पटना : अब से एक महीने तक शादी विवाह पर पूर्ण रूप से पाबंदी रहेगी. अब अगले महीने 15 जनवरी तक शादी-विवाह या कोई भी मांगलिक काम नहीं हो पाएंगे. दरअसल, पंचांग के अनुसार शनिवार से खरमास शुरू हो गया है. खरमास में मान्यता है कि शादी विवाह के साथ कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि सनातन धर्म में पंचांग के अनुसार शनिवार शाम 4 बजे के बाद से खरमास शुरू हो गया है और 14 जनवरी को मध्यरात्रि के बाद 2:45 बजे समाप्त होगा.
"जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करता हैं तो उस दिन से लेकर मकर राशि में प्रवेश तक के काल को खरमास कहते हैं. खरमास के खत्म होने पर 15 जनवरी की सुबह से दिनभर मकर संक्रांति का दान-पुण्य काल रहेगा. खरमास के दौरान श्रद्धालु तिल व तेल से बनी वस्तुओं, गर्म वस्त्र आदि का दान-पुण्य करेंगे."- आचार्य मनोज मिश्रा
16 जनवरी से शुरू होंगे मांगलिक कार्य : आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि खरमास के दौरान शादी विवाह के साथ-साथ शुभ मांगलिक कार्यक्रम भी नहीं किया जाता है. मुंडन, गृह प्रवेश, जमीन की खरीदारी, बिजनेस की शुरुआत इन तमाम चीजों पर पाबंदी रहती है. उन्होंने बताया कि 16 जनवरी से शादी विवाह और शुभ मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे. इस दौरान एक महीने तक भगवान की पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
भगवान विष्णु और सूर्य की पूजा का मिलता है विशेष फल : मनोज मिश्रा के अनुसार खास करके खरमास के दौरान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा करने से लोगों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. प्रतिदिन सुबह स्नान करके सूर्य देवता को जल दें. तुलसी पौधा में भी जल दें. इससे घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है और तरक्की होती है. वहीं जो लोग प्रतिदिन ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जाप करते हैं. उनका रुका हुआ काम भी बन जाता है.
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