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राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण की 37वीं वार्षिक बैठक में कोसी-मेची नदी जोड़ योजना पर चर्चा

जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) की 37वीं वार्षिक सामान्य बैठक तथा नदी जोड़ परियोजना के लिए गठित विशेष समिति (SCILR) की 21वीं बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में उन्होंने कोसी-मेची लिंक सहित कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर चर्चा की.

राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 14, 2023, 10:52 PM IST

पटना: जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) की 37वीं वार्षिक सामान्य बैठक तथा नदी जोड़ परियोजना के लिए गठित विशेष समिति (SCILR) की 21वीं बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए. संजय कुमार झा ने कहा कि भौगोलिक परिस्थितियों के कारण उत्तर बिहार का बड़ा इलाका जहां नेपाल से आने वाली नदियों की बाढ़ की विभीषिका झेलता है, वहीं दक्षिण बिहार के कई जिले सूखे से प्रभावित होते हैं. राज्य को बाढ़ एवं सूखे की समस्या से राहत दिलाने के लिए राज्य के अंदर की नदियों को जोड़ने की योजना तैयार किया जाना अत्यंत जरूरी है.

कोसी-मेची नदी जोड़ परियोजनाः बिहार सरकार के प्रयासों से राज्य के अंदर की नदियों को जोड़ने की योजनाओं की डीपीआर तैयार करने का दायित्व राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण को दिया गया है. राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण ने कोसी-मेची नदी जोड़ परियोजना का वर्किंग डीपीआर तैयार कर मार्च 2024 तक उपलब्ध करने आश्वासन दिया है. मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार की महत्वाकांक्षी कोसी मेची नदी जोड़ परियोजना को नेशनल पर्सपेक्टिव प्लान में शामिल करते हुए 60 (केंद्रांश): 30 (केंद्रीय ऋण): 10 (राज्यांश) के फंडिंग पैटर्न पर स्वीकृति दी जाये. उन्होंने कहा कि यदि 60 (केंद्रांश): 40 (राज्यांश) के फंडिंग पैटर्ऩ पर स्वीकृति प्रदान की जाती है, तो राज्यांश की राशि के लिए विश्व बैंक से ऋण प्राप्त करने की अनुमति प्रदान की जाये.


इंट्रा स्टेट रिवर लिंकिंग स्कीमः संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार की इंट्रा स्टेट रिवर लिंकिंग स्कीम के तहत कोसी (बागमती)-गंगा लिंक एवं बूढ़ी गंडक-नून-वाया-गंगा लिंक की संभावना पर विचार किया जा रहा है. इन लिंक योजनाओं के लिए एनडब्ल्यूडीए का सहयोग अपेक्षित है. उन्होंने बताया कि बिहार में बागमती बूढ़ी गंडक (बेलवाधार) नदी जोड़ योजना, बागमती- बूढ़ी गंडक (शांतिधार) नदी जोड़ योजना एवं गंडक अकाली नाला (छाड़ी)- गंडकी माही- गंगा नदी जोड़ योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. बागमती बूढ़ी गंडक (बेलवाधार) नदी जोड़ योजना एवं बागमती बूढ़ी गंडक (शांतिधार) नदी जोड़ योजना को बाढ़ नियंत्रण कार्यक्रम (FMP) के तहत सम्मिलित किये जाने हेतु प्रस्ताव गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (GFCC) को समर्पित किया गया है.

बाढ़ के प्रभाव को कम किया जा सकता हैः उन्होंने कहा कि उत्तर बिहार में बागमती, कमला एवं कोशी बेसिन तथा दक्षिण बिहार में पुनपुन, किउल हरोहर बेसिन में छोटी-छोटी नदियों को आपस में जोड़ते हुए इन क्षेत्रों में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के साथ-साथ सिंचाई देने की योजनाओं की असीम संभावनाएं हैं. बिहार राज्य गंगा नदी घाटी बेसिन का एक सहभागी राज्य है. अतः गंगा नदी घाटी बेसिन में ऊपरी तटवर्ती राज्यों द्वारा कोई भी योजना प्रतिवेदन तैयार किया जाता है, तो उस पर बिहार सरकार का मंतव्य प्राप्त किया जाना अनिवार्य होना चाहिए.


ये रहे मौजूद: मंत्री संजय कुमार झा ने राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण के पटना स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को और मजबूत करने का भी अनुरोध किया. बैठक में केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री विशेश्वर टुडू, केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष खुशविंदर वोहरा, टास्क फोर्स ऑन इंटरलिंकिनिंग ऑफ रीवर्स के अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे के अलावा कई राज्यों के मंत्री एवं वरीय अधिकारी जुड़े थे. इस दौरान सिंचाई भवन, पटना में अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद एवं जल संसाधन विभाग के अन्य वरीय अधिकारी मौजूद रहे.

इसे भी पढ़ेंः JDU मंत्री संजय झा ने उठाया गंगा में गाद का मुद्दा, जलमार्ग मंत्रालय को लिखा पत्र

इसे भी पढ़ेंः नेपाल में भारी बारिश से बिहार की कई नदियां उफान पर, जल संसाधन विभाग ने जारी किया अलर्ट

पटना: जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) की 37वीं वार्षिक सामान्य बैठक तथा नदी जोड़ परियोजना के लिए गठित विशेष समिति (SCILR) की 21वीं बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए. संजय कुमार झा ने कहा कि भौगोलिक परिस्थितियों के कारण उत्तर बिहार का बड़ा इलाका जहां नेपाल से आने वाली नदियों की बाढ़ की विभीषिका झेलता है, वहीं दक्षिण बिहार के कई जिले सूखे से प्रभावित होते हैं. राज्य को बाढ़ एवं सूखे की समस्या से राहत दिलाने के लिए राज्य के अंदर की नदियों को जोड़ने की योजना तैयार किया जाना अत्यंत जरूरी है.

कोसी-मेची नदी जोड़ परियोजनाः बिहार सरकार के प्रयासों से राज्य के अंदर की नदियों को जोड़ने की योजनाओं की डीपीआर तैयार करने का दायित्व राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण को दिया गया है. राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण ने कोसी-मेची नदी जोड़ परियोजना का वर्किंग डीपीआर तैयार कर मार्च 2024 तक उपलब्ध करने आश्वासन दिया है. मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार की महत्वाकांक्षी कोसी मेची नदी जोड़ परियोजना को नेशनल पर्सपेक्टिव प्लान में शामिल करते हुए 60 (केंद्रांश): 30 (केंद्रीय ऋण): 10 (राज्यांश) के फंडिंग पैटर्न पर स्वीकृति दी जाये. उन्होंने कहा कि यदि 60 (केंद्रांश): 40 (राज्यांश) के फंडिंग पैटर्ऩ पर स्वीकृति प्रदान की जाती है, तो राज्यांश की राशि के लिए विश्व बैंक से ऋण प्राप्त करने की अनुमति प्रदान की जाये.


इंट्रा स्टेट रिवर लिंकिंग स्कीमः संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार की इंट्रा स्टेट रिवर लिंकिंग स्कीम के तहत कोसी (बागमती)-गंगा लिंक एवं बूढ़ी गंडक-नून-वाया-गंगा लिंक की संभावना पर विचार किया जा रहा है. इन लिंक योजनाओं के लिए एनडब्ल्यूडीए का सहयोग अपेक्षित है. उन्होंने बताया कि बिहार में बागमती बूढ़ी गंडक (बेलवाधार) नदी जोड़ योजना, बागमती- बूढ़ी गंडक (शांतिधार) नदी जोड़ योजना एवं गंडक अकाली नाला (छाड़ी)- गंडकी माही- गंगा नदी जोड़ योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. बागमती बूढ़ी गंडक (बेलवाधार) नदी जोड़ योजना एवं बागमती बूढ़ी गंडक (शांतिधार) नदी जोड़ योजना को बाढ़ नियंत्रण कार्यक्रम (FMP) के तहत सम्मिलित किये जाने हेतु प्रस्ताव गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (GFCC) को समर्पित किया गया है.

बाढ़ के प्रभाव को कम किया जा सकता हैः उन्होंने कहा कि उत्तर बिहार में बागमती, कमला एवं कोशी बेसिन तथा दक्षिण बिहार में पुनपुन, किउल हरोहर बेसिन में छोटी-छोटी नदियों को आपस में जोड़ते हुए इन क्षेत्रों में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के साथ-साथ सिंचाई देने की योजनाओं की असीम संभावनाएं हैं. बिहार राज्य गंगा नदी घाटी बेसिन का एक सहभागी राज्य है. अतः गंगा नदी घाटी बेसिन में ऊपरी तटवर्ती राज्यों द्वारा कोई भी योजना प्रतिवेदन तैयार किया जाता है, तो उस पर बिहार सरकार का मंतव्य प्राप्त किया जाना अनिवार्य होना चाहिए.


ये रहे मौजूद: मंत्री संजय कुमार झा ने राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण के पटना स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को और मजबूत करने का भी अनुरोध किया. बैठक में केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री विशेश्वर टुडू, केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष खुशविंदर वोहरा, टास्क फोर्स ऑन इंटरलिंकिनिंग ऑफ रीवर्स के अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे के अलावा कई राज्यों के मंत्री एवं वरीय अधिकारी जुड़े थे. इस दौरान सिंचाई भवन, पटना में अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद एवं जल संसाधन विभाग के अन्य वरीय अधिकारी मौजूद रहे.

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