पटना: बिहार में लंबे समय से लव-कुश वोट बैंक पर नीतीश कुमार अपनी दावेदारी करते रहे हैं. बदली परिस्थितियों में नीतीश कुमार को लग रहा है कि कुशवाहा वोट बैंक को बीजेपी अपने पक्ष में करने की पूरी तैयारी कर ली है. भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष इस वर्ग से आने वाले सम्राट चौधरी को बनाया है. उपेंद्र कुशवाहा को भी अपने साथ मिला लिया. इन्हीं सब को देखते हुए नीतीश कुमार ने कुशवाहा राजनीतिक चेतना मंच (JDU Kushwaha rajnitik chetana manch) को सक्रिय किया है.
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विशेष टास्क दियाः पार्टी के तमाम कुशवाहा नेता को इसके माध्यम से टास्क दिया गया है. कुशवाहा चेतना मंच की बैठक भी शुरू हो गई है. आने वाले दिनों में कुशवाहा वोट बैंक को साधने के लिए इसके माध्यम से कई कार्यक्रम भी होंगे. पहले यह मंच स्वतंत्र रूप से काम करता था लेकिन, अब जदयू के लिए ही कुशवाहा चेतना मंच काम करेगा. जिसमें पार्टी के मंत्री प्रदेश अध्यक्ष लेकर सभी विधायक और नेता शामिल हैं. पार्टी की तरफ से कुशवाहा वोट बैंक को साधने के लिए विशेष टास्क दिया गया है.
मंत्री के घर पर बैठकः उपेंद्र कुशवाहा ने भी जदयू छोड़कर अपनी नई पार्टी बना ली है. बीजेपी के साथ 2024 और 2025 में गठबंधन करने वाले हैं. इस कारण जदयू की नींद उड़ी हुई है. इसी को लेकर नीतीश कुमार ने कुशवाहा राजनीतिक चेतना मंच को एक्टिव किया है. इसमें जदयू के कुशवाहा समाज से आने वाले सभी विधायकों, पूर्व विधायकों और नेता को जोड़ा है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष भी कुशवाहा समाज से आते हैं. पिछले दिनों मंत्री जयंत राज कुशवाहा के घर पर कुशवाहा राजनीतिक चेतना मंच की बैठक भी हुई थी.
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कुशवाहा राजनीतिक चेतना मंच की बैठक भी हुई थी. 2024 के लिए इस मंच के माध्यम से जदयू को कैसे मजबूती मिले उस पर काम हो रहा है और नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने के लिए अपनी ताकत दे रहा है- जयंत राज, मंत्री
दिग्भ्रमित करने में लगे हैंः कुशवाहा राजनीतिक मंच के नेता वासुदेव कुशवाहा का कहना है समता पार्टी के समय से कुशवाहा समाज नीतीश कुमार के साथ है. लेकिन कुछ लोग कुशवाहा समाज को दिग्भ्रमित करने में लगे हैं. समाज को जागरूक करने साथ ही बीजेपी जैसी पार्टियां जिसे अपनी पार्टी में जब कोई नेता नहीं मिला तो दूसरे दल से आए कुशवाहा समाज के सम्राट चौधरी को अध्यक्ष बनाना पड़ा. यह केवल वोट बैंक के लिए किया गया तो इससे कुशवाहा समाज को अलर्ट करने के लिए हम लोगों ने काम शुरू कर दिया है.
नीतीश खेमे में बेचैनीः उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के नेता और बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि नीतीश कुमार अब कुछ भी कर ले कुशवाहा उनके पास जाने वाला नहीं है. बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा का तो यहां तक कहना है कि जब से सम्राट चौधरी प्रदेश अध्यक्ष बने हैं नीतीश खेमे में बेचैनी है. इसलिए इस तरह के मंच के माध्यम से कुशवाहा वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन, सफलता नहीं मिलेगी.
सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया: 2020 में 16 कुशवाहा विधायक चुनाव जीते. जिसमें बीजेपी के 3, जदयू के 4, आरजेडी के 4, सीपीआईएमएल के 4 और सीपीआई के 1 विधायक चुने गए. 2020 में 9 कुर्मी उम्मीदवार विधायक चुनाव जीते थे. जिसमें से जदयू के 7 विधायक और बीजेपी के दो विधायक हैं. 2020 का जब चुनाव हुआ था उसमें नीतीश कुमार एनडीए में थे, लेकिन अब महागठबंधन में हैं. अभी कुशवाहा और कुर्मी विधायकों की बात करें तो अधिकांश महागठबंधन के पास है. लेकिन जिस प्रकार से बीजेपी ने सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है उससे जदयू खेमे में बेचैनी है.
उपेंद्र कुशवाहा और सम्राट चौधरी की काटः बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार कुर्मी चेतना रैली के माध्यम से अपनी पकड़ बनाई थी और लालू प्रसाद से हिस्सेदारी की मांग की थी नहीं मिली तो लालू प्रसाद यादव का साथ छोड़ा था. लालू प्रसाद यादव को सत्ता से बाहर किया था. यही मांग पिछले दिनों उपेंद्र कुशवाहा की तरफ से भी हुई उपेंद्र कुशवाहा भी समता फुले परिषद के माध्यम से कुशवाहा को साधने की कोशिश करते रहे हैं. भले ही नीतीश कुमार जाति की राजनीति नहीं करने की बात करते हो लेकिन एक बार फिर से कुशवाहा राजनीतिक चेतना मंच के माध्यम से उपेंद्र कुशवाहा और सम्राट चौधरी की काट खोजने में लगे हैं.