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मसौढ़ी में मजदूरों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन, कानून वापस लेने की मांग

मसौढ़ी में मजदूरों ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने श्रम कोड कानून वापस लेने की मांग की.

masaurhi
सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
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Published : Sep 16, 2020, 8:09 PM IST

पटना: मसौढ़ी में आयोजित मजदूर अधिकार बचाओ आंदोलन के तहत मजदूरों ने विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान दर्जनों मजदूरों ने एक्टू के बैनर तले केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते हुए अपनी पांच सूत्री मांग रखी.

कानून वापस लेने की मांग
श्रम कोड वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए आंदोलनकारियों ने कहा की 12 घंटे का श्रम दिवस बनाना अंग्रेज निती दर्शाता है. मोदी सरकार के खिलाफ यह आंदोलन लगातार चलता रहेगा. जिसमें मजदूरों के अधिकार, लोकतंत्र, बर्बर हमले और साथ ही प्रवासी मजदूरों की समस्या समेत निजीकरण वेतन कटौती, 12 घंटे काम करने वाला कानून वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन किया गया.

कलेक्ट्रेट के सामने जुलूस
मिली जानकारी के अनुसार मजदूरों की समस्या को लेकर बुधवार को विभिन्न प्रखंडों में अभियान चलाते हुए 28 सितंबर को पटना कलेक्ट्रेट के समक्ष जुलूस निकाला जायेगा. जिसमें पटना जिला के हजारों की संख्या में मजदूर शामिल होंगे.


मजदूर नीति का विरोध
एक्टू ने केंद्र सरकार की मजदूर नीति का विरोध करते हुए आंदोलन शुरू कर दिया है. वहीं उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है. ऑल इंडिया सेंट्रल कांउसिल ऑफ ट्रेड युनियन के बैनर तले सभी मजदूरों का इन दिनों आंदोलन चल रहा है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी
आंदोलनकारियों ने मजदूरों के पक्ष में कानून बनाने की मांग की, प्रदर्शनकारियों ने मजदूर हितैषी 44 श्रम कानून को रद्द कर चार संहि कानून बनाने का निणर्य लिया है. नये संहिता में संगठित और असंगठित क्षेत्र के चालीस करोड़ मजदूरों के जनतांत्रिक अधिकार, सामाजिक सुरक्षा, न्यूनतम मजदूरी और काम के घंटे जैसे नियमों को कॉरपोरेट और आउटसोर्सिंग कंपनियों के पक्ष में करने का आरोप लगाया जा रहा है.
आंदोलनकारियों ने कहा कि यह कानून जनतंत्र को कुचलने वाला कानून है. इस पर सरकार को पुनः विचार करने की जरूरत है. अन्यथा पूरे देश में उग्र आंदोलन होगा.

पटना: मसौढ़ी में आयोजित मजदूर अधिकार बचाओ आंदोलन के तहत मजदूरों ने विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान दर्जनों मजदूरों ने एक्टू के बैनर तले केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते हुए अपनी पांच सूत्री मांग रखी.

कानून वापस लेने की मांग
श्रम कोड वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए आंदोलनकारियों ने कहा की 12 घंटे का श्रम दिवस बनाना अंग्रेज निती दर्शाता है. मोदी सरकार के खिलाफ यह आंदोलन लगातार चलता रहेगा. जिसमें मजदूरों के अधिकार, लोकतंत्र, बर्बर हमले और साथ ही प्रवासी मजदूरों की समस्या समेत निजीकरण वेतन कटौती, 12 घंटे काम करने वाला कानून वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन किया गया.

कलेक्ट्रेट के सामने जुलूस
मिली जानकारी के अनुसार मजदूरों की समस्या को लेकर बुधवार को विभिन्न प्रखंडों में अभियान चलाते हुए 28 सितंबर को पटना कलेक्ट्रेट के समक्ष जुलूस निकाला जायेगा. जिसमें पटना जिला के हजारों की संख्या में मजदूर शामिल होंगे.


मजदूर नीति का विरोध
एक्टू ने केंद्र सरकार की मजदूर नीति का विरोध करते हुए आंदोलन शुरू कर दिया है. वहीं उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है. ऑल इंडिया सेंट्रल कांउसिल ऑफ ट्रेड युनियन के बैनर तले सभी मजदूरों का इन दिनों आंदोलन चल रहा है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी
आंदोलनकारियों ने मजदूरों के पक्ष में कानून बनाने की मांग की, प्रदर्शनकारियों ने मजदूर हितैषी 44 श्रम कानून को रद्द कर चार संहि कानून बनाने का निणर्य लिया है. नये संहिता में संगठित और असंगठित क्षेत्र के चालीस करोड़ मजदूरों के जनतांत्रिक अधिकार, सामाजिक सुरक्षा, न्यूनतम मजदूरी और काम के घंटे जैसे नियमों को कॉरपोरेट और आउटसोर्सिंग कंपनियों के पक्ष में करने का आरोप लगाया जा रहा है.
आंदोलनकारियों ने कहा कि यह कानून जनतंत्र को कुचलने वाला कानून है. इस पर सरकार को पुनः विचार करने की जरूरत है. अन्यथा पूरे देश में उग्र आंदोलन होगा.

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