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मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल में सुविधाओं का है घोर अभाव, कर्मचारियों की भी कमी - मसौढ़ी अस्पताल में दवाइयों का अभाव

मिनी पीएमसीएच कहे जाने वाला मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल में मरीजों के लिए कोई सुविधा नहीं है. अल्ट्रासाउंड करने वाली मशीन और एक्सरे एक साल से बंद पड़ा है. एनेस्थीसिया का कोई डॉक्टर तैनात नहीं है.

मसौढ़ी अस्पताल
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Published : Mar 10, 2021, 8:01 PM IST

पटना(मसौढ़ी): मिनी पीएमसीएच कहे जाने वाला मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल में मरीजों के लिए सुविधाओं का घोर अभाव है. एनेस्थीसिया के डॉक्टर की तैनाती नहीं होने से कई बड़े ऑपरेशन बाधित हो रहे हैं. इतना ही नहीं एनेस्थीसिया की दवाएं एक्सपायरी के कगार पर है. वहीं, अस्पताल के विभागों में कर्मचारियों का अभाव है.

पढ़ें: केंद्र ने ठुकराई नीतीश सरकार की अनुशंसा, 'जाति' की सियासत करने वालों को झटका

मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड और एक्सरे बंद
मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल में बंध्याकरण के अलावा कोई ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं. अल्ट्रासाउंड करने वाली मशीन और एक्सरे एक साल से बंद पड़ा है. अस्पताल में हड्डी के डॉक्टर और वार्ड बॉय तैनाती भी नहीं हुई है. जिससे ट्रॉली की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मरीजों को परिजन उठाकर ले जाते है अस्पताल
नतीजतन मरीजों को उनके बेड तक पहुंचाने के लिए मरीज के परिजन ही उठाकर ले जाते हैं. कहने के लिए तो इस अनुमंडल अस्पताल में 18 डॉक्टर हैं, लेकिन सभी नियमित रूप से नहीं आते हैं. अस्पताल में कई तरह की समस्याएं हैं. जिसपर कोई बोलने को तैयार नहीं है.

जरुरत पड़ने पर दवाइयों का अभाव
मसौढ़ी का अनुमंडल अस्पताल बने 12 वर्ष हो चुके हैं. आज भी इस अस्पताल का आमूलचूल परिवर्तन नहीं हो पाया है. चर्म रोग से संबंधित कोई भी दवा इस अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. जरूरत के मुताबिक यहां पर दवाइयों का भी घोर अभाव है. मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी संजीता रानी ने बताया कि एनेस्थीसिया और हड्डी के डॉक्टर नहीं है. चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों का घोर अभाव है.

पटना(मसौढ़ी): मिनी पीएमसीएच कहे जाने वाला मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल में मरीजों के लिए सुविधाओं का घोर अभाव है. एनेस्थीसिया के डॉक्टर की तैनाती नहीं होने से कई बड़े ऑपरेशन बाधित हो रहे हैं. इतना ही नहीं एनेस्थीसिया की दवाएं एक्सपायरी के कगार पर है. वहीं, अस्पताल के विभागों में कर्मचारियों का अभाव है.

पढ़ें: केंद्र ने ठुकराई नीतीश सरकार की अनुशंसा, 'जाति' की सियासत करने वालों को झटका

मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड और एक्सरे बंद
मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल में बंध्याकरण के अलावा कोई ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं. अल्ट्रासाउंड करने वाली मशीन और एक्सरे एक साल से बंद पड़ा है. अस्पताल में हड्डी के डॉक्टर और वार्ड बॉय तैनाती भी नहीं हुई है. जिससे ट्रॉली की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मरीजों को परिजन उठाकर ले जाते है अस्पताल
नतीजतन मरीजों को उनके बेड तक पहुंचाने के लिए मरीज के परिजन ही उठाकर ले जाते हैं. कहने के लिए तो इस अनुमंडल अस्पताल में 18 डॉक्टर हैं, लेकिन सभी नियमित रूप से नहीं आते हैं. अस्पताल में कई तरह की समस्याएं हैं. जिसपर कोई बोलने को तैयार नहीं है.

जरुरत पड़ने पर दवाइयों का अभाव
मसौढ़ी का अनुमंडल अस्पताल बने 12 वर्ष हो चुके हैं. आज भी इस अस्पताल का आमूलचूल परिवर्तन नहीं हो पाया है. चर्म रोग से संबंधित कोई भी दवा इस अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. जरूरत के मुताबिक यहां पर दवाइयों का भी घोर अभाव है. मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी संजीता रानी ने बताया कि एनेस्थीसिया और हड्डी के डॉक्टर नहीं है. चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों का घोर अभाव है.

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