पटना: खेतों में फसल की पैदावार बढ़ाने को लेकर इन दिनों किसान तरह-तरह के रासायनिक खाद का प्रयोग कर रहे हैं. जिससे न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति खत्म हो रही है बल्कि फसल भी खराब हो रहे हैं. ऐसे में जैविक खाद को लेकर सरकार भी कई तरह के कार्यक्रम चला रही है.
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गांव-गांव में जागरूकता
मसौढ़ी के रघुनाथपुर गांव के कौशल सिंह किसानों को जागरूक कर रहे हैं. जैविक खाद को लेकर गांव-गांव में जागरूकता फैला रहे हैं. अपने घर के बागीचे में 25 से 30 टन जैविक खाद बनाकर किसानों के बीच बांट रहे हैं और सरकार को भी भेज रहे हैं.
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खाद से बनी रहती है मिट्टी की उर्वरा शक्ति
बता दें कि जैविक खाद से मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है. साथ ही फसल की पैदावार भी अच्छी होती है. इस फसल से किसी भी इंसान के सेहत पर बुरा असर नहीं पड़ता है. वहीं कृषि प्रौद्योगिकी के पूर्व अध्यक्ष रामनंदन सिंह ने बताया कि जैविक खाद हर किसानों के लिए जरूरी है. रासायनिक खाद को छोड़कर जैविक खाद की और आगे बढ़ना चाहिए. जिससे न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहती है बल्कि फसलों की पैदावार अच्छी होती है. जैविक खाद में केचुआ बहुत ही फायदेमंद होता है. यह मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनाए रखता है.