पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगा मामले में क्लीन चिट मिल गया है. मामले की जांच कर रही नानावती आयोग ने तत्कालीन नरेंद्र मोदी की सरकार और उनके कैबिनेट के तमाम मंत्रियों को दंगा भड़काने या लोगों को उकसाने के आरोपों से मुक्त कर दिया है. गुजरात दंगा मामले में नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट मिलते ही देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस सवाल खड़े करने लगी है.
रिपोर्ट में विरोधाभास- कांग्रेस
कांग्रेस का मानना है कि नानावती आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि दंगे के दौरान स्थानीय पुलिस प्रशासन की कार्रवाई में उदासीनता थी. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी कहते हैं कि रिपोर्ट में विरोधाभास है. एक ओर जहां आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी, तो आयोग को ये भी समझना चाहिए कि पुलिस तत्कालीन राज्य सरकार के अधीन ही काम कर रही थी.
रिपोर्ट को दोबारा अध्ययन करने की आवश्यकता
कांग्रेस नेता कौकब कादरी ने साफ तौर से कहा कि रिपोर्ट को दोबारा अध्ययन करने की आवश्यकता है. रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन मोदी सरकार और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को दंगा भड़काने के मामले में क्लीनचिट दिया गया है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर किस कारण से तंग आकर इतना लंबा समय तक चला. उन्होंने कहा कि नगर के दौरान कांग्रेस के सांसद मोहम्मद जाफर की हत्या उनके घर में ही कर दी गई थी, जिनका मामला उनकी पत्नी के द्वारा कोर्ट में चलाया गया.