पटना: राष्ट्रीय जनता दल के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (RJD leader Shivanand Tiwari) और हम प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के बाद अब जेडीयू भी खुलकर खान सर के समर्थन में खड़ी हो गई है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) ने पटना वाले खान सर के ऊपर से अविलंब मुकदमा हटाने की मांग की है. उन्होंने समर्थन में ट्वीट कर लिखा है कि- 'बिहार-उ.प्र. व अन्य राज्यों में छात्रों का उत्तेजक होना #RRB_NTPC परीक्षा प्रक्रिया व परिणाम में गड़बड़ी के विरुद्ध प्रतिक्रिया है. रेलवे भर्ती बोर्ड की गड़बड़ियों को देखने के लिए जांच कमिटी बनाई गई है. छात्रों/उम्मीदवारों के साथ अतिशीघ्र न्याय की उम्मीद करता हूं. पटना में खान कोचिंग सहित अन्य कई कोचिंग संस्थान, ऑनलाइन माध्यम से बिहार व देशभर के गरीब व होनहार युवाओं का भविष्य निर्माण करते हैं. रेलवे/पुलिस इनलोगों के विरुद्ध दर्ज मुकदमों को अविलंब वापस ले. उग्र छात्रों से शांति की अपील करता हूं.'
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2/2 - पटना में खान कोचिंग सहित अन्य कई कोचिंग संस्थान, ऑनलाइन माध्यम से बिहार व देशभर के गरीब व होनहार युवाओं का भविष्य निर्माण करते हैं। रेलवे/पुलिस इनलोगों के विरुद्ध दर्ज मुकदमों को अविलंब वापस ले। उग्र छात्रों से शांति की अपील करता हूं।
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) January 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">2/2 - पटना में खान कोचिंग सहित अन्य कई कोचिंग संस्थान, ऑनलाइन माध्यम से बिहार व देशभर के गरीब व होनहार युवाओं का भविष्य निर्माण करते हैं। रेलवे/पुलिस इनलोगों के विरुद्ध दर्ज मुकदमों को अविलंब वापस ले। उग्र छात्रों से शांति की अपील करता हूं।
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— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) January 27, 2022
वहीं बिहार NDA के एक और घटक दल जीतन राम ने भी खान सर के समर्थन में ट्वीट कर उनके ऊपर किए गए मुकदमे को आंदोलन भड़काने वाला करार दिया. मांझी ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'संविधान में हिंसा और तोडफोड़ का अधिकार किसी को नहीं. वैसे अब वक्त आ गया है जब सरकार रोजगार के विषय में बात करे, नहीं तो हालात इससे भी भयानक उत्पन्न हो सकतें हैं. RRB-NTPC उपद्रव के नाम पर खान सर सहित शिक्षकों पर किए गए मुकदमे इस अघोषित युवा आंदोलन को और भी ज्यादा भड़का सकता है.'
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संविधान में हिंसा और तोडफोड़ का अधिकार किसी को नहीं।
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वैसे अब वक्त आ गया है जब सरकार रोजगार के विषय में बात करे,नहीं तो हालात इससे भी भयानक उत्पन्न हो सकतें हैं।
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वैसे अब वक्त आ गया है जब सरकार रोजगार के विषय में बात करे,नहीं तो हालात इससे भी भयानक उत्पन्न हो सकतें हैं।
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वैसे अब वक्त आ गया है जब सरकार रोजगार के विषय में बात करे,नहीं तो हालात इससे भी भयानक उत्पन्न हो सकतें हैं।
RRB-NTPC उपद्रव के नाम पर खान सर सहित शिक्षकों पर किए गए मुकदमें इस अघोषित युवा आंदोलन को और भी ज्यादा भड़का सकता है।
इधर, बिहार में छात्रों के चल रहे आंदोलन के बीच राष्ट्रीय जनता दल के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने रेलवे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. शिवानंद तिवारी ने बताया, "आरआरबी के अधिकारी गड़बड़ी पैदा करने के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने परीक्षा के पैटर्न को बदल दिया है, जिससे छात्र नाराज हैं. वे सरकार और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के लिए जिम्मेदार हैं. इसलिए, बिहार पुलिस को रेलवे के अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए."
रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) ने 2019 में रेलवे और एनटीपीसी में विभिन्न पदों पर 35000 नौकरियों के लिए अधिसूचना जारी की और उनके लिए एक परीक्षा भी आयोजित की. कई छात्र परीक्षा पास कर चुके हैं और पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं. फिर आरआरबी ने पिछले हफ्ते एक और परीक्षा के लिए एक नई अधिसूचना जारी की और यह भी कहा कि छात्रों को भविष्य में दो परीक्षाएं - प्रारंभिक और मुख्य - पास करनी होंगी.
शिवानंद तिवारी ने कहा, "जब बिहार के विभिन्न कोचिंग सेंटरों के शिक्षकों ने बताया कि अंतिम समय में इस तरह की प्रथा से बिहार में छात्रों में आक्रोश पैदा हो सकता है, तो आरआरबी ने न केवल इसे नजरअंदाज किया, बल्कि छात्रों और नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को भड़काने के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की. अब, यह नियंत्रण से बाहर हो गया है और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी फैल रहा है."
"पुलिस ने आंदोलनकारी छात्रों को बेरहमी से पीटा है. उन्होंने छात्रों को हॉस्टल, लॉज और किराए के आवास से खींच लिया है और बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और मुगलसराय में कई जगहों पर उनकी पिटाई की है. छात्रों ने क्या गलत किया है?" - शिवानंद तिवारी, उपाध्यक्ष, आरजेडी
"इसके अलावा, उन्होंने एक बयान भी दिया है कि जो छात्र आंदोलन में शामिल हैं और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, वे भविष्य में रेलवे में नौकरी के लिए पात्र नहीं होंगे. इस तरह के बयान केवल आंदोलन को तेज करेंगे."
तिवारी ने कहा, "नरेंद्र मोदी सरकार आंदोलन की गर्मी महसूस कर रही है. यदि यह उत्तर प्रदेश में और फैलती है, तो यह भाजपा के अभियान को गहराई से प्रभावित करेगी. इसलिए, केंद्रीय रेल मंत्री ने छात्रों के मुद्दों को पढ़ने के लिए एक राजनीतिक निर्णय लिया है और पिछले पैटर्न पर परीक्षा के लिए प्रावधान करें."
बता दें कि छात्रों का ये आंदोलन अब और तेज होने वाला है. आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट में धांधली के खिलाफ शुक्रवार को छात्र संगठनों ने बिहार बंद बुलाया हुआ है. इस बंद को बिहार में महागठबंधन और जाप का साथ मिला हुआ है. तेज प्रताप यादव ने समर्थन देते हुए अपने 'छात्र जनशक्ति परिषद' के सदस्यों को आह्वान किया है कि बिहार बंद को सफल बनाएं. गौरतलब है कि AISA, AISF और NSUI समेत कई छात्र संगठनों ने बिहार बंद के आह्वान को समर्थन दिया है.
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