पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जीवनी उनके नजदीकी मित्रों में से एक उदय कांत मिश्र ने लिखी है. 3 जुलाई को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जीवनी का लोकार्पण करेंगे. राजकमल प्रकाशन की ओर से इसका प्रकाशन किया जा रहा है. इससे संबंधित पोस्टर भी पटना में दिखने लगा है. सम्राट अशोक कन्वेंशन के ज्ञान भवन के ऑडिटोरियम में पुस्तक का लोकार्पण किया जाएगा.
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पोस्टर में मुख्यमंत्री का नाम नहींः कार्यक्रम में विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर, विधान परिषद के पूर्व सभापति और लेखक जाबिर हुसैन मंत्री, विजय कुमार चौधरी, संजय झा और अशोक कुमार चौधरी भी मौजूद रहेंगे. इनके अलावा आरजेडी के राज्यसभा के सांसद मनोज झा और मुख्यमंत्री के परामर्श अंजनी कुमार सिंह भी मौजूद रहेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जीवनी पर पर आधारित पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम में मौजूद रहने वालों में खुद मुख्यमंत्री का नाम पोस्टर में नहीं है.
'नीतीश कुमार हमेशा अपनी रफ्तार से आगे बढ़े': उदय कांत ने कहा कि नीतीश कुमार को ऊंचाई उनकी काबिलियत की वजह से मिली नीतीश कुमार में काबिलियत थी. तभी लोगों ने उनको आगे किया. राजनीतिक मित्रों को पीछे छोड़ने के सवाल पर उदय कांत ने कहा कि नीतीश कुमार ने किसी को नहीं छोड़ा वह अपनी रफ्तार से चल रहे थे, जो उनके साथ चल सके. वह आज भी साथ हैं, जो उनके साथ नहीं चल सके और पीछे छूट गए. नीतीश कुमार ने उनकी चिंता नहीं की. साफ है कि नीतीश कुमार ने किसी को नहीं छोड़ा. लोगों ने नीतीश कुमार को छोड़ दिया.
कौन हैं उदय कांत : उदय कांत आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं. साथ ही वह नीतीश कुमार के काॅलेज के जमाने के मित्र रहे हैं. कई बार नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से उदयकांत और खुद की मित्रता जाहिर कर चुके हैं. एक बार किसी कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने बताया था कि "सरकार ने 1969 में इंजीनियरिंग काॅलेज से पास करने वाले छात्रों को नौकरी देना बंद कर दिया था. इसी के विरोध में हमलोग पूरे बिहार से प्रदर्शन करने पटना पहुंचे थे. इसमें भागलपुर इंजीनियरिंग काॅलेज से उदयकांत भी पहुंचे हुए थे. हमलोग एक साथ जेल गए थे और तब से हमलोगों की दोस्ती है".