पटना: बीते बरस के लॉकडाउन की मार को शायद ही कोई भूला हो. सड़कों के वीरान होने के बाद लाखों मजदूर जब परदेस में अपने-अपने रोजगारों से हाथ धो बैठे थे तो वे हजारों मील पैदल सफर तय कर अपनी माटी और प्रदेश पहुंचे. अब एक बार फिर से कोरोना के बढ़ते मामलों ने उन प्रवासी मजदूरों के मन में भय की स्थिति पैदा की है. रोजगार के अभाव में दोबारा दिल्ली और मुंबई गए मजदूर, कोरोना के दूसरे लहर के बीच लॉकडाउन लगने के डर के चलते घर वापसी कर रहे हैं. इसका नजारा इन दिनों पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर देखने को मिल रहा है.
एकबार फिर छिन गया रोजगार
घर लौट रहे प्रवासियों की बड़ी संख्या महाराष्ट्र से आ रहे मजदूरों की है. मुबंई में कपड़ा दुकान में काम कर रहे दुर्गानंद ने बताया कि बीते आठ दिनों से मुबंई में वे खाली हाथ बैठे थे. रोजाना उन्हें दिहाड़ी के 400 रुपये मिलता था. पर कोरोना को देखते हुए वहां सबकुछ बंद कर दिया गया. जिसके चलते उन्हें घर लौटना पड़ा.
'8 रोज से खाली हाथ बैठे हुए थे. तो घर आ गए. यहां क्या करेंगे. देखते हैं, फिलहाल खेतीबाड़ी देखेंगे'.- दुर्गानंद, प्रवासी मजदूर
वहीं, मुबंई में ज्वेलरी के दुकान में काम कर रहे देवेंद्र कुमार ने रोजगार कम हो गया था, और घर में शादी थी तो वापस आ गए हैं. उन्होंने कहा कि जैसे ही कोरोना के मामलों में कमी आएगी, फिर काम की तालाश में मुंबई जाना ही पड़ेगा. वहीं, मुंबई से लौट रहीं गायत्री देवी ने कहा कि मुंबई में कभी भी लॉकडाउन लग सकता है. जिसे भय से वे पहले ही एहतियातन घर लौट आयी हैं.
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