पटनाः बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन वित्त मंत्री सुशील मोदी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया. बजट में इस बार सबसे ज्यादा शिक्षा पर ध्यान दिया गया है. इस बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए 10 हजार 937 करोड़ का बजट पेश किया गया.
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए अहम घोषणाएं
⦁ इन्दिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, शेखपुरा, पटना (IGIMS) को सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के रूप में विकसित करने हेतु कुल शैय्याओं की वर्तमान संख्या 1,032 से बढ़ाकर 2,732 की जाएगी. 500 शैय्या के निर्माणाधीन अस्पताल के अतिरिक्त 513.21 करोड़ रुपये का लागत से 1,200 बेड के नए अस्पताल भवन का निर्माण किया जाएगा.
⦁ IGIMS में 138.00 करोड़ रुपये के व्यय से 100 बेड के अत्याधुनिक स्टेट कैंसर संस्थान का निर्माण कार्य अप्रैल 2020 तक संपन्न करा लिया जाएगा.
⦁ मुजफ्परपुर एंव आसपास के जिलों में फैली AES( Acute Encephalitis Syndrome) समूह की बीमारी के कारण श्री कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एंव अस्पताल, मुजफ्फरपुर के परिसर में 62.00 करोड़ रुपये की लागत से 100 बेड के शिसु गहन चिकित्सा यूनिट (PICU) के भवन एंव मरीजों के परिजनों के लिए धर्मशाला का निर्माण कार्य अप्रैल 2020 तक पूरा किया जाएगा तथा 682.00 करोड़ रुपये की लागत से 1,500 बेड के नए अस्पताल का निर्माण कराया जाएगा.
⦁ इस संस्थआन में टाटा मेमोरियल अस्पताल मुम्बई के सहयोग से 15 एकड़ भूमि में 200 करोड़ रुपये की लागत से कैंसर अस्पताल का निर्माण किया जाएगा.
⦁ एनएमसीएच पटना को 2500 बेड में परिवर्तित करने की योजना के प्रथम चरण में 600 बेड के मेडिसीन सह बच्चा वार्ड एंव ओपीडी ब्लॉक के भवन का निर्माण किया जाएगा.
⦁ राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल , पूर्णियां में स्वीकृत 300 बेड के अस्पताल का 87.78 करोड़ रू के व्यय से 500 बेड के अस्पताल में उन्नयन किया जायेगा.
⦁ निजी प्रक्षेत्र में मधुबनी में 150 एवं सहरसा में 100 एमबीबीएस नामांकन क्षमता के साथ वर्ष 2019 से पढ़ाई प्रारंभ कर दी गयी है तथा मुजफ्फरपुर एवं बिहटा, पटना में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु अनिवार्यता प्रमाण पत्र भी निर्गत की गयी है.
⦁ लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल, राजवंशीनगर ,पटना में 12.38 करोड़ रू की लागत से 30 बेड का ट्रामा सेन्टर तथा 215.00 करोड़ रू की लागत से 400 बेड के अत्यंत विशिष्ट अस्पताल-सह-ट्रामा सेंटर का निर्माण किया जा रहा है.
⦁ लगभग 172.95 करोड़ रू के लागत से 9 जिला अस्पतालों यथा- आरा, अररिया, वैशली, औरंगाबाद, बांका , पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी एंव सहरसा का मॉडल अस्पताल के रूप में उन्नयन किया जाएगा. वर्ष 2020-21 में 12 जिला अस्पतालों यथा- बेगूसाराय, भागलपुर, गया, गोपालगंज, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, नालंदा, पटना, रोहतास, समस्तीपुर एंव सिवान का भी उन्नयन किया जायेगा.
⦁ राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों एवं जिला/ सदर अस्पतालों में भर्ती मरीजों के पहनने का वस्त्र हेतु पोशाक योजना लागू किया गया है.
⦁ बच्चों में निमोनिया से होने वाले मृत्यु की रोकथाम एंव प्रबंधन हेतु वर्ष 2020-21 में मुजफ्फरपुर एंव नालंदा में SAAS कार्यक्रम क्रियान्वित किया जायेगा .
⦁ देश में पहली बार बिहार के लिये मानक बनाते हुए साज्य के स्वास्थ्य संश्थानों को लिए EDL की भाति Essential Equipments List (EEL) विकसित किया जा रहा है.
⦁ सभी जिला अस्पतालों में पूर्विकता प्राप्त परिवारों को निशुल्क डायलिसिस सेवा प्रदान करने हेतु वर्ष 2020-21 में प्रधानमंत्री निशुल्क राष्ट्रीय डायलेसिस कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा.
⦁ शिशु के जन्मोपरांत उसके देखभाल हेतु आशा के द्वारा तीसरे , छठे, नौवे , बारहवें एंव पन्द्रहवें महीने में अर्थात कुल 05 बार गृह भ्रमण 50 रू की दर से कुल 250 रू की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी.
⦁ बिल मिलिन्डा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में चलाये जा रहे कार्यक्रमों को 5 वर्षों के लिए विस्तारित किया गया है.
बिहार में पेश हुआ ग्रीन बजट
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी बिहार के वित्त मंत्री के रूप में 13वीं बार बजट पेश किया. इस साल पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में पिछले साल बजट का आकार 2 लाख 501 करोड़ का था. इस साल बिहार में ग्रीन बजट पेश किया गया. ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है.
दूसरे हाफ में पेश किया गया बजट
विधानमंडल में सदन की कार्यवाही आज 11:00 बजे से शुरू हुई. सदन की शुरुआत में सबसे पहले प्रश्नकाल, फिर शून्यकाल और फिर ध्यानाकर्षण हुआ. जिसके बाद दूसरे हाफ में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सदन में बजट पेश किया. विधानमंडल सत्र की शुरुआत 24 फरवरी से शुरू हुई है, जो 22 दिन चलेगी.