोड़ बाकी पांच सांसदों ने पशुपति पारस को नेता चुन लिया था. सभी ने पशुपति को संसदीय दल का नेता चुना. गुरुवार को पटना में हुए लोजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पशुपति को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. वहीं, चिराग ने रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. इन दिनों चाचा (पशुपति पारस) और भतीजा (चिराग पासवान) के बीच पार्टी पर कब्जे की जंग चल रही है. दोनों गुट अपने को असली लोजपा बता रहे हैं.

यह भी पढ़ें- Exclusive: चुनाव आयोग में दावा ठोक बोले पशुपति- असली लोजपा हम, 95% लोग मेरे साथ

पटना: बंगले (लोजपा का चुनाव चिह्न) में लगी आग की इन दिनों काफी चर्चा है. आग ने बंगले के चिराग को ही जलाने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान बिहार की सियासत के तेजस्वी खामोश रहे. इसके पहले भी चुनिंदा नेताओं के मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने चुप्पी साधने का एक तरह से रिकॉर्ड बना लिया है.

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बिहार में पिछले लोकसभा चुनाव और उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अगर किसी एक नेता को प्रमोट किया तो वे थे तेजस्वी यादव. तेजस्वी को राजद भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देखता है. पिछले दो साल में चाहे सीपीआई नेता कन्हैया कुमार हों या जाप नेता पप्पू यादव या लोजपा नेता चिराग पासवान. इन तीनों के मामले में लालू और तेजस्वी बेहद सावधानी बरतते हैं.

देखें रिपोर्ट

राजद नहीं करता दखलअंदाजी
बिहार की सियासत में इन दिनों चिराग पासवान का मामला चर्चा में है. लोजपा में आग लगी है. चिराग पासवान की तरफ सबकी निगाहें हैं, लेकिन बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी के सबसे बड़े नेता लालू यादव और तेजस्वी यादव खामोश हैं. खास तौर पर चिराग पासवान के मामले में दोनों ने पूरी तरह चुप्पी साध रखी है. इस बारे में राजद नेता और पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता कहते हैं कि राजद ने कभी भी दूसरे दल के अंदरूनी मामले में दखलअंदाजी नहीं की है.

"हम उम्मीद करते हैं कि चिराग पासवान और लोजपा का मामला जल्द सुलझ जाएगा. उनके अंदरूनी मामले में राजद का शीर्ष नेतृत्व क्यों कुछ भी बोलेगा?"- आलोक कुमार मेहता, प्रधान महासचिव, राजद

युवा नेता को आगे नहीं बढ़ने देते हैं लालू
"लालू और तेजस्वी ने कभी भी किसी युवा नेता को आगे बढ़ने नहीं दिया. लालू सिर्फ अपने तेज और तेजस्वी के अलावा किसी युवा चेहरे को बिहार में आगे बढ़ते नहीं देख सकते. यही वजह है कि ना सिर्फ महागठबंधन के युवा नेता बल्कि अपनी पार्टी में भी किसी युवा नेता को उन्होंने कभी आगे नहीं बढ़ने दिया. उन्हें इस बात का खतरा है कि भविष्य में वह युवा नेता तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में बाधा बन सकता है."- प्रेम रंजन पटेल, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

लोजपा में चल रही चाचा-भतीजा की जंग
गौरतलब है कि 13 जून को लोजपा दो फाड़ हो गई थी. चिराग को अकेले छोड़ बाकी पांच सांसदों ने पशुपति पारस को नेता चुन लिया था. सभी ने पशुपति को संसदीय दल का नेता चुना. गुरुवार को पटना में हुए लोजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पशुपति को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. वहीं, चिराग ने रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. इन दिनों चाचा (पशुपति पारस) और भतीजा (चिराग पासवान) के बीच पार्टी पर कब्जे की जंग चल रही है. दोनों गुट अपने को असली लोजपा बता रहे हैं.

यह भी पढ़ें- Exclusive: चुनाव आयोग में दावा ठोक बोले पशुपति- असली लोजपा हम, 95% लोग मेरे साथ

Last Updated : Jun 19, 2021, 7:52 AM IST
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