पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (lalu prasad yadav) मंगलवार को अपनी शादी की 48वीं सालगिरह मना रहे हैं. 48 साल के इस वैवाहिक जीवन के सफर में लालू यादव और राबड़ी देवी ने कई उतार-चढ़ाव देखे. एक वक्त ऐसा था जब बारिश के दिनों में लालू यादव की झोपड़ी में पानी झरने की तरह गिरने लगता था. बाद के वर्षों में लालू ने सफलता की ऐसी ऊंचाई पाई जो किसी दिवास्वप्न से कम नहीं था. बाद के वर्षों में कोर्ट और जेल के चक्कर भी लगाने पड़े. चारा घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद लालू यादव जेल से बाहर हैं और दिल्ली में परिवार के साथ अपनी शादी की सालगिरह खुशियों के साथ मना रहे हैं.
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शादी के वक्त राबड़ी की उम्र थी 14 साल
1 जून 1973 को लालू यादव और राबड़ी देवी विवाह के बंधन में बंधे थे. तब लालू यादव की उम्र 25 साल थी और राबड़ी 14 साल की थीं. दोनों की शादी अरेंज मैरेज थी, लेकिन इसमें भी खूब हंगामा हुआ था. राबड़ी देवी संपन्न परिवार से थीं तो लालू यादव साधारण घर से थे. राबड़ी के चाचा शादी के लिए तैयार न थे. उस वक्त लालू को एक-एक पैसे की तंगी थी. घर झोपड़ी का था. शादी से पहले लालू और राबड़ी ने एक-दूसरे को नहीं देखा था. विवाह के तीन साल बाद गौना हुआ तब राबड़ी लालू के घर आईं.
शादी से पहले दोस्त को भेजा था राबड़ी को देखने
राबड़ी से लालू की शादी उनके पिता ने तय की थी. लालू यादव ने राबड़ी को देखा नहीं था. वह यह जानने को काफी उत्सुक थे कि होने वाली पत्नी कैसी है. लालू खुद तो राबड़ी को देखने नहीं गए, लेकिन इस काम के लिए अपने एक दोस्त को भेजा. लालू के दोस्त ने राबड़ी को देखा और आकर लालू को बताया कि लड़की बहुत सुंदर है. राबड़ी देवी के परिवार के लोग संपन्न थे. लालू को राबड़ी के पिता ने शादी के समय देहज में सोना, 20 हजार रुपए नकद, पांच बीघा जमीन और दो गाय दी थी.
गुलाब से है खास नाता
लालू यादव और राबड़ी देवी के रिश्ते में गुलाब का खास स्थान है. शादी की सालगिरह हो या जन्मदिन या कोई और मौका. राबड़ी देवी अपने पति लालू यादव को लाल गुलाब देती हैं. लालू यादव के तंगहाली के दिनों में राबड़ी देवी उनके साथ खुशी से रहीं और कभी शिकायत नहीं किया. राबड़ी के इस व्यवहार के लालू कायल रहे. लालू राबड़ी से सलाह लेकर बड़े फैसले करते हैं. लालू छोटे बेटे तेजस्वी यादव को राजनीति में आगे बढ़ाना चाहते थे. राबड़ी की जिद के चलते उन्हें बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को भी राजनीति में लाना पड़ा था.
पत्नी को बनाया था सीएम
लालू यादव ने 1997 में एक चौंकाने वाला फैसला किया था. चारा घोटाला के केस में उन्हें जेल जाना था. ऐसे वक्त में उन्होंने बिहार के सत्ता की बागडोर किसी और को देने के बदले अपनी पत्नी राबड़ी पर भरोसा किया था. उन्होंने एक घरेलू महिला राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया था. 25 जुलाई 1997 को राबड़ी बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं थी.
जब वेलेंटाइन डे को बेफिजुला डे कहा था
साल 2018 में चारा घोटाला मामले में रांची जेल से पेशी के लिए सीबीआई कोर्ट पहुंचे लालू प्रसाद यादव ने अपने चुटकिले अंदाज में पत्रकारों के सवाल का जवाब दिया था. वेलेंटाइन डे को लालू प्रसाद ने बेफिजुला डे बताया था. यह सुन वहां मौजूद पत्रकार, वकील समेत अन्य लोग हंस पड़े थे.
राबड़ी को लंबे समय से था इंतजार
लालू यादव 19 मार्च 2018 से चारा घोटाला के केस में जेल में बंद थे. 30 अप्रैल को लालू जेल से बाहर निकले. राबड़ी देवी को इसका लंबे समय से इंतजार था. लालू के जेल में रहने के चलते परिवार की खुशियों को ग्रहण लग गया था. छठ हो या फिर होली. दुर्गा पूजा हो या फिर कोई और तीज त्योहार, राबड़ी देवी को लालू यादव के बाहर आने का बेसब्री से इंतजार रहता था. यही वजह है कि लालू के जेल चले जाने के बाद राबड़ी आवास में कभी छठ पूजा उतनी धूम-धाम से नहीं मनाई गई जिस तरह लालू की मौजूदगी में मनाई जाती थी.
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