पटनाः हड़ताली शिक्षकों पर सरकार की सख्ती जारी है. बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने एक बार फिर नियोजित शिक्षकों के हड़ताल पर आश्चर्य जताते हुए कहा है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने समान काम समान वेतन के लिए ना कर दिया तो फिर इस हड़ताल का मतलब क्या है?
'हंगामा कर रहे हैं शिक्षक'
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन के बजाय शिक्षक हंगामा कर रहे हैं. जिसके कारण सरकार को कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ा है. हालांकि परीक्षा का संचालन सुचारू रूप से हो रहा है. लेकिन परीक्षा में व्यवधान उत्पन्न करने और ड्यूटी करने वालों को परेशान करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होगी.
'सरकार को किया मजबूर'
हड़ताली शिक्षकों की बर्खास्तगी और प्राथमिकी दर्ज किए जाने की बात को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार को कार्रवाई के लिए शिक्षक ही बाध्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैट्रिक की परीक्षा भी बिहार में 17 फरवरी से शुरू हुई है यह जानते हुए भी शिक्षक उसी दिन से हड़ताल कर रहे हैं.
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'शिक्षकों की भलाई चाहती है सरकार'
कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि हमारी सरकार हमेशा नियोजित शिक्षकों का भला चाहती है, लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने यह कह दिया कि समान काम के लिए समान वेतन नहीं मिल सकता तो फिर इस हड़ताल का कोई मतलब ही नहीं है.
17 फरवरी से हड़ताल पर हैं शिक्षक
बता दें कि बिहार में शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति से जुड़े करीब 28 संगठनों के लाखों शिक्षक 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. पुराने शिक्षकों की तरह वेतनमान, पुराने शिक्षकों की तरह सेवा शर्त और पुरानी पेंशन योजना के साथ नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं.