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सुशील मोदी को ललन सिंह ने दिखाए आंकड़े, कहा- 'मानव श्रृंखला बनी थी'

छपरा में जहरीली शराब से मौत को लेकर जमकर सियासत हो रही है. पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर आक्रामक दिखाई पड़ रहे हैं. इसी बीच जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बीजेपी सांसद सुशील मोदी को आइना दिखाया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Lalan Singh Sushil Modi
Lalan Singh Sushil Modi
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Published : Dec 19, 2022, 5:55 PM IST

पटना : बिहार के सारण में जहरीली शराब कांड (Chapra Hooch Tragedy) को लेकर नीतीश कुमार सरकार की आलोचना के बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अन्य राज्यों के आंकड़ों का हवाला देते हुए भाजपा पर हमला बोला और कहा कि मौतों के चार्ट में मध्य प्रदेश सबसे ऊपर है. ललन सिंह ने सुशील कुमार मोदी (Lalan Singh Attack On Sushil Modi) को टैग करते हुए एक ट्वीट में उनसे बिहार सरकार पर आरोप लगाने से पहले दूसरे राज्यों के आंकड़े भी देखने को कहा.

ये भी पढ़ें - बोले सुशील मोदी- ' पुलिस के संरक्षण में शराब का कारोबार, लेकिन अभी तक एसपी पर नहीं हुई कार्रवाई'

ललन सिंह ने ट्वीट कर कहा, जहरीली शराब बनाना और बेचना एक आपराधिक कृत्य है. यह केवल सारण की घटना नहीं है, बल्कि पूरे देश में हुई है. दूसरों से बात करने से पहले आपको डेटा देखना चाहिए. बिहार ने शराब के खिलाफ सबसे बड़ी ह्यूमन चेन बनाई थी और उसमें बीजेपी भी शामिल थी. उन्हें याद रखना है.

आंकड़ों के जरिए दिखाया आइना : आंकड़ों का हवाला देते हुए, ललन सिंह ने कहा, नीतीश कुमार सरकार ने 1 अप्रैल, 2016 को शराबबंदी लागू की थी. 2016 से 2021 तक मध्य प्रदेश में शराब त्रासदी या शराब की खपत के कारण 1322 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. दूसरी ओर, बिहार में इस अवधि के दौरान केवल 23 मौतें दर्ज की गईं, जो देश में सबसे कम थी. मध्य प्रदेश और बिहार के अलावा, कर्नाटक में 1013, पंजाब में 852, उत्तर प्रदेश में 425, राजस्थान में 330, झारखंड में 487, हिमाचल प्रदेश में 234, हरियाणा में 489, छत्तीसगढ़ में 535, आंध्र प्रदेश में 293, पुडुचेरी में 172, दिल्ली में 116, गुजरात में 54 और पश्चिम बंगाल में 24 मौतें दर्ज की गईं. देश भर में 2016 में शराब त्रासदी के कारण कुल 1054 लोगों ने अपनी जान गंवाई. 2017 में 1510, 2018 में 1365, 2019 में 1296 और 2020 में 947 लोगों की जान गई.

  • श्री @SushilModi जी,

    जहरीली शराब बनाना और पिलाना एक अपराधिक प्रवृत्ति है जो अपराध की श्रेणी में आता है। यह सिर्फ सारण की घटना नहीं है, पूरे देश की घटनाएं है। कुछ बोलने से पहले देशभर का अकड़ा देखिए। भाजपा सहित पुरा बिहार मानव श्रृंखला बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था, ध्यान है न...! pic.twitter.com/zMTkfJ4EeH

    — Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) December 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सुमो ने नीतीश सरकार पर साधा था निशाना : इससे पहले रविवार को सुशील कुमार मोदी ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं देने को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा बिहार सरकार पीड़ितों के परिजनों के प्रति असंवेदनशील है. भाजपा नेता ने कहा कि उनमें से अधिकांश गरीब महिलाएं और बच्चे थे. जिन्होंने जहरीली शराब त्रासदी में अपने रोजी-रोटी कमाने वालों को खो दिया.

पटना : बिहार के सारण में जहरीली शराब कांड (Chapra Hooch Tragedy) को लेकर नीतीश कुमार सरकार की आलोचना के बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अन्य राज्यों के आंकड़ों का हवाला देते हुए भाजपा पर हमला बोला और कहा कि मौतों के चार्ट में मध्य प्रदेश सबसे ऊपर है. ललन सिंह ने सुशील कुमार मोदी (Lalan Singh Attack On Sushil Modi) को टैग करते हुए एक ट्वीट में उनसे बिहार सरकार पर आरोप लगाने से पहले दूसरे राज्यों के आंकड़े भी देखने को कहा.

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ललन सिंह ने ट्वीट कर कहा, जहरीली शराब बनाना और बेचना एक आपराधिक कृत्य है. यह केवल सारण की घटना नहीं है, बल्कि पूरे देश में हुई है. दूसरों से बात करने से पहले आपको डेटा देखना चाहिए. बिहार ने शराब के खिलाफ सबसे बड़ी ह्यूमन चेन बनाई थी और उसमें बीजेपी भी शामिल थी. उन्हें याद रखना है.

आंकड़ों के जरिए दिखाया आइना : आंकड़ों का हवाला देते हुए, ललन सिंह ने कहा, नीतीश कुमार सरकार ने 1 अप्रैल, 2016 को शराबबंदी लागू की थी. 2016 से 2021 तक मध्य प्रदेश में शराब त्रासदी या शराब की खपत के कारण 1322 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. दूसरी ओर, बिहार में इस अवधि के दौरान केवल 23 मौतें दर्ज की गईं, जो देश में सबसे कम थी. मध्य प्रदेश और बिहार के अलावा, कर्नाटक में 1013, पंजाब में 852, उत्तर प्रदेश में 425, राजस्थान में 330, झारखंड में 487, हिमाचल प्रदेश में 234, हरियाणा में 489, छत्तीसगढ़ में 535, आंध्र प्रदेश में 293, पुडुचेरी में 172, दिल्ली में 116, गुजरात में 54 और पश्चिम बंगाल में 24 मौतें दर्ज की गईं. देश भर में 2016 में शराब त्रासदी के कारण कुल 1054 लोगों ने अपनी जान गंवाई. 2017 में 1510, 2018 में 1365, 2019 में 1296 और 2020 में 947 लोगों की जान गई.

  • श्री @SushilModi जी,

    जहरीली शराब बनाना और पिलाना एक अपराधिक प्रवृत्ति है जो अपराध की श्रेणी में आता है। यह सिर्फ सारण की घटना नहीं है, पूरे देश की घटनाएं है। कुछ बोलने से पहले देशभर का अकड़ा देखिए। भाजपा सहित पुरा बिहार मानव श्रृंखला बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था, ध्यान है न...! pic.twitter.com/zMTkfJ4EeH

    — Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) December 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सुमो ने नीतीश सरकार पर साधा था निशाना : इससे पहले रविवार को सुशील कुमार मोदी ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं देने को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा बिहार सरकार पीड़ितों के परिजनों के प्रति असंवेदनशील है. भाजपा नेता ने कहा कि उनमें से अधिकांश गरीब महिलाएं और बच्चे थे. जिन्होंने जहरीली शराब त्रासदी में अपने रोजी-रोटी कमाने वालों को खो दिया.

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