पटना: गुरुवार को राजधानी समेत पूरे प्रदेश में करवाचौथ धूम-धाम से मनाया गया. इस दिन शादीशुदा महिलाओं ने व्रत रखा और अपने पति के लंबे उम्र की कामना की. रंग-बिरंगे परिधानों में सोलह श्रृगांर कर महिलाएं चांद का इंतजार करती नजर आईं. जिसके बाद चांद निकलने पर सभी ने अपना व्रत खोला.
पटना के बैंक रोड के लेडीस विंग बिरादरी की ओर से लाला लाजपत राय मेमोरियल भवन में करवाचौथ के मौके पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान दर्जनों महिलाएं समारोह में हिस्सा लेने पहुंची. उन्होंने एक साथ गीत गाए और चांद को देखकर पूजा-अर्चना कर अपने पति के हाथों व्रत तोड़ा.
क्या है मान्यता ?
शास्त्रों के अनुसार यह व्रत कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी के दिन करना चाहिए. यह व्रत पति की दीर्घायु और अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन भालचन्द्र गणेश जी की अर्चना की जाती है. करवाचौथ में भी संकष्टीगणेश चतुर्थी की तरह दिन भर उपवास रखकर रात में चन्द्रमा को अर्ध्य देने के उपरांत ही भोजन करने का विधान है.
शादीशुदा महिलाओं को है अधिकार
इस व्रत की विशेषता यह है कि केवल सौभाग्यवती स्त्रियों को ही यह व्रत करने का ही अधिकार है. स्त्री किसी भी आयु, जाति, वर्ण, संप्रदाय की हो, सबको इस व्रत को करने का अधिकार है. मौजूदा समय में कुछ कुवांरी महिलाएं भी इस व्रत को रखती हैं.