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जगन्नाथ मिश्र के निधन पर श्रम मंत्री और शिक्षा मंत्री समेत कई नेताओं ने जताया शोक - krishan nandan verma on jagarnath mishra

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति मो. हारुण रशीद ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है

जगन्नाथ मिश्र के निधन पर श्रम मंत्री और शिक्षा मंत्री समेत कई नेताओं ने जताया शोक
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Published : Aug 19, 2019, 2:14 PM IST

पटना : पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का दिल्ली में निधन हो गया है. उनके निधन से बिहार की राजनीति में शोक की लहर है. शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने इसे व्यक्तिगत क्षति बताया है. वहीं बिहार के श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार के विकास में डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है. परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके शोक संतप्त परिवार को इस दुख की घड़ी में धैर्य रखने की शक्ति प्रदान करे.

जगन्नाथ मिश्र के निधन पर नेताओं ने जताया शोक

सभापति मो. हारुण रशीद ने भी जताया शोक
वहीं बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति मो. हारुण रशीद ने भी पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा है कि डॉ. साहब बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रहे और मिथिलांचल के सर्वमान्य राजनीतिज्ञ थे. वह 90 के दशक में केंद्रीय कैबिनेट के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री भी रहे थे. बिहार में डॉ. मिश्रा का नाम बड़े नेताओं के तौर पर जाना जाता है.

तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा
बता दें कि डॉ. जगन्नाथ मिश्रा ने प्रोफेसर के रूप में अपना कैरियर शुरू किया था. बचपन से ही उनकी रुचि राजनीति में थी. जगन्नाथ मिश्रा तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. 82 वर्षीय जगन्नाथ मिश्रा का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली में निधन हो गया है. चारा घोटाले में उन्हें कई महीने जेल में भी बिताने पड़े थे. वह केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर राज्य में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है. उनका अंतिम संस्कार 21 अगस्त को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.

पटना : पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का दिल्ली में निधन हो गया है. उनके निधन से बिहार की राजनीति में शोक की लहर है. शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने इसे व्यक्तिगत क्षति बताया है. वहीं बिहार के श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार के विकास में डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है. परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके शोक संतप्त परिवार को इस दुख की घड़ी में धैर्य रखने की शक्ति प्रदान करे.

जगन्नाथ मिश्र के निधन पर नेताओं ने जताया शोक

सभापति मो. हारुण रशीद ने भी जताया शोक
वहीं बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति मो. हारुण रशीद ने भी पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा है कि डॉ. साहब बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रहे और मिथिलांचल के सर्वमान्य राजनीतिज्ञ थे. वह 90 के दशक में केंद्रीय कैबिनेट के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री भी रहे थे. बिहार में डॉ. मिश्रा का नाम बड़े नेताओं के तौर पर जाना जाता है.

तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा
बता दें कि डॉ. जगन्नाथ मिश्रा ने प्रोफेसर के रूप में अपना कैरियर शुरू किया था. बचपन से ही उनकी रुचि राजनीति में थी. जगन्नाथ मिश्रा तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. 82 वर्षीय जगन्नाथ मिश्रा का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली में निधन हो गया है. चारा घोटाले में उन्हें कई महीने जेल में भी बिताने पड़े थे. वह केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर राज्य में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है. उनका अंतिम संस्कार 21 अगस्त को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.

Intro:बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के निधन पर विधान परिषद के सभापति ने शोक व्यक्त किया है। इसके साथ बिहार के शिक्षा मंत्री और श्रम मंत्री ने भी उनके निधन पर शोक जताया है।


Body:बिहार के श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार के विकास में डॉ जगन्नाथ मिश्रा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके शोक संतप्त परिवार को इस दुख की घड़ी में धैर्य रखने की शक्ति प्रदान करे।
शिक्षा मंत्री कृष्ण भगवान है भी डॉ जगन्नाथ मिश्र के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है शिक्षा मंत्री ने इसे अपनी व्यक्तिगत क्षति बताया है।
विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारून रशीद में कहा कि डॉ जगन्नाथ मिश्र बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रहे और मिथिलांचल के सर्वमान्य राजनीतिज्ञ थे। वह 90 के दशक में केंद्रीय कैबिनेट के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री भी रहे थे। बिहार में डॉक्टर मिश्र का नाम बड़े नेताओं के तौर पर जाना जाता है। डॉ जगन्नाथ मिश्र मित्र के रूप में अपना करियर शुरू किया था। उनकी रुचि राजनीति में बचपन से ही थी उनकी कमी हमें खलेगी। हमारे लिए यह अपूरणीय क्षति है।


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