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27 और 28 अक्टूबर को उपचुनाव के लिए प्रचार करने जाएंगे लालू यादव!

बिहार में होने वाले उपचुनाव में इस बार काफी कुछ नया हो सकता है. एनडीए को छोड़कर लगभग सभी प्रमुख पार्टियों ने अपने अलग उम्मीदवार उतारे हैं. अब लालू यादव की भी उपचुनाव में एंट्री हो चुकी है. जिसे लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है. चर्चा है कि 27 और 28 अक्टूबर को लालू यादव चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे.

Lalu Prasad Yadav
Lalu Prasad Yadav
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Published : Oct 25, 2021, 1:46 PM IST

Updated : Oct 25, 2021, 1:55 PM IST

पटनाः तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव (Tarapur and Kusheshwarsthan By-election) को लेकर आरजेडी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का नाम भी शामिल है. अब जबकि लालू यादव पटना पहुंच चुके हैं तो चुनावी मैदान में उतरना उनका तय है. सूत्रों के मुताबिक लालू यादव 27 और 28 अक्टूबर को चुनाव प्रचार के लिए निकल सकते हैं. ऐसे में आरजेडी कार्यताओं और नेताओं का मनोबल बढ़ा हुआ है. पार्टी के लोगों का कहना है कि लालू यादव के चुनाव प्रचार करने से आरजेडी को उपचुनाव में काफी फायदा मिलेगा.

ये भी पढ़ेंः घर न आए लालू तो धरने पर बैठे तेजप्रताप, आंसू भरी आंखों से तेजस्वी के लिये कहा- नहीं बन पाओगे CM

राजद प्रमुख लालू यादव लगभग साढ़े 3 साल बाद कल यानि रविवार को पटना पहुंचे. जहां एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में राजद कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. लालू यादव जैसे ही एयरपोर्ट से बाहर आए कार्यकर्ताओं ने लालू यादव जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. कार्यकर्ताओं को लगता है कि इतने सालों बाद लालू यादव के आने से उपचुनाव में कोई बड़ा फायदा पार्टी को होगा. हालांकि सत्तारूढ़ दल के नेताओं का कहना है कि वे बेल पर बाहर आ गए तो उससे बिहार में उपचुनाव पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. बिहार की जनता को विकास चाहिए और पिछले 15 सालों से बिहार में एनडीए की गठबंधन वाली सरकार और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास हो रहा है.

इससे पहले लालू के पटना आने पर काफी कंफ्यूजन था. उनके छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तो साफ तौर से तारापुर में प्रचार के दौरान कह दिया था कि लालू यादव अभी बिहार नहीं आ सकते. लेकिन परिवार और महागठबंधन में चल रही उठापटक और कार्यताओं की मांग को देखते हुए शायद लालू यादव ने बिहार आना ही बेहतर समझा. ऐसा माना जा रहा है कि परिवार और पार्टी में चल रही नाराजगी को वो काफी हद तक दूर करने की कोशिश करेंगे.

दरअसल पिछला विधानसभा चुनाव आरजेडी और कांग्रेस ने साथ में ही लड़ा था. इस बार उपचुनाव में यह गठबंधन टूट गया है. पहले आरजेडी ने उपचुनाव की दोनों सीटों- कुशेश्वरस्थान और तारापुर पर उम्मीदवार उतार दिए थे. इसके बाद कांग्रेस ने भी आरजेडी के खिलाफ अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए. लालू यादव ने पटना आकर इतना तक कह दिया कि क्या हारने के लिए कांग्रेस को सीट दे देते.

बता दें कि बिहार में विधानसभा की दो सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए 30 अक्टूबर को मतदान होगा. सभी पार्टियां अपनी जीत के दावे कर रही हैं. काफी जोर शोर से चुनाव प्रचार किया जा रहा है. इसी बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव रविवार की शाम पटना पहुंच चुके हैं. इसे लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियां भी और ज्यादा सक्रिय हो गईं हैं. वैसे तो विधानसभा उपचुनाव पहले से ही काफी दिलचस्प होने वाला था, लेकिन अब लालू यादव की एंट्री होने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल और भी बढ़ गई है.

यह भी पढ़ें- तेज प्रताप की राबड़ी आवास में NO ENTRY, बोले- 'मुझे अंदर जाने का परमिशन नहीं है, यहीं से लौट रहे हैं'

पटनाः तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव (Tarapur and Kusheshwarsthan By-election) को लेकर आरजेडी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का नाम भी शामिल है. अब जबकि लालू यादव पटना पहुंच चुके हैं तो चुनावी मैदान में उतरना उनका तय है. सूत्रों के मुताबिक लालू यादव 27 और 28 अक्टूबर को चुनाव प्रचार के लिए निकल सकते हैं. ऐसे में आरजेडी कार्यताओं और नेताओं का मनोबल बढ़ा हुआ है. पार्टी के लोगों का कहना है कि लालू यादव के चुनाव प्रचार करने से आरजेडी को उपचुनाव में काफी फायदा मिलेगा.

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राजद प्रमुख लालू यादव लगभग साढ़े 3 साल बाद कल यानि रविवार को पटना पहुंचे. जहां एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में राजद कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. लालू यादव जैसे ही एयरपोर्ट से बाहर आए कार्यकर्ताओं ने लालू यादव जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. कार्यकर्ताओं को लगता है कि इतने सालों बाद लालू यादव के आने से उपचुनाव में कोई बड़ा फायदा पार्टी को होगा. हालांकि सत्तारूढ़ दल के नेताओं का कहना है कि वे बेल पर बाहर आ गए तो उससे बिहार में उपचुनाव पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. बिहार की जनता को विकास चाहिए और पिछले 15 सालों से बिहार में एनडीए की गठबंधन वाली सरकार और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास हो रहा है.

इससे पहले लालू के पटना आने पर काफी कंफ्यूजन था. उनके छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तो साफ तौर से तारापुर में प्रचार के दौरान कह दिया था कि लालू यादव अभी बिहार नहीं आ सकते. लेकिन परिवार और महागठबंधन में चल रही उठापटक और कार्यताओं की मांग को देखते हुए शायद लालू यादव ने बिहार आना ही बेहतर समझा. ऐसा माना जा रहा है कि परिवार और पार्टी में चल रही नाराजगी को वो काफी हद तक दूर करने की कोशिश करेंगे.

दरअसल पिछला विधानसभा चुनाव आरजेडी और कांग्रेस ने साथ में ही लड़ा था. इस बार उपचुनाव में यह गठबंधन टूट गया है. पहले आरजेडी ने उपचुनाव की दोनों सीटों- कुशेश्वरस्थान और तारापुर पर उम्मीदवार उतार दिए थे. इसके बाद कांग्रेस ने भी आरजेडी के खिलाफ अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए. लालू यादव ने पटना आकर इतना तक कह दिया कि क्या हारने के लिए कांग्रेस को सीट दे देते.

बता दें कि बिहार में विधानसभा की दो सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए 30 अक्टूबर को मतदान होगा. सभी पार्टियां अपनी जीत के दावे कर रही हैं. काफी जोर शोर से चुनाव प्रचार किया जा रहा है. इसी बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव रविवार की शाम पटना पहुंच चुके हैं. इसे लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियां भी और ज्यादा सक्रिय हो गईं हैं. वैसे तो विधानसभा उपचुनाव पहले से ही काफी दिलचस्प होने वाला था, लेकिन अब लालू यादव की एंट्री होने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल और भी बढ़ गई है.

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Last Updated : Oct 25, 2021, 1:55 PM IST
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