नई दिल्ली/पटना: आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (RJD President Lalu Prasad Yadav) ने जातीय जनगणना (Cast Census) को लेकर बयान दिया है. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना होनी चाहिए. साथ ही कहा कि जब मैं सांसद था तो अन्य लोगों के साथ मिलकर लोकसभा में इसके लिए लड़ाई लड़ी थी.
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लालू प्रसाद यादव ने कहा कि दिवंगत अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने जातीय जनगणना को लेकर हम लोगों को तब लिखित आश्वासन दिया, हम सभी इसे लेकर आशान्वित थे. लालू ने कहा कि कमजोर वर्ग की जनसंख्या और आर्थिक स्थिति को समझने के लिए जातीय जनगणना जरूर होनी चाहिए.
लालू ने कहा कि हमें उम्मीद है कि केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) जातीय जनगणना कराएगी. इसमें जात-पात का कोई सवाल नहीं है. अगर जातियों के आंकड़े आते हैं तो इससे सरकार को नीतियां और बजट बनाने में मदद मिलेगी.
दरअसल आज लालू यादव रूटीन चेकअप के लिए दिल्ली के एम्स (AIIMS) अस्पताल पहुंचे थे. वहां से निकलने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की और एक बार केंद्र सरकार से जातीय जनगणना कराने की मांग की.
लालू और उनकी पार्टी लगातार जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं. कुछ दिन भी आरजेडी चीफ ने कहा था कि अगर 2021 जनगणना में जातियों की गणना नहीं होगी तो बिहार के अलावा देश के सभी पिछड़े और अतिपिछड़ों के साथ दलित और अल्पसंख्यक भी गणना का बहिष्कार कर सकते है. जनगणना के जिन आंकड़ों से देश की बहुसंख्यक आबादी का भला नहीं होता हो तो फिर गणना के आंकड़ों का क्या हम अचार डालेंगे?
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बता दें कि जातीय जनगणना की मांग देश में जोर शोर से उठ रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पीएम नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर मुलाकात भी की है. इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित दस दलों के 11 नेता थे. इन लोगों का कहना है कि जातीय जनगणना से सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचेगा. उनका विकास होगा. कमजोर वर्ग की जातियों की वास्तविक संख्या के आधार पर विकास कार्यक्रम बनाने में मदद मिलेगी.
वहीं बीजेपी जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं दिख रही है. हालांकि पीएम से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में पार्टी नेता जनक राम भी शामिल थे. बीजेपी का कहना है कि जातीय जनगणना से समाज में तनाव होगा. केंद्र सरकार हर वर्ग के लोगों का विशेष ख्याल रख रही है. वैसे जातीय जनगणना कराने का निर्णय केंद्र सरकार को लेना है.